Doctor Verified

शिशुओं को 1 साल की उम्र तक विटामिन डी सिरप देना क्यों जरूरी है? डॉक्टर से जानें

विटामिन डी शिशुओं के बेहतर शारीरिक और मानसिक विकास के लिए बहुत जरूरी माना जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं शुरुआती 1 साल तक शिशु को विटामिन डी सिरप पिलाना क्यों जरूरी होता है? 
  • SHARE
  • FOLLOW
शिशुओं को 1 साल की उम्र तक विटामिन डी सिरप देना क्यों जरूरी है? डॉक्टर से जानें


Why Is Vitamin D Important For Babies Till 1 Year in Hindi: विटामिन डी हमारे शरीर के लिए एक जरूरी पोषक तत्व है। शरीर में इसकी कमी होने से न सिर्फ कमजोरी महसूस होती है, बल्कि स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याएं भी बढ़ सकती है। विटामिन डी शिशुओं के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए भी बहुत जरूरी माना जाता है। लेकिन, शुरुआती 6 महीने शिशुओं को सिर्फ मां का दूध पिलाने की सलाह दी जाती है, क्योंकि उसमें सभी जरूरी पोषक तत्वों होते हैं। लेकिन, इसके बाद भी विटामिन डी एक ऐसा पोषक तत्व है, जिसे अक्सर शिशु को शुरुआती 1 साल तक अलग से दिया जाता है। ऐसे में आइए मुंबई के केटी क्लिनिक की बीएएमएस सीसीएच, सीजीओ डॉ. अंजू मनकानी (Dr Anju Mankani, BAMS CCH, CGO, Ketty Clinic, Mumbai) से जानते हैं कि शिशुओं को 1 साल तक विटामिन डी सिरप देना क्यों जरूरी है? (Why is vitamin D important for infants?)

शिशुओं को 1 साल तक विटामिन डी सिरप देना क्यों जरूरी है? - Why Is Vitamin D Important For Babies Till 1 Year in Hindi?

मां का दूध नवजात शिशुओं के लिए सबसे अच्छा माना जाता है, लेकिन इसमें विटामिन डी की मात्रा बहुत कम होती है। इसलिए, शिशुओं को शुरुआती 1 साल तक विटामिन डी की खुराक देने की सलाह दी जाती है। शिशुओं को विटामिन डी की सही मात्रा मिल रही है, यह सुनिश्चित करने के लिए डॉक्टर की सलाह पर उन्हें विटामिन डी सिरप पिलाया जाता है, ताकि उनकी हड्डियों का सही विकास हो और इम्यून सिस्टम मजबूत रहे। हालांकि, विटामिन डी का अहम सोर्स सूरज की रोशनी है, लेकिन शिशुओं की स्किन काफी सेंसिटिव होती है। इसलिए, उन्हें लंबे समय तक धूप में रखने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे उनकी स्किन को नुकसान पहुंच सकता है। इसी कारण शिशुओं को विटामिन डी सिरप दिया जाता है।

इसे भी पढ़ें: विटामिन D की कमी से बच्चों में कौन सी बीमारियां हो सकती हैं? जानें डॉक्टर से

शिशुओं में विटामिन डी की कमी से क्या होता है? - What Are The Side Effects Of Vitamin D Deficiency in Babies in Hindi?

अगर शिशु में विटामिन डी की कमी होती है तो इसका असर उनके शारीरिक औऱ मानसिक विकास पर पड़ सकता है। विटामिन डी की कमी से हड्डियां कमजोर हो सकती हैं, और इससे रिकेट्स जैसी बीमारी हो सकती है। इसके अलावा, शिशुओं का इम्यून सिस्टम भी कमजोर हो सकता है, जिससे वे जल्दी-जल्दी बीमार पड़ सकते हैं। इसीलिए, विटामिन D की सही मात्रा शिशुओं के संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी होती है।

इसे भी पढ़ें: विटामिन-डी की कमी के कारण हो सकती हैं ये 5 स्किन से जुड़ी समस्याएं, बरतें सावधानी

vitamin d syrup for babies

शिशुओं के लिए विटामिन डी के फायदे - Benefits Of Vitamin D For Babies in Hindi

विटामिन D का सबसे जरूरी काम शरीर में कैल्शियम और फास्फोरस के अवशोषण को बढ़ावा देना है। ये दोनों पोषक तत्व हड्डियों और दांतों को मजबूत करने और शिशु के हेल्दी विकास के लिए जरूरी हैं। जब शरीर में विटामिन D की कमी होती है, तो कैल्शियम का सही तरीके से अवशोषण नहीं हो पाता, जिससे हड्डियां कमजोर और टेढ़ी होने लगती हैं। बच्चों में विटामिन डी की कमी से रिकेट्स जैसी बीमारी हो सकती है, जिससे हड्डियां मुलायम हो जाती है। इसी कारण बच्चों को पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी देना जरूरी है। इतना ही नहीं, विटामिन D केवल हड्डियों के लिए नहीं, बल्कि शरीर के इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करने में अहम भूमिका निभाता है। यह बच्चों को इंफेक्शन, फ्लू, सर्दी-जुकाम और अन्य बीमारियों से बचाने में मदद करता है। इसलिए, इम्यून सिस्टम को सही तरीके से काम करने के लिए विटामिन D की सही मात्रा की जरूरत होती है।

निष्कर्ष

मां के दूध में विटामिन डी की कमी और सूरज की रोशनी में ज्यादा देर न बैठा पाने के लिए कारण शुरुआती 1 साल तक शिशुओं को विटामिन डी सिरप देना बहुत जरूरी है। यह शिशुओं की हड्डियों और दांत के बेहतर विकास के साथ-साथ इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करता है। इसलिए, अपने शिशु को विटामिन डी की सही खुराक देने के लिए हमेशा डॉक्टर से कंसल्ट करें।
Image Credit: Freepik

Read Next

6 महीने के बाद शिशुओं को हाइड्रेटेड रखने के लिए पिलाएं ये 6 चीजें

Disclaimer