बच्चों के लिए इन 5 कारणों से खेल है जरूरी, बनेंगे एक्टिव और तेज

खेलने से आपके बच्चे का शारीरिक और मानसिक विकास बेहतर ढंग से हो पाता है और उनकी संवाद शैली का भी विकास होता है। 
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बच्चों के लिए इन 5 कारणों से खेल है जरूरी, बनेंगे एक्टिव और तेज


आजकल की बढ़ती प्रतिस्पर्धा में हर माता-पिता अपने बच्चे को सबसे आगे देखना चाहते हैं। ऐसे में वे अपने बच्चे के सुनहरे भविष्य के लिए कुछ पाबंदियां भी लगाते हैं। जैसे बाहर खेलने न जाना, दोस्त के साथ घूमने से मना करना और तमाम ऐसी चीजें, जो उन्हें अपने बच्चे की सेहत और भविष्य के लिए सही नहीं लगती है लेकिन बढ़ते बच्चे के लिए खेलना बेहद आवश्यक है। शारीरिक गतिविधियों की कमी की वजह से बच्चों में शारीरिक निष्क्रियता, मोटापा और कई स्वास्थ्य समस्याएं हो रही है। खेलने से बच्चे में सीखने की क्षमता का विकास होता है। साथ ही उनमें आत्मसम्मान, टीमवर्क और क्रिएटिविटी भी सीखते हैं। इसलिए एक माता-पिता के तौर पर आपको उनके संपूर्ण विकास और सामाजिक रिश्तों को भी बढ़ावा देने के बारे में सीखना चाहिए। अगर आपका बच्चा दोस्तों के साथ नहीं खेलता है, तो इससे उनकी संवाद की क्षमता पर असर पड़ता है। फिर वे कहीं भी कुछ बोलने से घबराने लगते हैं। आइए जानते हैं कि बच्चों को खेलने देने से क्या-क्या लाभ मिल सकते हैं। 

बच्चे के लिए इन कारणों से खेलना जरूरी है 

1. आत्मसम्मान में सुधार

कई तरह के खेल खेलने से बच्चों के आत्मसम्मान में सुधार होता है। इससे उनके मन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। दरअसल जब खेल में आपकी टीम जीत जाती है या आपको कुछ अंक हासिल होते हैं, तो बच्चे के लिए वह बेहद सुखद क्षण होता है। इससे उनमें स्किल डेवलपमेंट के साथ-साथ धैर्य रखने की क्षमता का भी विकास होता है। इसके अलावा वह जीवन में अपने लक्ष्य को लेकर काफी दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ते हैं। इससे वह पढ़ाई में भी अच्छे होते हैं। 

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2. शारीरिक मजबूती आती है

खेलने से बच्चा अंदर से मजबूत बनता है और इससे उनका शारीरिक विकास तेजी से होता है। दरअसल खेलने के दौरान आपके शरीर में तेजी से ऑक्सीजन का संचार होता है। इससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर हो सकता है। साथ ही इससे आपके बच्चे का पाचन तंत्र भी अच्छा होता है। ऐसे में वे जो भी खाते हैं, उसका पाचन अच्छे से होता है। इसलिए, उन्हें खेलने के लिए प्रोत्साहित करें क्योंकि इससे उनका मानसिक विकास भी अच्छे से होता है क्योंकि खेलने के दौरान शरीर एंडोर्फिन नामक हार्मोन जारी करता है, जिससे शरीर में सकारात्मक भावना का संचार होता है। 

3. सामाजिक कौशल का विकास 

जब आपका बच्चा खेलकूद में भाग लेता है, तो वे कई तरह के सामाजिक कौशल का भी विकास कर पाते हैं। उन्हें दोस्त से बात करना, टीम भावना के साथ खेलना और दूसरों के प्रति स्वीकार्यता बढ़ती है। इससे उन्हें भविष्य में काफी मदद मिलती है। टीम कैप्टन के रूप में उनकी नेतृत्व की क्षमता का भी विकास होता है। इससे उनका आत्मविश्वास भी बढ़ता है।

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4. पढ़ाई में भी बेहतर कर पाते हैं

नियमित रूप से खेल खेलने वाले बच्चे आमतौर पर अपनी पढ़ाई में बेहतर प्रदर्शन करते हैं। इसका एक कारण यह भी है कि वे समर्पण और कड़ी मेहनत करने के सिद्धांत को अपनी पढ़ाई में भी लागू करते हैं। जिससे वह अपने सारे काम कुशलतापूर्वक करते हैं। साथ ही अपने वर्तमान पर अधिक ध्यान केंद्रित करते हैं। 

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5. संचार कौशल में सुधार 

यदि आपका बच्चा शर्मीला है और अपने आप में रहता है या दूसरों से बात करने के लिए शर्माता है, तो आपको उसे ऐसा खेल खेलने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए, जिससे उसके संचार कौशल में सुधार हो सके। अपने साथियों से बात करने से उनका मनोबल बढ़ता है। खेल के दौरान होने वाले द्वंद्व से भी बच्चे अपनी बात रखना सीखते हैं। 

(All Image Credit- Freepik.com)

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