खाने बाद अक्सर लोगों को कुछ मीठे और खट्टे खाने की क्रेविंग होती है। पर क्रेविंग महसूस होने के बाद तुरंत खाना शरीर के लिए स्वास्थ्यकारी नहीं है। बहुत से लोगों को इसके बारे में पता नहीं होता है और ज्यादातर लोगों को जब भी किसी चीज की क्रेविंग होती है वो इसे खाना ही सही समझते हैं। अगर बात सिर्फ मीठे या शुगर क्रेविंग की करें, तो इसे रोकना विशेष रूप से कठिन हो जाता है। शुगर से दूर रहना सिर्फ उनके लिए ही जरूरी नहीं हैं, जिनको इससे जुड़ी कोई बीमारी हो, बल्कि उनके लिए भी जरूरी है जो अभी स्वस्थ हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि शुगर की क्रेविंग होने पर मीठा खाना आपका वजन बढ़ा सकता है और शरीर में सुस्ती और आलस जैसी तमाम परेशानियों को पैदा कर सकता है। पर क्या इससे लड़ने का कोई विकल्प है? हाल ही में न्यूट्रिशनिस्ट लवनीत बत्रा ने कुछ संभावित विकल्पों को इंस्टाग्राम पर शुगर क्रेविंग के हेल्दी विकल्पों के रूप में सुझाया है। आइए जानते हैं उन्होंने क्या बताया।
न्यूट्रिशनिस्ट लवनीत बत्रा बताती है कि हालांकि, चीनी से दूर रहना आसान नहीं है, विशेष रूप से डायबिटीक और मोटापे से पीड़ित लोगों के लिए। पर ऐेसे लोग चीनी के हेल्दी विकल्पों को भी चुन सकते हैं। अपनी चीनी की लालसा पर नियंत्रण रखने के लिए एक स्वस्थ तरीका प्राकृतिक चीनी युक्त खाद्य पदार्थों का चयन करना है, जो न केवल आपकी लालसा को रोकते हैं बल्कि आपको अधिक समय तक स्वस्थ रखते हैं। अपने इंस्टा पोस्ट में, उन्होंने बताया कि मीठे की क्रेविंग के लिए मिठाई और क्रीम-आधारित डेसर्ट लेना सबसे ज्यादा अस्वास्थ्यकर होता है। इसकी जगह हमें प्राकृतिक मिठाई जैसे ताजे फल, सूखे फल या डार्क चॉकलेट जिसमें (70-90 प्रतिशत कोको सामग्री होता उसे विकल्प के रूप में चुनना चाहिए। वहीं कुछ और विकल्प भी हैं जो डायबिटीक लोगों के लिए भी मीठे का एक बेहतर विकल्प हो सकता है।
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सौंफ का इस्तेमाल करें
आपने कभी सौंफ की चाय पी है, जी हां सौंफ की चाय आपकी क्रेविंग को कम कर सकता है। इसे आप चाय के रूप में और गर्म पानी के साथ रात के खाने के बाद पाउडर के रूप में भी ले सकते हैं। वहीं ये दिन में कभी भी माउथ फ्रेशनर के रूप में काम करता है जो आपके क्रेविंग को रोक सकता है। इसे इस्तेमाल करने के लिए इसे रात भर पानी में भिगो ले और सुबह चाय में डालकर इसका इस्तेमाल करें। आप दिन में दो से तीन चम्मच सौंफ ले सकते हैं। ये मोशन को साफ करने में मदद करता है और कब्ज नहीं होने देता है। ये एक हीलर की तरह भी काम करता है। इसके अलावा ये पीरियड्स के क्रेविंग से भी ये आपको लड़ने में मदद करता है।
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ताजे फलों से अपने क्रेविंग को रोके
केला, अंगूर, चीकू और कीवी जैसे ताजे फलों में प्राकृतिक शर्करा होती है, जो रक्त शर्करा और इंसुलिन के स्तर को नहीं बढ़ाती है। हालांकि, बत्रा ने फलों को भारी क्रीम और शक्कर के साथ मिलाने की चेतावनी दी और सिर्फ स्वच्छ और कच्चे फलों को ही विकल्प के रूप में चुनने को कहा है। दरअसल ताजे फलों को खाकर अक्सर हमारी भूख मर जाती है, जबकि अगपर आप बाहरी चीजों को खाएंगे तो ये आपको कुछ घंटे बाद ही भूख महसूस करवा सकती है। इसके अलावा आप फलों से बने आइसक्रीम से भी अपने क्रेविंग को शांत कर सकते हैं।
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डार्क चॉकलेट पीरिएड्स के क्रेविंग और इमोशनल ईटिंग को भी कम करते हैं
डार्क चॉकलेट या कम चीनी और अधिक कोको पाउडर के साथ एक ऐसी चीज है, जो आपके शरीर को नुकसान नहीं पहुंचाता है। इन्हें अपने बैग में रखें और जब भी क्रेविंग हो तो, एक-एक टुकड़ा अपने मुंह में रखें। हालांकि, एक दिन में अपने आप को इसके दो टुकड़ो तक ही सीमित करें। मिंट डार्क चॉकलेट्स से दूर रहें क्योंकि इनमें शुगर की मात्रा अधिक होती है। वहीं जब भी आप इमोशन इटिंग से जूझ रहे होते हैं, तो डार्क चॉकलेट आपकी बहुत मदद कर सकता है। इसे खाकर आपकी भूख और क्रेविंग एक लंबे वक्त तक शांत हो सकती है।
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