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एंजियोप्लास्टी के बाद फिर से ब्लॉकेज क्यों बनता है? जानें डॉक्टर से

Angioplasty In Hindi: हार्ट की एंजियोप्लास्टी होने के बाद मरीजों को दोबारा ब्लॉकेज होने के कई कारण होते हैं। इन कारणों को लोग अक्सर नजरअंदाज कर देते है। इस लेख में डॉक्टर ने एंजियोप्लास्टी के बाद दोबारा ब्लॉकेज होने के कारणों को विस्तार से बताया है और साथ ही बचाव के उपाय भी समझाए हैं।
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एंजियोप्लास्टी के बाद फिर से ब्लॉकेज क्यों बनता है? जानें डॉक्टर से

Angioplasty In Hindi: जब हार्ट में कम ब्लॉकेज हो, तो आमतौर पर डॉक्टर मरीज को एंजियोप्लास्टी कराने की सलाह देते हैं। इससे हार्ट की नसों में ब्लॉकेज खुल जाती है और मरीज सोचते हैं कि एक बार एंजियोप्लास्टी हो जाने के बाद हार्ट की नसों में दोबारा कभी ब्लॉकेज नहीं आएगा। लेकिन सच्चाई यह है कि एंजियोप्लास्टी होने के बाद भी कुछ मामलों में दोबारा ब्लॉकेज हो सकती है। दोबारा ब्लॉकेज होने के कारणों के बारे में पुणे के खराड़ी स्थित मणिपाल हॉस्पिटल के कार्डियोथोरेसिक और वैस्कुलर सर्जन और विभाग के हेड डॉ. श्रीरंग रानाडे (Dr. Shrirang Ranade, Head Of The Department And Consultant - Cardiothoracic And Vascular Surgeon, Manipal Hospital Kharadi, Pune) से बात की। उन्होंने बताया कि एंजियोप्लास्टी एक बहुत प्रभावी प्रक्रिया है, लेकिन यह हार्ट की बीमारियों का स्थायी इलाज नहीं, बल्कि ब्लॉकेज को ठीक करने का एक तरीका है।


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एंजियोप्लास्टी क्या है?

डॉ. श्रीरंग रानाडे कहते हैं,”एंजियोप्लास्टी एक ऐसा प्रोसेस है जिसमें हार्ट की संकरी हो चुकी धमनी के अंदर एक छोटा सा गुब्बारा (balloon) फुलाया जाता है। इससे जमा हुआ फैट या प्लाक एक तरफ दब जाता है और खून का रास्ता खुल जाता है। इस प्रोसेस में अक्सर स्टेंट भी लगाया जाता है, ताकि नस दोबारा न सिकुड़े लेकिन कई बार मरीज को कुछ जटिलताएं भी आ सकती है। इस वजह से मरीज को दोबारा ब्लॉकेज हो सकती है।”

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दोबारा हार्ट ब्लॉकेज होने के कारण

डॉ. रानाडे कहते हैं कि इसे एक उदाहरण से समझते हैं, जैसे एक खराब सड़क को चौड़ा कर दिया गया है, लेकिन नीचे की जमीन कमजोर है। अगर मरम्मत जल्दी-जल्दी या सही तरीके से न हो, तो कुछ समय बाद सड़क फिर से संकरी हो सकती है। ठीक ऐसा ही हार्ट की नसों के साथ होता है और हार्ट की नसों में दोबारा ब्लॉकेज होने के कई कारण हो सकते हैं।”

एंजियोप्लास्टी के दौरान धमनी की अंदरूनी परत पर चोट लगना

एंजियोप्लास्टी के दौरान गुब्बारे को फुलाकर बंद नस को खोलते हैं, तो इससे धमनी की अंदरूनी परत को हल्की चोट लग सकती है। अगर चोट बड़ी नहीं होती लेकिन शरीर में यह जख्म की तरह होता है। जख्म भरने के दौरान सूजन हो सकती है और खून के थक्के बनने का रिस्क बढ़ सकता है। इस वजह से भविष्य में ब्लॉकेज दोबारा बन सकता है।

शरीर का जरूरत से ज्यादा एक्टिव होना

कभी-कभी शरीर जरूरत से ज्यादा एक्टिव हो जाता है और जब धमनी को चोट लगती है, तो शरीर उसे ठीक करने के लिए नई कोशिकाएं बनाने लगता है। लेकिन समस्या तब होती है, जब नए टिश्यू जरूरत से ज्यादा बनने लगते हैं और यह टिश्यू धीरे-धीरे नस के अंदर की जगह को फिर से संकरा कर देती है।

स्टेंट की परत मोटी होना

स्टेंट लगने के बाद दोबारा ब्लॉकेज होने की समस्या यह कारण काफी आम है। दरअसल, स्टेंट के अंदर धमनी की अंदरूनी परत, जिसे नियो-इंटिमा कहा जाता है, धीरे-धीरे बढ़ सकती है। जब यह परत स्टेंट के अंदर मोटी होने लगती है, तो ब्लड फ्लो की जगह कम हो जाती है और धीरे-धीरे दोबारा ब्लॉकेज बन सकती है। हालांकि ड्रग एल्यूटिंग स्टेंट ने इस रिस्क को काफी कम कर देते हैं।

बीमारियों के कारण ब्लॉकेज होना

अक्सर मरीज एंजियोप्लास्टी के बाद अपनी बीमारियों को नजरअंदाज कर देते हैं। अगर मरीजों को हाई कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, स्मोकिंग और खराब लाइफस्टाइल हो, तो फैट दोबारा उसी जगह या आसपास जमा हो सकता है और नई ब्लॉकेज बन सकती है। इसलिए सबसे अहम है कि एंजियोप्लास्टी के बाद मरीजों को अपना ध्यान रखना चाहिए।

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दवाइयां समय पर न लेना

एंजियोप्लास्टी के बाद दवाइयां बहुत जरूर होती है। वैसे तो एंजियोप्लास्टी के बाद कम से कम 6 महीने और कुछ मरीजों को करीब एक साल तक एंटी-प्लेटलेट दवाइयां रेगुलर लेना बहुत जरूरी होता है। अगर मरीज दवाइयां खुद ही छोड़ देते हैं या खुद ही डोज कम कर देते हैं, तो स्टेंट के अंदर खून का थक्का बन सकता है, जो अचानक गंभीर ब्लॉकेज का कारण बन सकता है।

एंजियोप्लास्टी के बाद ब्लॉकेज से बचाव के उपाय

डॉ. रानाडे कहते हैं कि वैसे तो दवाइयों और मार्डन ड्रग एल्यूटिंग स्टेंट के कारण ब्लॉकेज होने का रिस्क कम हो सकता है। इसके साथ हार्ट के मरीजों को इन खास बातों का भी पूरा ध्यान रखना चाहिए।

  1. दवाइयां समय पर और डॉक्टर के बताए समय तक लें।
  2. मरीजों को कोलेस्ट्रॉल, शुगर और बीपी कंट्रोल में रखना चाहिए।
  3. स्मोकिंग बिल्कुल नहीं करनी चाहिए।
  4. रोजाना हल्की एक्सरसाइज करनी चाहिए।
  5. बैलेंस और कम फैट वाली डाइट लेनी चाहिए।
  6. रेगुलर फॉलो-अप कराना चाहिए।

निष्कर्ष

डॉ. रानाडे कहते हैं कि एंजियोप्लास्टी हार्ट की बीमारी का इलाज नहीं है, बल्कि सिर्फ ब्लॉकेज को खोलती है। इसलिए दोबारा ब्लॉकेज होने के कारणों को जानना बहुत जरूरी है। मरीजों को समय पर दवाइयां लेना बहुत महत्वपूर्ण है और साथ ही बेहतर लाइफस्टाइल रखने की जरूरत है।

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  • Dec 24, 2025 17:54 IST

    Published By : Aneesh Rawat

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