प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS) से 90 प्रतिशत से अधिक महिलाओं को उनके जीवन के किसी न किसी बिंदु पर प्रभावित होती हैं। वहीं पीएमएस के अन्य लक्षणों की बात करें तो पेट में ममोड़, शरीर में सूजन, ब्रेस्ट में सूजन और पेट दर्द से जुड़ी परेशानियां हो सकती हैं। कई लोगों के लिए, भोजन का स्तर और भूख के स्तर में मामूली वृद्धि पीरियड्स के नियनित चक्र का हिस्सा होता है। वहीं कुछ शोधों में ईटिंग डिसऑर्डर और पीएमएस एक साथ होते हैं। तो वहीं कुछ लोगों में पीरियड्स खत्म होने के बाद भी कंपल्सिव ईटिंग बनी रहती है, तो यह ईटिंग डिसऑर्डर का संकेत हो सकता है, जिससे कारणों को समझकर आपको इससे परेशान नहीं होना चाहिए। वहीं पीरिएड्स के दौरान क्रेविंग के कई और कारण भी होते हैं। आइए जानते हैं इन कारणों के बारे में।
हार्मोनल बदलाव के कारण
पीरियड्स से पहले एस्ट्रोजन और बढ़ते प्रोजेस्टेरोन को छोड़ना भूख लगने और बार-बार क्रेविंग का कारण हो सकती है।ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इन परिवर्तनों से भूख को दबाने वाले हार्मोन, लेप्टिन के उत्पादन में कमी आती है और इससे भूख हार्मोन 'ग्रीलिन' में वृद्धि होती है। ऐसे में अगल-अलग लोगों में अलग-अलग तरह की भूख देखने को मिलती है। किसी को इमोशनल इटिंग सा लग सकता है, जबकि ज्यादातर लोगों के लिए ये एक मात्र केव्रिंग है।
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तनाव के साथ-साथ भूख बढ़ती है
एस्ट्रोजन के कारण आपको भूख कम लग सकती है, जो आमतौर पर तनाव बढ़ा सकती है। बहुत से लोग तनाव के कारण भी बहुत अधिक खाना-खाने लगते हैं। वहीं तनाव के कारण आप थके हुए महसूस कर सकते हैं। कहने की जरूरत नहीं है, चीनी से भरपूर खाद्य पदार्थ खाने से आप लगभग तुरंत बेहतर महसूस कर सकते हैं और शायद इसीलिए आपको इस अवधि में या उससे पहले खाने का मन करता है।प्रीमेन्स्ट्रुअल फूड क्रेविंग महिलाओं के लिए खाद्य मनोचिकित्सा का एक रूप हो सकता है। बढ़े हुए कार्ब्स से सेरोटोनिन स्तर में वृद्धि होती है, जो महिलाओं को उनके समय से पहले महसूस होने वाली इमोशनल परेशानियों का सामना करने में मदद कर सकता है।
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गंभीर आंतरिक कारण
कभी-कभी भोजन करना चिंता का विषय नहीं है। लेकिन, नियमित रूप से ऐसा करने से संकेत मिल सकता है कि आप इससे बचने का प्रयास कर सकते हैं। वहीं अगर कुछ डिसऑडर गंभीर रूप धारण करने लगे तो आपको अपने डॉक्टर की मदद लेनी चाहिए। वहीं अगर बात गंभीर आंतरिक कारणों की करें, तो ये निम्न प्रकार के हो सकते हैं, जैसे-
बिंज ईटिंग डिसऑर्डर (Binge Eating Disorder): ये वैसे तो एक गंभीर बमारी है पर कुछ लोगों को ये पीरियड्स के दौरान ज्यादा महसूस हो सकता है। इसके कारण बार-बार भूख लगने के साथ कुछ औक तरह की परेशानियां भी हो सकती हैं।
प्रीमेंस्ट्रुअल डिस्फोरिक डिसऑर्डर (Premenstrual Dysphoric Disorder): इसे एक ऐसी स्थिति के रूप में वर्णित किया जा सकता है, जिसमें महिलाओं को कई अवसाद के लक्षण मिलते हैं, चिड़चिड़ापन महसूस होता है और पीरियड्स शुरू होने से पहले तनाव हो जाता है। यह पीएमएस की तरह लग सकता है, लेकिन वास्तव में अधिक गंभीर है।डिप्रेशन, चिंता, मोटापा और टाइप -2 डायबिटीज भी आपकी बढ़ी हुई भूख के कारण हो सकते हैं। इस मामले में, उचित निदान और उपचार की आवश्यकता होती है।
पीरियड में भूख लगना आपके स्वास्थ्य के लिए है खतरनाक
अगर महिलाएं नमकीन और मीठे खाद्य पदार्थों को लगातार खाती रहती हैं, तो प्री-पीरियड फूड क्रेविंग महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। यह अचानक वजन बढ़ने और पीएमएस को भी बढ़ा सकता है, इसलिए सही तरीका ये है कि आप पीरिएड्स के वक्त अपने खाने-पीने का खास ख्याल रखें। इसके लिए अपने डाइट को संतुलित करने की कोशिश करें और साथ ही कुछ योग और व्यायाम की भी मदद लें।
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अपने डाइट को लेकर हो जाएं सावधान
बीन्स, दाल, ताज़े फल, सब्जियां, और साबुत अनाज जैसे ब्राउन राइस और ओट्स जैसे खाद्य स्रोतों से जटिल कार्बोहाइड्रेट का चुनाव करके स्वस्थ विकल्प चुन सकती हैं। इसके अलावा, डोनट्स, कैंडी और चॉकलेट से परिष्कृत कार्ब्स से बचें, क्योंकि ये आपकी क्रेविंग को बढ़ा सकते हैं और इस तरह ये भूख मोटापे का कारण हो सकती है। वहीं अगर आपको ज्यादा क्रेविंग हो. तो पानी पी लें या अपने मन को कहीं और लगाएं। कोशिश करें की खाना न खाएं।
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