डाइट के मामले में लोगों की पहली पसंद बनीं इंटरमिटेंट फास्टिंग, जानें गूगल की गिनाई टॉप 5 सर्च डाइट

लोग वजन घटाने के लिए क्या नहीं करते हैं, जिसमें तरह-तरह की डाइट लेना भी एक तरह की कला है। गूगल ने 2019 की सबसे ट्रेंडिंग डाइट की सूची जारी की है।  
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डाइट के मामले में लोगों की पहली पसंद बनीं इंटरमिटेंट फास्टिंग, जानें गूगल की गिनाई टॉप 5 सर्च डाइट

कई शोध में पहले ही इस बात का खुलासा हो चुका है कि स्वस्थ खान-पान की आदतों को अपनाना किसी भी डाइटिंग से कही बेहतर होता है लेकिन लोग हमेशा से ही वजन घटाने के लिए तुरंत नतीजों वाले तरीके ढूंढते हैं। 2019 में जिन तीन डाइट प्लान पर आकर लोगों की नजरें टिकीं वह थीं, शुगर और कार्ब को कम करने वाली डाइट, अधिक से अधिक प्लांट बेस्ड फूड डाइट और दिन के कुछ घंटों व सप्ताह के कुछ दिन तक खाने को सीमित करना। इन्हीं चर्चित डाइट प्लान के कारण गूगल ने 2019 में ऐसी कुछ डाइट का चुनाव जो पूरे साल कभी न कभी लोगों के बीच ट्रेंड में रहीं। हम इस लेख में आपको ऐसे पांच डाइट प्लान के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें आप भी वजन घटाने के लिए प्रयोग में ला सकते हैं।

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5 डाइट प्लान, जो गूगल सर्च में रहे पूरे साल

जे. लो डाइट

जेनिफर लोपेज ने इल साल जनवरी में घोषणा की थी कि वह एक 10 दिन का डाइट चैलेंज कर रही है, जिसमें पूरी तरीके से कार्ब और शुगर को उन्होंने न कह दिया है। उनके इस इंस्टाग्राम पोस्ट ने गूगल के ट्रैफिक में वृद्धि कर दी और ये डाइट 'जे. लो डाइट '  के रूप में गूगल पर ट्रेंड करने लगी। अपने न्यूट्रिशिनिस्ट की सलाह पर उन्होंने स्टार्च वाले सब्जियां, डेयरी उत्पाद, फल और अनाज के साथ-साथ मिठाई, कैंडी और पेस्ट्री का सेवन कम कर दिया। इसके बजाए लोपेज ने ब्रोकोली जैसी हरी पत्तेदार सब्जियां और मीट, नट्स, बीज, सीफूड और अंडे जैसे फूड का सेवन किया। इस साल 50 की हुई लोपेज अभी भी फिट हैं क्योंकि उन्होंने अपनी डाइट से कैफीन और शराब को बिल्कुल बाहर कर दिया है, इसके बजाए वह पूरे दिन खूब पानी पीती हैं।

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एंडोमोर्फ डाइट

एंडोमोर्फ उन लोगों को कहा जाता है, जिनका शरीर विशालकाय होता है और उनके शरीर पर फैट की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। इन लोगों को मसल्स बनाने और वजन घटाने में बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। एंडोमोर्फ डाइट में कार्ब और शुगर की मात्रा में कटौती कर उन्हें उनके बॉडी टाइप के साथ हेल्दी और फिट रखने पर जोर दिया जाता है। उन्हें हेल्दी फैट और प्रोटीन पर भी विशेष जोर देने के लिए भी कहा जाता है।

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नो शुगर नो कार्ब डाइट

कीटो और एफओडीमैप प्लान जैसी कार्ब और शुगर छोडने वाली डाइट का नो शुगर नो कार्ब डाइट एक एक्सट्रीम वर्जन है। नो कार्ब, नो शुगर डाइट 2019 की शुरुआत में चर्चा का विषय रहा था। हालांकि कार्ब और शुगर में कटौती करने का मतलब इन फलों को न कहना नहीं है। गूगल ट्रेंड के मुताबिक, बहुत से लोगों ने कुछ महीनों के भीतर ही अपने वजन घटाने के संकल्प को तोड़ दिया और मार्च-अप्रैल आते-आते नो कार्ब, नो शुगर डाइट गूगल ट्रेंड पर कमजोर पड़ गई।

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1,200 कैलोरी डाइट

इस साल जनवरी में ट्रेंड हुई ये डाइट साल के अंत तक पहुंचते-पहुंचते अपनी लोकप्रियता खो बैठी। 1,200 कैलोरी डाइट जैसी सुनाई पड़ती है ठीक वैसी ही है। इस डाइट प्लान में वजन घटाने के लिए अपने रोजाना के कैलोरी इनटेक को 1,200 कैलोरी तक सीमित करना था। लेकिन इस बात पर ध्यान देना बहुत जरूरी है कि जितना आसान ये सुनाई दे रहा है उतना आसान है ये नहीं। हर किसी व्यक्ति का कैलोरी इनटेक उसकी लंबाई, वजन, लिंग, उम्र और गतिविधियों पर निर्भर करता है। हालांकि बहुत से लोग 1,200 कैलोरी को प्रबंधित करने में सक्षम होते हैं लेकिन कुछ लोगों के लिए यह संख्या बहुत कम है, जिसके कारण उनमें ऊर्जा का आभाव और थकान बने रहना जैसी समस्याएं हो जाती हैं। हालांकि बहुत से पोषण विशेषज्ञ खाने की गुणवत्ता पर जोर देते हैं न कि न कि उसके भार पर क्योंकि ये हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी कारक है।

इंटरमिटेंट फास्टिंग

इंटरमिटेंट फास्टिंग से मतलब है हर दिन एक निश्चित समय पर भोजन करना। ये डाइट प्लान 2019 का सबसे ज्यादा सर्च किया जाने वाला डाइट प्लान है। अलग-अलग तरीके के इस डाइट प्लान में कुछ लोग आठ घंटे के अंतराल पर खाते हैं तो कुछ दिन में 16 घंटे के अंतराल पर। कुछ लोग सप्ताह में दो दिन उपवार रखते हैं तो कुछ पांच तक सामान्य भोजन करते हैं। हैरानी वाली बात ये है कि शोधकर्ता इस बात की तसदीक कर रहे हैं कि कि अपनी आंत को ब्रेक देने से क्या शरीर को बड़े स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं। इंटरमिटेंट फास्टिंग डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रोल और मोटापे सहित कुछ बीमारियों से लड़ने में जरूर मदद करती है और प्रोटीन के उत्पाद को भी बढ़ाती है। ये प्रोटीन मस्तिष्क में कनेक्शन को मजबूती प्रदान करता है और एंटी डिप्रेसेंट का काम करता है। अगर आप कैलोरी में कमी नहीं लाना चाहते तब भी यह वजन घटाने में आपकी मदद कर सकता है।

हालांकि उपवास के भी कुछ साइड इफेक्ट्स जैसे थकान, मांसपेशियों में दर्द, और चक्कर भी आ सकते हैं। इसके साथ ही जिन लोगों को अधिक कैलोरी की जरूरत होती है उन्हें इस डाइट से दूर रहने को कहा जाता है, जैसे कम वजन वाले लोग, 18 वर्ष से कम या गर्भवती महिलाएं। ईटिंग डिसऑर्डर के जोखिम वाले लोगों के लिए भी ये डाइट प्लान खतरनाक हो सकता है।

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