Blood Test To Detect Hepatitis: हेपेटाइटिस लिवर में होने वाली एक गंभीर स्थिति है। इस स्थिति में लिवर में सूजन हो जाती है। हालांकि, लिवर में इस सूजन या हेपेटाइटिस के लिए कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। यह कुछ मामलों में वायरल इन्फेक्शन के कारण देखने को मिल सकती है, वहीं कुछ में शराब और दवाओं के अधिक सेवन के साथ ही कई अन्य मेडिकल कंडीशन के कारण भी देखने को मिल सकती है। समय रहते उपचार न लिए जाने पर हेपेटाइटिस के कारण क्रोनिक लिवर डिजीज, लिवर सिरोसिस और लिवर कैंसर जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। इसके अलावा, यह कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण भी बन सकता है जैसे,
- ब्लीडिंग डिसऑर्डर
- पेट में प्लाक का निर्माण
- हाई ब्लड प्रेशर
- किडनी फेलियर
- थकान, कमजोर याददाश्त और भूलने की बीमारी
- गंभीर मामलों में इसके कारण मृत्यु भी हो सकती है
अब सवाल यह उठता है कि हेपेटाइटिस का समय रहते पता कैसे लगाया जा सकता है? न्यूबर्ग डायग्नोस्टिक लैब के चीफ, डॉ. विज्ञान मिश्रा के अनुसार, "लिवर में सूजन होने पर आपको कुछ लक्षण महसूस हो सकते हैं, जिन्हें समय रहते पहचान कर आप डॉक्टर से परामर्श कर सकते हैं और हेपेटाइटिस के निदान के लिए कुछ मेडिकल और ब्लड टेस्ट के लिए पूछ सकते हैं जैसे पेट में दर्द और सूजन, पेशाब का रंग गहरा, थकान, हल्का बुखार, पीलिया, भूख कम होना, उल्टी और मतली आदि।" हेपेटाइटिस के निदान के लिए कौन-कौन से टेस्ट किये जाते हैं, इस लेख हम आपको इसके बारे में विस्तार से बता रहे हैं।
हेपेटाइटिस का पता लगाने के लिए जरूरी टेस्ट- Blood Test To Detect Hepatitis In Hindi
डॉ. विज्ञान के अनुसार, "हेपेटाइटिस का पता लगाने में आमतौर पर कुछ ब्लड और मेडिकल टेस्ट कराने की सलाह दी जाती है। हेपेटाइटिस के अलग-अलग प्रकार के अनुसार अलग-अलग टेस्ट किये जाते हैं जैसे, हेपेटाइटिस ए, बी, सी, आदि। इन टेस्टों में शामिल हैं...
1. हेपेटाइटिस पैनल (Hepatitis Panel)
हेपेटाइटिस पैनल एक ब्लड टेस्ट है। इसकी मदद से हेपेटाइटिस ए, बी और सी सहित विभिन्न हेपेटाइटिस वायरस की जांच की जाती है। हालांकि कभी-कभी, हेपेटाइटिस डी और ई के निदान के लिए कुछ अन्य टेस्ट कराने का सुझाव भी दिया जाता है।
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2. लिवर फंक्शन टेस्ट (Liver Function Test LFT)
इस टेस्ट में कई ब्लड टेस्ट शामिल होते हैं, जो पूरे लिवर के स्वास्थ्य का आकलन करते हैं। इस टेस्ट में लिवर में एंजाइम का लेवल, बिलीरुबिन और अन्य पदार्थों को मापा जाता है। यह डैमेड और लिवर में डैमेज या शिथिलता का संकेत दे सकते हैं।
3. एंटी-एचएवी आईजीएम ( Anti-HAV IgM)
इस टेस्ट की मदद से हेपेटाइटिस ए वायरस के लिए विशिष्ट आईजीएम एंटीबॉडी की उपस्थिति का पता लगाया जाता है। आमतौर इस टेस्ट का सुझाव इंटेंस हेपेटाइटिस ए वायरस के निदान के लिए किया जाता है।
4. एचबीएसएजी (HBsAg)
इस टेस्ट की मदद से एंटीजन की सतह पर हेपेटाइटिस बी की उपस्थिति का पताया लगाया जाता है। अगर टेस्ट सकारात्मक है, तो यह एक्टिव हेपेटाइटिस बी संक्रमण का संकेत हो सकता है।
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5. एंटी-एचबी (Anti-HB)
यह टेस्ट का हेपेटाइटिस बी वैक्सीन या पिछले हेपेटाइटिस बी संक्रमण से लड़ने वाली एंटीबॉडी को मापने के लिए किया जाता है।
6. एंटी-एचसीवी (Anti-HSV)
यह टेस्ट हेपेटाइटिस सी वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी का पता लगाने में मदद करता है, जो वर्तमान या पिछले संक्रमण का संकेत दे सकता है।
7. एचसीवी आरएनए (HSV RANA)
यह टेस्ट हेपेटाइटिस सी वायरस की उपस्थिति की पुष्टि करने के लिए किया जाता है। इस टेस्ट में रक्त में अनुवांशिक इंग्रीडिएंट्स का पता लगाया जाता है।
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8. फाइब्रोस्कैन या लिवर बायोप्सी (FibroScan And Liver Biopsy)
कुछ ऐसे मामले होते हैं, जिनमें लिवर स्वास्थ्य और फाइब्रोसिस के बारे में जानना बहुत आवश्यक होता है। फाइब्रोस्कैन में लिवर की कठोरता को मापा जाता है, जबकि लिवर बायोप्सी में माइक्रोस्कोप की मदद से लिवर टिशू का एक छोटा निकाला जाता है और इसकी जांच की जाती है।
जब आप डॉक्टर के पास जाते हैं, तो वह हेपेटाइटिस के लिए उपरोक्त टेस्ट का सुझाव दे सकते हैं। लेकिन हमेशा यह सलाह दी जाती है कि डॉक्टर की सलाह के बिना कोई भी टेस्ट न कराएं। हमेशा टेस्ट से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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