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बुजुर्गों का इम्यून सिस्टम क्यों होता है कमजोर? एक्सपर्ट से जानें इम्यूनिटी बढ़ाने के खास टिप्स

बुजुर्गों का इम्यून सिस्टम कमजोर होने की वजह टी सेल्स हैं। इनके बारे में विस्तार से एक्सपर्ट बता रहे हैं।
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बुजुर्गों का इम्यून सिस्टम क्यों होता है कमजोर? एक्सपर्ट से जानें इम्यूनिटी बढ़ाने के खास टिप्स


Causes a low immune system in the elderly: भारत में अक्सर देखा जाता है कि बढ़ती उम्र के सदस्य घर या अपने आस-पास के पार्कों तक ही सीमित रह जाते हैं। हालांकि उनकी सेहत को लेकर सावधानी बरती जाती है, इसके बावजूद उनका इम्यून सिस्टम इतना ज्यादा कमजोर हो चुका होता है, कि वे आए दिन किसी न किसी बीमारी से ग्रस्त रहते हैं। इससे उन्हें झुकने, चलने या घुटने टेकने में काफी दिक्कत होती है। रोजमर्रा की इन समस्याओं पर परिवार के सदस्य ज्यादा ध्यान नहीं देते, लेकिन समय बीतने के साथ ये परेशानियां बुजुर्गों के लिए गंभीर हो जाती है। इन सबकी वजह इम्यून सिस्टम की कमजोरी है, जो उम्र बढ़ने के साथ अधिक गंभीर हो जाती है। इम्यून सिस्टम कमजोर क्यों होता है और कैसे सेहत को फिट रखा जा सकता है, इस बारे में हमने गुड़गांव के अर्टेमिस अस्पताल की जेरियाट्रिशियन डॉ. मीनल ठकराल से बात की।  

बुजुर्गों की सेहत से जुड़े आंकड़े 

WHO के अनुसार साल 2030 तक दुनिया में 6 में से एक इंसान 60 या इससे अधिक उम्र का होगा। इसी के साथ रिपोर्ट में ये भी अनुमान लगाया गया है कि बुजुर्गों की जनसंख्या साल 2050 तक 210 करोड़ हो सकती है। इस रिपोर्ट में बताया है कि साल 2020 से 2050 तक 80 साल की उम्र के लोगों की जनसंख्या 42.6 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है। भारत के परिपेक्ष में हेल्थ की बात की जाए, तो नीति आयोग की प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2016 में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने द लॉन्गीट्यूटनल एजिंग स्टडी ऑफ इंडिया (The Longitudinal Ageing Study of India) के साथ मिलकर देशभर में सर्वें किया था। इसमें बताया गया कि 75 फीसदी बुजुर्ग एक या इससे अधिक क्रोनिक बीमारी से ग्रस्त थे। 40 फीसदी से अधिक बुजुर्ग एक या इससे अधिक विकलांगता के शिकार थे। भारत के शहरों में सीनियर लोगों में डायबिटीज सबसे आम बीमारी पता चली थी। शहरों में कैंसर के मामलों में भी इजाफा हुआ था। 

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बुजुर्गों का इम्यून सिस्टम कम क्यों होता है? 

डॉ. मीनल ठकराल ने बताया, “इसके लिए सबसे पहले इम्यून सिस्टम को समझने की जरूरत है। हमारे शरीर में टी सेल्स इम्यून सिस्टम का अहम हिस्सा हैं। व्हाइट ब्लड सेल्स में टी सेल्स होते हैं, जो संक्रमण के कारणों को पहचानते हैं। दरअसल, बढ़ती उम्र के साथ शरीर में नए टी सेल्स के बनने की गति कम हो जाती है और बचे हुए टी सेल्स पर दबाव बढ़ने लगता है। दबाव बढ़ने के कारण उन बचे हुए टी सेल्स की क्षमता भी कम होने लगती है। इससे इम्यून सिस्टम को संक्रमण की पहचान करना मुश्किल हो जाता है। इसी तरह व्हाइट ब्लड सेल्स में ही बी सेल्स होते हैं, जो शरीर को बताते हैं कि एंटीबॉडीज कब बनानी है। बढ़ती उम्र में इनकी संख्या और क्षमता भी कम हो जाती है। इसके अलावा, प्रोटीन साइटोकिन्स भी कम बनने लगते हैं। इसलिए इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है।” 

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कमजोर इम्यून सिस्टम से क्या परेशानियां होती है?

डॉ. मीनल के अनुसार बढ़ती उम्र में इम्यून सिस्टम कमजोर होने से संक्रमण को पहचानने और उससे बचाव के लिए एंटीबॉडी बनाने की शरीर की क्षमता कमजोर पड़ने लगती है, जिससे किसी संक्रमण की चपेट में आने का खतरा बढ़ जाता है। जब इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, तो संक्रमण के लक्षण भी गंभीर हो जाते हैं। इससे रोगी के अस्पताल में भर्ती होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके कमजोर होने से बुजुर्गों में कैंसर, अल्जाइमर समेत कई अन्य बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती हैं। इसलिए, 65 साल या इससे अधिक उम्र के लोगों को संक्रमण से बचने के लिए कुछ टीके लगवाने की सलाह दी जाती है। कुछ टीके तो हर साल लगवाने की जरूरत होती है।

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इम्युनिटी कैसे बूस्ट करें?

डॉ. मीनल ने कहा कि बुजुर्गों को इन बातों का ध्यान रखना चाहिए, ताकि इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाया जा सके।

  • टीकाकरण - कुछ संक्रमणों से बचाव के लिए बुजुर्गों को टीके लगवाने चाहिए।
  • खान-पान - खाना विटामिन बी, विटामिन सी, सेलेनियम और जिंक से भरपूर होना चाहिए। 
  • सप्लीमेंट के बजाय प्राकृतिक स्रोत बेहतर है। 
  • बुजुर्गों को चलते-फिरते रहना चाहिए।
  • तनाव न लेना और भरपूर नींद लेना जरूरी है।
  • घर से बाहर निकलकर खुली हवा में सांस लें।
  • अगर धूम्रपान करते हैं, तो उसे छोड़ दें।

 अगर बढ़ती उम्र के लोगों की सेहतमंद रखना है, तो लाइफस्टाइल में इन बदलावों को लाना बहुत महत्वपूर्ण है। इससे आने वाले समय में बुजुर्गों को क्रोनिक बीमारियों से बचाया जा सकता है।

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