क्‍या है ईटिंग डिसऑर्डर? जानें इसके कारण, लक्षण और बचाव

आज हम आपको इस लेख के माध्‍यम से विस्‍तार से ईटिंग डिसऑर्डर के कारण, लक्षण और बचाव पर चर्चा करेंगे। आमतौर पर ईटिंग डिसऑर्डर तीन प्रकार के होते हैं।
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क्‍या है ईटिंग डिसऑर्डर? जानें इसके कारण, लक्षण और बचाव


ईटिंग डिसऑर्डर यानी खाने का विकार, जो कि एक गंभीर व्यवहारात्मक समस्या है। इनमें बहुत अधिक खाना या स्वस्थ रहने के लिए पर्याप्त मात्रा में भोजन ग्रहण ना करना शामिल है। इसके अलावा इस प्रकार की बीमारी में अपने आकार या वजन के बारे में अत्यधिक चिंतित होना भी शामिल है। खाने के विकारों की वजह से हृदय और गुर्दा समस्याएं या कभी-कभी मृत्यु भी हो सकती है। शुरू में ही सहायता पाना जरुरी होता है। आज हम आपको इस लेख के माध्‍यम से विस्‍तार से ईटिंग डिसऑर्डर के कारण, लक्षण और बचाव पर चर्चा करेंगे। आमतौर पर ईटिंग डिसऑर्डर तीन प्रकार के होते हैं।

एनोरेक्सिया नर्वोसा

यह एक ऐसी बीमारी है, जिसमें व्यक्ति अपनी शरीर की जरूरत के हिसाब से कम भोजन ग्रहण करता है जिसकी वजह से आयु, लिंग और डेवलपमेंटल ट्राजेक्‍टरी के हिसाब से कम वजन होता है। इसके और गंभीर संकेतों में व्यक्ति हमेशा वजन बढ़ाने से डरता है, जबकि उसका खुद का वजन कम होता है। यानी इस विकार में आप बहुत पतले हो जाते हैं लेकिन पर्याप्त मात्रा में आहार नहीं लेते क्योंकि आपको लगता है कि आप मोटे हैं।

एनोरेक्सिया के कारण

इस बीमारी का कोई एक कारण न्ही होता हे। एनोरेक्सिया कई सामाजिक, भावनात्मक और जैविक कारकों के संयोजन से उठता है। वे हर किसी के लिए एकदम सही होने की कोशिश करते है लेकिन वे वास्तव में असहाय और निराश हैं, वे खुद को असफल मानते हैं। परिवार और सामाजिक दबाव के कारक भी एनोरेक्सिया हो सक्ता है। माता-पिता जो उनके बच्चों के शरीर और उपस्थिति की आलोचना करते है उन ब्च्चो को एनोरेक्सिया हो सकता है। तनावपूर्ण जीवन भी एनोरेक्सिया को ट्रिगर कर सकता है। आनुवंशिक कारक भी एनोरेक्सिया के लिये योगदान करते हैं। समय पर इलाज के ज़रिए, इस विकार से छुटकारा पाया जा सकता है और स्वस्थ खानपान बहाल किया जा सकता है।

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एनोरेक्सिया के लक्षण

  • पतला ने के बावजूद खाने से परहेज़
  • कैलोरी के साथ जुनून सवार
  • खाना खाने के बारे में झूठ बोलना
  • अचानक वज़न क्म होना
  • शरीर की छवि पर ज़्यादा ध्यान देना
  • पतला बुलाने जाने पर उस बात का खंडन करना
  • खाने के बाद वमन करना
  • वज़न कम करने के लिये दवा लेना
  • खाने के बाद अधिक व्यायाम करना

बुलिमिया नर्वोसा

इस समस्‍या से पीडि़त व्यक्ति अपनी जरूरत से ज्यादा खा कर और फिर उसे किसी भी तरह, चाहे उबकाइयां लेकर अथवा मुह में ऊँगली डाल कर भोजन को उलटी के द्वारा बाहर निकालने का प्रयास करते हैं, क्योंकि वे खुद को ज्यादा खाने के लिए दोषी मानते हैं। बार-बार जुलाब का प्रयोग करना, और जबरदस्ती बार-बार उलटी करने से उनके पाचन तंत्र और भोजन नली को नुकसान पहुंचाता है।

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बुलिमिया नर्वोसा के कारण  

इस विकार से पीड़ित व्यक्ति तनाव, घबराहट या अन्य भावनात्मक मुद्दों से निपटने के एक तरीके के रूप में खाने का इस्तेमाल करने लगता है। लेकिन अत्यधिक खा लेने की अपनी अनियंत्रित दशा से उन्हें शर्मिंदगी महसूस होती है और उसके बाद वे और खराब महसूस करते हैं। समय पर इलाज के ज़रिए, इस विकार से छुटकारा पाया जा सकता है और स्वस्थ खानपान बहाल किया जा सकता है।

बुलिमिया नर्वोसा के लक्षण

  • शरीर के वजन के प्रति सचेत होना
  • स्वाभिमान क स्तर नीचा होना
  • रक्तचाप गिरना
  • माहवारी में अनियमितता होना
  • बार-बार शौच के लिये जाना
  • अत्यधिक भोजन एक साथ करना
  • अवसाद

बिंज-ईटिंग

बिंज-ईटिंग डिसऑर्डर का मतलब बहुत अधिक खाने का विकार से है, इसमें व्यक्ति को अक्सर ज्यादा खाना खाने के दौरे पड़ते हैं, वह अपने को नियंत्रित नहीं कर पाते और ज्यादा खाने से होने वाले नुकसान को समझ नहीं पाते हैं। यानी इसमें आप अनियंत्रित रूप से खाते हैं, पुरुषों की तुलना में महिलाओं को खाने के विकार होने की संभावना ज्यादा होती है। ये आमतौर पर किशोरावस्था में शुरू होता है और अक्सर अवसाद, चिंता विकारों और पदार्थ दुर्व्यसन के साथ आता है। अगर आप ऐसे किसी व्यक्ति को जानते हों जिनका अचानक से वजन घटना, खुद को चोट पहुंचाने वाला व्यवहार नजर आये, तो यह एक प्रकार का खाने का विकार हो सकता है, और उन्हें मनोचिकित्सक से सलाह की जरूरत है।

बिंज-ईटिंग के कारण

शोधकर्ताओं का मानना ​​है कि किसी व्यक्ति की बायोलॉजी और जीवन की घटनाओं के संयोजन के कारण भोजन संबंधी विकार हो सकते हैं। इस संयोजन में विशिष्ट जीन, एक व्यक्ति की बायोलॉजी, शरीर की छवि और आत्मसम्मान, सामाजिक अनुभव, पारिवारिक स्वास्थ्य इतिहास, और कभी-कभी अन्य मानसिक स्वास्थ्य संबंधी बीमारियां शामिल होती हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि बिंज खाने के विकार वाले लोग क्रोध, दुख, ऊब, चिंता या तनाव से निपटने के लिए एक मार्ग के रूप में ज्यादा खा सकते हैं।

बिंज-ईटिंग के लक्षण

  • सामान्य से अधिक भोजन करना
  • असुविधापूर्वक पूर्ण होने तक भोजन करना
  • बिना भूख के भी भोजन की बड़ी मात्रा खाना
  • शर्मिंदगी के कारण अकेले भोजन करना
  • निराश, उदास या बाद में दोषी लग रहा महसूस करना

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