चॉक खाना आपको भी है पसंद? जानें किस ईटिंग डिसऑर्डर का है ये संकेत

चॉक खाने की लालसा आपके पोषण में असंतुलन का संकेत देती है, जिसे समय रहते जान कर ठीक करना बेहद जरूरी है।
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चॉक खाना आपको भी है पसंद? जानें किस ईटिंग डिसऑर्डर का है ये संकेत


चॉक खाना, वास्तव में कुछ ऐसा जो बहुत से लोगों में बचपन से एक पसंद के रूप विकसित होता आया है। बहुत से लोग चॉक या पेंसिल खाने को प्रेग्नेंसी से जोड़कर देखते हैं और पेंसिल या चॉक खाने का नुकसान (Chalk eating side effects) के बारे में बताते हैं। हालांकि चॉक खाने की आदत बच्चों और व्यस्कों को भी होती है। वहीं अगर किसी को नियमित रूप से चॉक खाने के लिए क्रेविंग होती है, तो ये ईटिंग डिसऑर्डर का कारण हो सकता है। तो आइए समझते हैं कि कुछ लोगों को चॉक खाना क्यों पसंद है और ये किस ईटिंग डिसऑर्डर का संकेत है।

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कुछ लोग विशेष रूप से चॉक क्यों खाते हैं?

चॉक खाना आपको भी है पसंद, तो आपको पिका और पाइका (Pica) नामक एक ईटिंग डिसऑर्डर (eating disorder) हो सकता है। समय के साथ, पिका से पाचन संबंधी जटिलताएं हो सकती हैं। दरअसल पिका गैर-खाद्य पदार्थों (desire to eat non-foodstuffs) या उन सामग्रियों को खाने की इच्छा है, जो मानव उपभोग के लिए नहीं हैं। पिका से पीड़ित लोग कच्चे स्टार्च, गंदगी, बर्फ, या चाक और पेंसिल जैसे अन्य चीजों को खाना पसंद करते हैं। पिका को एक प्रकार का ईटिंग डिसऑर्डर माना जाता है, और यह ऑब्सेसिव-कंपल्सिव बिहेवियर (obsessive-compulsive behaviors) कुपोषण और गर्भावस्था से भी जुड़ा हुआ है।

चॉक खाने की आदत के बारे में क्या बताते हैं शोध

2015 की गई एक शोध बताता है कि पिका और पाइका के लक्षणों के साथ 6,000 से अधिक व्यक्तियों का जब अध्ययन किया गया, तो उनमें रेड ब्लड सेल्स की गिनती और ब्लड में जिंक की कमी पाई गई। इन्हीं पोषण संबंधी कमियों के कारण व्यक्ति चॉक खाने को तरसते हैं। बाद के कुछ शोधकर्ताओं ने चॉक खाने को शरीर में जिंक और ऑयरन की कमी से भी जोड़कर देखा।

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चॉक खाने के पीछे कारण

  • -खाद्य असुरक्षा या भूख के पीड़ित लोग इसी पोषण कि कमी के कारण चॉक खाने की क्रेविंग महसूस करते हैं।
  • - चिंता या ओसीडी से पीड़ित लोग चाक की स्थिरता और स्वाद की मदद से अपना स्ट्रेस दूर करने के लिए इसे खाते हैं। 
  • -प्रेग्नेंसी
  • -ऑब्सेसिव-कंपल्सिव बिहेवियर

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आपको कैसे पता चलेगा कि चॉक खाना एक समस्या है?

अगर 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चे को चॉक और अन्य गैर-खाद्य पदार्थों को खाने की आदत है, तो यह उस विकासात्मक चरण के लिए असामान्य नहीं माना जाता है। डॉक्टर आमतौर पर 24 महीने से कम उम्र के बच्चों में पिका का निदान नहीं करते हैं। पर व्यस्कों में ये आदत बढ़ने लगे या चॉक खाने की क्रेविंग हो तो ये चिंता की बात है। अगर आपको यह प्रतीत होता है कि चॉक खाने का एक पैटर्न मौजूद है, तो आपका डॉक्टर लेड पॉइजनिंग (lead poisoning) एनीमिया और अन्य स्थितियों के लिए रक्त परीक्षण कर सकता है, जो पिका से जुड़े हुए हैं।

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चॉक खाने का नुकसान (Chalk eating side effects)

  • -दांतों को नुकसान होना
  • -पाचन संबंधी कठिनाइयां पैदा होना
  • -आंतों में कब्ज या अवरोध
  • -लेड पॉइजनिंग की शिकायत
  • -विशिष्ट खाद्य पदार्थ खाने में कठिनाई
  • -भूख में कमी
  • -अगर आप गर्भवती हैं, तो चाक खाने से भ्रूण के विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

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