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जन्म के बाद शिशु के शरीर पर जमा चिकनी सफेद पर्त किसलिए होती है? डॉक्टर से जानें ये क्यों जरूरी है

शिशुओं के जन्म के बाद उनकी स्किन पर नजर आने वाली सफेद परत को वर्निक्स केसोसा कहा जाता है, जो शिशुओं की स्किन के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है।
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जन्म के बाद शिशु के शरीर पर जमा चिकनी सफेद पर्त किसलिए होती है? डॉक्टर से जानें ये क्यों जरूरी है


जन्म के बाद शिशुओं की स्किन पर एक सफेद रंग की परत नजर आती है। कुछ शिशुओं में ये सफेद परत मोटी होती है, जबकि कई बच्चों में ये परत ज्यादा नजर आती है। दरअसल, बच्चे का जन्म कितने महीने में हुआ है, यह सफेद परत इसी बात पर निर्भर करती है। इस सफेद परत को वर्निक्स केसोसा कहा जाता है। यह परत नवजात शिशुओं की स्किन के लिए बहुत जरूरी मानी जाती है। ऐसे में आइए राजस्थान के भीलवाड़ा के पोरवाल अस्पताल की गायनेकोलॉजिस्ट लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ. आकांक्षा श्रीवास्तव से जानते हैं कि ये वर्निक्स केसोसा क्या होता है और शिशुओं की त्वचा के लिए इसका क्या महत्व है?

वर्निक्स केसोसा क्या होता है?

जन्म के तुरंत बाद शिशु की स्किन पर जो सफेद रंग की लेयर नजर आती है, इसे वर्निक्स केसोसा कहते हैं। यह सभी बच्चों में होता है, जो समय से पहले जन्मे बच्चे में होता है। 37 हफ्ते से पहले पैदा हुए बच्चे में ये सफेद लेयर ज्यादा होती है। 36 हफ्ते में जन्म होने वाले बच्चे में ये सफेद लेयर थोड़ी ज्यादा होती है जबकि 37 हफ्ते के बाद जैसे-जैसे बच्चे गर्भ में बड़े होते हैं, ये सफेद लेयर भी अपने आप कम होने लगती है। वर्निक्‍स कैसिओसा शिशु की स्किन पर बनी एक सेफ्टी लेयर होती है। यह सफेद और चीजी दिखने वाला तत्‍व गर्भ में ही बच्चे की स्किन पर विकसित होती है। और जन्म के बाद भी शिशु के स्किन पर ये लेयर नजर आती है।

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शिशुओं के लिए वर्निक्स केसोसा क्यों जरूरी है?

  • प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भ में शिशु एमनियोटिक फ्लूइड में रहता है। ऐसे में वर्निक्स केसोसा इस फ्लूइड के कारण भ्रूण की स्किन को फटने या झुर्रियां पड़ने से बचाने में मदद करता है।
  • वर्निक्स केसोसा, शिशु की त्वचा को गर्भ के अंदर सुरक्षित रखता है। यह एक सफेद, क्रीमी बायोफिल्म होता है, जो गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में भ्रूण की स्किन को ढकता है। यह लेयर शिशु की स्किन को बाहर की दुनिया के लिए तैयार करता है।

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  • वर्निक्स केसोसा, भ्रूण की स्किन को मुलायम और चिकना बनाता है और एक नेचुरल मॉइश्चराइजर की तरह काम करता है और स्किन को ड्राई होने या फटने से बचाता है।
  • वर्निक्स केसोसा शिशु की स्किन को थोड़ा ज्यादा एसिडिक बनाता है, जिससे खराब बैक्टीरिया को बढ़ने से रोका जा सकता है। नवजात शिशुओं का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, इसलिए इंफेक्शन के जोखिम को कम करने में ये सफेद लेयर काफी फायदेमंद होता है।
  • वर्निक्‍स कैसिओसा में एंटीबैक्‍टीरियल गुण होते हैं, जो भ्रूण को जन्‍म के तुरंत बाद स्किन इंफेक्‍शन होने से बचाते हैं।

 

 

 

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वर्निक्स केसोसा गर्भ के अंदर और बाहर दोनों स्थानों पर शिशुओं की त्वचा को सुरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसलिए जन्म के तुरंत बाद शिशु की स्किन से इस लेयर को नहीं हटाया जाता है, ताकि शिशु को स्किन इंफेक्शन से बचाया जा सके।
Image Credit: Freepik

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