यह बहुत दुख की बात है, जबकि बच्चों के हंसने खेलने की उम्र होती है, वह दुबक कर टीवी, मोबाइल या वीडियो गेम से चिपके नजर आते हैं। ऐसा ही कुछ हाल है, बड़े शहरों में रहने वाले बच्चों का। जबकि बच्चे के शारीरिक, मानसिक और व्यक्तिगत रूप से विकास के लिए बच्चों का खुले में बाकी बच्चों के साथ खेलना बहुत जरूरी होता है। बच्चों का खुले वातावरण में खेलना बहुत जरूरी हैं और बाहर खेलने के लिए काफी कुछ वैज्ञानिक लाभ भी हैं।
आंखों की रौशनी में सुधार
ऑप्टोमेट्री के एक अध्ययन में पाया गया कि जो बच्चे बाहर समय बिताते हैं या बाहर खुले में खेलते हैं, उनमें मुख्य रूप से घर के अंदर रहने या खेलने वाले बच्चों की तुलना में बेहतर विजन पावर होती है। यानि उनकी आंखों की रौशनी में सुधार होता है।
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सामाजिक कौशल को बढ़ावा
विशेषज्ञों का मानना है कि बच्चों को घर से बाहर खेलते हैं या समय बिताते हैं उनका सोशल स्किल्स अन्य बच्चों की तुलना अच्छी होती हैं। जैसे उनमें आत्मविश्वास, सवाल-जवाब करने की क्षमता और व्यवहार व जानकारी में भी बढोत्तरी होती है। अक्सर देखा गया है, जो बच्चे घर से बाहर कम निकलते हैं वह बुली होने का शिकार हो सकते हैं। आपस में खेलने व समय व्यतीत करने से बच्चे का विकास ज्यादा बेहतर रूप से होता है।
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तनाव को कम करता है
घर की चार दीवारी से बाहर खेलने और बाहर समय बिताना तनाव का एक बहुत बड़ा आउटलेट है। यह बच्चों में मानसिक तनाव को कम करने में काफी मददगार साबित हो सकता है। अध्ययनों में खुली हवा में टहलना, खेलना और एक्सरसाइज करने से तनाव को कम करने का दावा किया गया है। वजह यह है भी है कि प्रकृति के हरे रंग से तनाव को दूर करने में मदद मिलती है।
विटामिन डी
बच्चों के घर से बाहर खेलने से उनमें विटामिन डी की कमी को पूरा किया जा सकता है। कई बच्चों में खासकर की शहरों में रहने वाले बच्चों में विटामिन डी की कमी पाई जाती है। विटामिन डी कई स्वास्थ्य लाभों से जुड़ा है। इसलिए यह बच्चों में आगे भविष्य में हड्डियों से जुड़ी कोई समस्या व हृदय रोग से बचाव के लिए भी जरूरी है। सूर्य विटामिन डी का एक प्राकृतिक स्रोत है। इसलिए, अपने बच्चों को कुछ मिनट के लिए बिना सन स्क्रीन के सुबह के समय बाहर रखें, जिससे उन्हें विटामिन डी मिल सके।
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अटेंशन स्पैन बढ़ाता है
अध्ययनों से पता चला है कि बच्चों में अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (ADHD) के लक्षणों को कम करने के लिए खुली हवा में खेलना टहलना जरूरी है। एडीएचडी दिमाग से संबंधित विकार है जो बच्चों और बड़ों दोनों को होता है। बच्चों में इसके कुछ सामान्य लक्षण हैं जैसे- स्कूल और घर पर लापरवाही करना, बात न मानना, किसी भी काम को सही ढंग से ना करना, बातें भूलना या बहुत ज्यादा चंचल होना, चिल्लाना, सबर न कर पाना आदि। खुले में समय व्यतीत करने से बच्चे को डिसऑर्डर से बचाया जा सकता है।
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