Hepatitis In Children: हेपेटाइटिस लिवर से संबंधित रोग है। इसमें व्यक्ति को कई तरह के लक्षण महसूस हो सकते हैं। हेपेटाइटिस होने पर व्यक्ति व बच्चे को गंभीर प्रभाव दिखाई दे सकते हैं। यह समस्या किसी भी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकती है। लिवर एक महत्वपूर्ण अंग है, जो पोषक तत्वों का अवशोषण करता है और खून को फिल्टर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अगर, सही समय पर हेपेटाइटिस की पहचान कर ली जाए, तो इससे होने वाले लक्षणों को कम किया जा सकता है। इस लेख में आपको बच्चों में हेपेटाइटिस के कुछ मुख्य प्रकार के बारे में बताया गया है। आगे चाइल्ड केयर क्लीनिक के सीनियर पीडियेट्रिक्स डॉक्टर शैलेंद्र प्रसाद से जानते हैं कि बच्चों को कितने प्रकार के हेपेटाइटिस हो सकते हैं।
क्या हेपेटाइटिस संक्रमित हो सकता है? - Is Hepatitis Contagious in Hindi
हेपेटाइटिस से लिवर सेल्स में डैमेज, लिवर फेलियर और गंभीर मामलों में जान का जोखिम बढ़ जाता है। यह बीमारी वायरस के कारण होती है। बच्चों में हेपेटाइटिस चिंता का विषय होता है, क्योंकि यह संक्रामक रोग है। अगर, किसी व्यक्ति को हेपेटाइटिस हो, तो वह अन्य लोगों को भी संक्रमित कर सकता है। ऐसे में बच्चों को हेपेटाइसटिस के मरीज से दूरी बनानी चाहिए।
बच्चों में हेपेटाइटिस के प्रकार - Common Types of Hepatitis in Children In Hindi
वायरल इंफेक्शन की वजह से बच्चों को हेपेटाइटिस हो सकता है। हेपेटाइटिस के तीन मुख्य प्रकार होते हैं। इसमें हेपेटाइटिस ए, हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी को शामिल किया जाता है। वैसे, तो बच्चों को अन्य प्रकार के हेपेटाइटिस भी हो सकते हैं। लेकिन, उनको ज्यादातर हेपेटाइटिस ए और हेपेटाइटिस बी का जोखिम अधिक होता है। आगे जानते हैं हेपेटाइटिस के मुख्य प्रकार के बारे में।
हेपेटाइटिस ए
बच्चों में हेपेटाइटिस ए हो सकता है। किसी संक्रमित व्यक्ति के वायरस बच्चे के हाथों के जरिए मुंह से शरीर में जा सकते हैं। इस दौरान बच्चे को सिरदर्द, उल्टी, बुखार, भूख न लगना और दस्त की समस्या हो सकती है। हेपेटाइटिस ए से बचाव के लिए वैक्सीन ली जा सकती है। यह वैक्सीन एक से दो साल तक के बच्चों को दी जा सकती है।
हेपेरटाइटिस बी
यह हेपेटाइटिस का एक गंभीर प्रकार माना जा सकता है। इसमें संक्रमित व्यक्ति का रक्त व शरीर का अन्य तरल पदार्थ जब स्वस्थ व्यक्ति व बच्चे के रक्त में प्रवेश करते हैं, तो वह बच्चे को संक्रमित कर सकते हैं। इसके हल्के लक्षण कुछ सप्ताह में ठीक हो सकते हैं। लेकिन, गंभीर मामलों का इलाज पूरी उम्र चल सकता है। इसके करीब 15 से 25 फीसदी मामलो में संक्रमित व्यक्ति को सिरोसिस और लिवर कैंसर का जोखिम हो सकता है। बच्चों को इससे बचाव के लिए वैक्सीन दी जाती है। यह वैक्सीन चार बार दी जाती है, जिसका पहला डोज बच्चे के जन्म के 24 घंटों के अंदर दी जाती है।
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लिवर शरीर के महत्वपूर्ण अंगों में से एक है। लिवर को स्वस्थ रखने के लिए आपको स्वच्छता पर पूरा ध्यान देने की आवश्यकता होती है। इससे बचाव के लिए लिए आप बच्चों को बाहर से आने के बाद हाथ-पैर धोने के बाद ही खाना खाने की आदत डालें। इससे बच्चे को संक्रमित होने की आंशका कम हो जाती है।