World Hepatitis Day 2023: हेपेटाइटिस का जल्दी पता लगना क्यों जरूरी है? डॉक्टर से जानें कैसे फैलती है यह बीमारी

हेपेटाइटिस लिवर में होने वाली सूजन है। आम भाषा में इसे लिवर में होने वाली सूजन भी कहा जाता है। यह समस्या लोगों में आम होती जा रही है।
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World Hepatitis Day 2023: हेपेटाइटिस का जल्दी पता लगना क्यों जरूरी है? डॉक्टर से जानें कैसे फैलती है यह बीमारी


हेपेटाइटिस लिवर में होने वाली सूजन है। आम भाषा में इसे लिवर में होने वाली सूजन भी कहा जाता है। यह समस्या लोगों में आम होती जा रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के मुताबिक हेपेटाइटिस से दुनियाभर में 7 करोड़ से भी ज्यादा लोग पीड़ित हैं। हर साल इससे मरने वाले लोगों का आंकड़ा भी लगभग 4 लाख है। आज यानि 28 जुलाई को हर साल विश्व भर में हेपेटाइटिस डे मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का मकसद लोगों में इस बीमारी के प्रति जागरुकता फैलाना है। 

हेपाटाइटिस का जल्दी पता लगना क्यों है जरूरी? 

डॉ. विक्रम राउत, डायरेक्टर ऑफ लिवर ट्रांसप्लांटेशन एंड एचपीबी सर्जरी, मेडिकवर हॉस्पिटल, नवी मुंबई के मुताबिक हेपाटाइटिस का जल्दी पता लगना इसके उपचार में काफी मददगार हो सकता है। जल्दी पता लगने से इस बीमारी की गहराई तक पहुंचकर इसका इलाज किया जा सकता है। ऐसे में कुछ टेस्ट कराकर आप इसके स्टेज का पता आसानी से लगा सकते हैं। अगर यह अपने शुरुआती चरण में है तो इसका उपचार करना और भी आसान हो सकता है साथ ही संभव है कि आप पूरी तरह भी ठीक हो सकते हैं। 

इसे भी पढ़ें - हेपेटाइटिस का पता लगाने के लिए कौन-कौन से टेस्ट होते हैं? डॉक्टर से जानें जरूरी टेस्ट

लॉन्ग टर्म का जोखिम होता है कम 

डॉ. विक्रम की मानें तो अगर आपको हेपेटाइटिस है और आप इसका उपचार जल्दी शुरु कर देते हैं तो इससे हेपेटाइटिस सी के इंफेक्शन से बचा जा सकता है।   यही नहीं डब्लूएचओ की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस समस्या का उपचार जल्दी शुरु करने से लिवर डैमेज होने के गंभीर खतरे से भी बचा जा सकता है। इसे शुरुआत में नजरअंदाज करना सेहत के लिए अन्य तरीकों से भी नुकसानदायक साबित हो सकता है। 

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कैसे फैलता है हेपाटाइटिस 

हेपाटाइटिस फैलने के पीछे बहुत से कारण हो सकते हैं। अगर आप इस संक्रमण से पीड़ित व्यक्ति से शारीरिक संबंध बनाते हैं या फिर इंजेक्शन साझा करते हैं तो ऐसे में हेपाटाइटिस होने की आशंका बढ़ जाती है। यही नहीं अगर आप संक्रमित व्यक्ति के खून या फिर फ्लूड के संपर्क में भी आते हैं तो संभव है कि यह समस्या आपको भी हो सकती है। प्रेग्नेंट महिलाओं को अगर यह इंफेक्शन है तो इस स्थिति में नवजात शिशु को भी हेपाटाइटिस बी होने का खतरा बढ़ जाता है।

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