आखिर क्यों आपके लिए फायदेमंद है इंटरमिटेंट फास्टिंग, जानें वजन घटाने के साथ मिलते हैं कौन से फायदे

इंटरमिटेंट फास्टिंग में आपकी डाइट नहीं बल्कि बदलती है आपके खाने की आदत, जानें वजन कम के साथ मिलने वाले फायदे।   
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आखिर क्यों आपके लिए फायदेमंद है इंटरमिटेंट फास्टिंग, जानें वजन घटाने के साथ मिलते हैं कौन से फायदे


वजन घटाने की कोशिशों में जुटे लोगों के लिए 2019 एक ऐसा डाइट प्लान लेकर लाया जो न केवल फायदेमंद है बल्कि उसके नतीजें भी उनके लिए सकरात्मक रहे। अगर आप भी रात को अपने सोने के समय और भोजन के बीच अंतर बनाकर एक अच्छी आदत बनाने की कोशिश कर रहे हैं तो आपके लिए भी  इंटरमिटेंट फास्टिंग किसी वरदान से कम नहीं। ये न केवल वजन घटाने में फायदेमंद है बल्कि ये आपके शरीर और पाचन तंत्र को आराम देने के लिए पर्याप्त समय भी देती है। वे लोग, जिन्होंने इंटरमिटेंट फास्टिंग के बारे में नहीं सुना तो बता दें कि इस डाइट प्लान में व्यक्ति को 16 से 18 घंटे तक उपवास रखना होता है और बाकी के समय के बीच खाना होता है। उपवास के इन 16 से 18 घंटों में इस डाइट प्लान को अपना रहे लोगों को सिर्फ पानी और ग्रीन टी ही लेनी होती है। अगर आप सोच रहे हैं कि इतना लंबा वक्त कोई बिना खाएं कैसे काट सकता है तो नीचे लेख में हम आपको बता रहे हैं कि कैसे आप आसानी से इतने वक्त में सही वजन और डाइट ले सकते हैं।

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कई अध्ययनों में हो चुका है साबित

कई अध्ययनों में साबित हो चुका है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग वजन घटाने में मदद करती है और यही कारण है कि बड़ी संख्या में लोग इस डाइट को अपना रहे हैं। हालांकि हम आपके दिमाग में बैठे इस वहम को निकाल देना चाहते हैं कि इंटरमिटेंट फास्टिंग कोई डाइट प्लान नहीं ब्लकि खाना खाने की एक शैली है। इस डाइट शैली में आप जो खा रहे हैं उसमें बदलाव नहीं आता बल्कि कैसे खा रहे हैं उसमें बदलाव की जरूरत होती है। इस डाइट प्लान में खाने के प्रति व्यवहार में बदलाव की जरूरत होती है।

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पाचन प्रक्रिया में होता है सुधार

जब आप लंबे वक्त तक उपवास यानी की भूखे रहते हैं तो आपका शरीर सोखने वाली मुद्रा (post–absorptive state) में प्रवेश कर जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें किसी भोजन को पाचने में आपके पाचन तंत्र को ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती। यह उस स्थिति में होता है जब आपका शरीर फैट बर्न कर रहा होता है चूंकि आपका इंसुलिन लेवल कम होता है। यह फैट पहुंच से बाहर होता है, विशेषकर उस स्थिति में जब आपने खाना खाया हुआ होता है और खाना अवशोषित हो रहा होता है।

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कैंसर का खतरा होता है कम

चूंकि इंटरमिटेंट फास्टिंग आपकी खाने की आदतों में बदलाव नहीं करता है इसलिए आपके मन में किसी प्रकार की भावना नहीं आती कि आपने कुछ छोड़ दिया है। इस डाइट प्लान में आपको एक सटीक समय दिया जाता है, जिसमें आप जो चाहे वह खा सकते हैं। ऐसी कई रिपोर्ट हैं, जिसमें यह बात कही गई कि इंटरमिटेंट फास्टिंग कैंसर के खतरे को कम करती है और जीवनकाल को बढ़ाती है।

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उपवास रखने की आदत डालिए

16 से 18 घंटे तक लगातार उपवास रखना किसी के लिए भी कोई आसान काम नहीं है, इसलिए आप 12 घंटे से इंटरमिटेंट फास्टिंग की शुरुआत कर सकते हैं। जब आपको 12 घंटे तक उपवास रखने की आदत पड़ जाएगी तो 16 से 18 घंटे तक भूखा रह सकते हैं। इसके साथ आप उन बचे 8 से 6 घंटे के बीच कुछ भी खा सकते हैं।

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