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सेब खाने के बाद अक्सर क्यों बन जाती है पेट में गैस? एक्सपर्ट से जानें सेवन का सही तरीका

Apple Cause Acidity- सेब एक एसिडिक फल होता है, जिसे खाने से पेट में गैस बन सकती है। आइए जानते हैं एसिडिटी से बचाने के लिए सेब कैसे खाएं?
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सेब खाने के बाद अक्सर क्यों बन जाती है पेट में गैस? एक्सपर्ट से जानें सेवन का सही तरीका


Apple Cause Acidity- सेब फलों में सबसे ज्यादा हेल्दी और पौष्टिक माना जाता है। एक कहावत भी है, “रोजाना एक सेब खाने से, डॉक्टर दूर रहता है।” सेब विटामिन, मिनरल्स, फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, जो कई बीमारियों को दूर करने में मदद करते हैं। लेकिन कई लोग अक्सर सेब खाने के बाद पेट में गैस होने की शिकायत करते हैं। ऐसे में लोगों में सवाल उठता है कि क्या सेब खाने से एसिडिटी की समस्या होती है, और अगर होती है तो एसिडिटी से बचने के लिए सेब खाने का सही तरीका क्या है? आइए आयुर्वेदिक हेल्थ और गट हेल्थ कोच डॉ. डिंपल जांगड़ा से जानते हैं कि क्या सेब खाने से गैस की समस्या हो सकती है?

सेब खाने से एसिडिटी क्यों होती है? - Why Does Eating Apple Cause Acidity Problem in Hindi?

कुछ लोगों को सेब खाने के बाद एसिडिटी और ब्लोटिंग की समस्या होती है, क्योंकि सेब अम्लीय होते हैं। इसका पीएच स्तर लगभग 3.5 होता है, जो नींबू या अन्य खट्टे फलों की तुलना में थोड़ा कम अम्लीय है, लेकिन केले और अंगूर की तुलना में सेब ज्यादा एसिडिक होता है। सेब में दो अलग-अलग तरह के एसिड पाए जाते हैं, एक मैलिक एसिड और दूसरा एस्कॉर्बिक एसिड (Vitamin C)। ऐसे में गलत तरीके से सेब खाने से आपको ब्लोटिंग या गैस की समस्या हो सकती है। खासकर जिन लोगों को पेट से जुड़ी समस्याएं जैसे गैस , पेट में जलन या अपच की समस्या होती है उन्हें खाली पेट सेब का सेवन करने से परहेज करना चाहिए। 

सेब खाने का सही तरीका क्या है - What is The Right Way To Eat Apple in Hindi?

  • सेब को दूध, दही, पनीर, मक्खन जैसे डेयरी उत्पादों के साथ मिलाकर न खाएं, क्योंकि यह एक्जिमा, सोरायसिस, रोसैसिया, पित्ती जैसी स्किन समस्याओं का कारण बन सकता है। 

इसे भी पढ़ें- डायबिटीज के मरीज के लिए कौन-सा सेब बेहतर है, लाल या हरा? जानें एक्सपर्ट से

  • एप्पल मिल्कशेक का सेवन करने से बचें, क्योंकि ये अनहेल्दी होते हैं और पेट की परत को नुकसान पहुंचा सकते हैं। 
  • सेब को काटकर देर तक न रखें, क्योंकि इसमें पॉलीफेनोल ऑक्सीडेज या टायरोसिनेस नाम का एंजाइम होता है, जो हवा में ऑक्सीजन और फल में पाए जाने वाले आयरन युक्त फिनोल के साथ प्रतिक्रिया करते हैं।
  • बच्चों या अपने लंच में सेब ले जाने से पहले, गर्म पानी में एक चुटकी नमक के साथ भिगोकर रखें, ताकि सेब के भूरे होने के प्रभाव को रोका जा सके। 
  • कब्ज के दौरान कच्चे सेब का सेवन करने से परहेज करें, क्योंकि सेब की कसैली गुणवत्ता पाचन तंत्र को प्रभावित कर सकती है, जिससे कब्ज की समस्या बढ़ सकती है। 
  • कब्ज और ब्लोटिंग की समस्या होने पर सेब को छीलकर, टुकड़ों में काटें और फिर उसे दालचीनी, लौंग या काली मिर्च के साथ गर्म पानी में उबालें। उबले सेब को पचाना आसान होगा। 

 

 

 

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एक सेब खाकर अगर आपको डॉक्टर को खुद से दूर रखना है तो जरूरी है कि आप सेब सही तरीके से खाएं, और एसिडिटी की समस्या होने पर सेब खाने से परहेज करें।

Image Credit- Freepik

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