छोटे बच्चे से लेकर बुजुर्गों तक जरूरी हैं ये 6 तरह के विटामिन बी, जानें क्यों?

शरीर को स्‍वस्‍थ रखने के लिए वैसे तो सभी विटामिन्‍स जरूरी होते हैं लेकिन बच्‍चों के शारीरिक व मानसिक विकास के साथ खून की कमी को दूर करने और रोग प्रतिरक्षा को बढ़ाने में विटामिन बी महत्‍वपूर्ण माना जाता है। बच्‍चों के लिए ही नहीं, बल्कि बुजुर्गों के लिए भी यह विटामिन उतना ही महत्‍वपूर्ण है। 
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छोटे बच्चे से लेकर बुजुर्गों तक जरूरी हैं ये 6 तरह के विटामिन बी, जानें क्यों?


वैसे तो सभी विटामिन्‍स आपके शरीर के लिए आवश्‍यक होते हैं लेकिन बच्‍चों के विकास और उनको स्‍वस्‍थ रखने के लिए विटामिन बी बहुत महत्‍वपूर्ण माना जाता है। विटामिन न केवल बच्‍चों, बल्कि बुजुर्गों के लिए भी जरूरी होता है। विटामिन बी नवजात बच्‍चों के स्‍वास्‍थ्‍य की देखभाल और उनमें न्यूरोलॉजिकल दोष को कम करने के लिए आवश्‍यक होता है। आइए जानते हैं बच्‍चों ही नहीं, बल्कि बुजुर्गों के लिए कौन से 5 विटामिन्‍स जरूरी होते हैं। 

विटामिन बी 1 (थायमिन)

पोषण विशेषज्ञ, अमांडा टुमबेज़े के अनुसार, विटामिन बी विशेष रूप से अनाज, खमीर, सेम, नट्स और मीट में पाया जाता है। यह शरीर को ऊर्जा देने में मदद करता है और बेरीबेरी रोग के खतरे को रोकने के लिए महत्वपूर्ण है। यह हृदय, पाचन और तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है। जो लोग बेरीबेरी से पीड़ित हैं उन्हें चलने में कठिनाई, हाथ और पैर में सनसनी और पैरों के निचले पैरों हिस्‍सों में दर्द व परेशानी जैसे लक्षण मिलते हैं। विटामिन बी की कमी, शरीर में खून की कमी, डिमेंशिया और कमजोरी व तनाव का कारण बन सकती है। 

विटामिन बी 2 (राइबोफ्लेविन)

राइबोफ्लेविन कार्बोहाइड्रेट, वसा, प्रोटीन को मेटाबॉलाइज कर ऊर्जा में बदलने में मदद करता है। यह त्वचा, आंत की परत और रक्त कोशिकाओं को स्वस्थ रखने के लिए भी आवश्यक होता है। विटामिन बी 2 से भरपूर भोजन, रोग प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाता है और माइग्रेन, मांसपेशियों में ऐंठन, त्‍वचा संबंधी समस्‍याओं जैसे मुँहासे का इलाज और मोतियाबिंद से बचाता है। नट्स, हरी सब्जियां, मांस, और डेयरी उत्पाद विटामिन बी 2 से समृद्ध स्रोत हैं। 

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विटामिन बी 3 (नियासिन)

विटामिन बी 3  ऊर्जा में खाने वाले भोजन को तोड़ने और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मददगार है। फलियां, नट्स, डेयरी, मछली और रेड मीट सभी विटामिन बी 3 के अच्छे स्रोत हैं। इस विटामिन के पर्याप्त मात्रा में नहीं मिलने से पेलेग्रा बीमारी का खतरा होता है, जिसके कारण शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की कठिनाइयाँ आती हैं जैसे त्‍वचा रोग, दस्त, और डिमेंशिया इसमें शामिल हैं। 

विटामिन बी 6 (पाइरिडोक्सिन)

यह विटामिन बी 6, मस्तिष्क के विकास के साथ-साथ रोग प्रतिरक्षा और तंत्रिका तंत्र को ठीक से काम करने के लिए अच्छा होता है। यह शरीर की कोशिकाओं में विभिन्न एंजाइम प्रतिक्रियाओं में शामिल है। यह मेटाबॉल्जिम और नई लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है। मछली, आलू, छोले, केले, बीफ, चिकन, दूध, दाल, सूरजमुखी के बीज, गेहूं, बीन्स, गाजर, पालक में पर्याप्त मात्रा में विटामिन बी 6 पाया जाता है। बी 6 की कमी से लाल रक्त कोशिकाओं की कमी हो सकती है, जो कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली का कारण है।

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विटामिन बी 9 (फोलेट)

विटामिन बी 9 की कमी वाले कुछ लोग में तनाव, चिंता और मूड स्विंग होता है। निष्कर्ष बताते हैं कि तनाव का शिकार होने वाले कई लोगों के खून में फोलेट का स्तर कम होता है। फोलेट हरी पत्तेदार सब्जियों, शतावरी, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, संतरे, नट्स, बीन्स और मटर में पाया जाता है।

विटामिन बी 12 (कोबालिन)

विटामिन बी 12 शरीर में स्वस्थ तंत्रिका कोशिकाओं को बनाए रखने और लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण के साथ डीएनए के उत्पादन के लिए आवश्यक माना जाता है। अधिकांश विटामिन बी 12 स्रोत पशु आधारित हैं और कई बार शाकाहारी लोगों को इसकी कमी का सामना करना पड़ता है क्योंकि विटामिन बी 12 का पौधे आधारित स्रोत कम ही हैं। विटामिन बी 12 के स्रोत हैं- डेयरी उत्पाद, मछली, और रेड मीट।

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