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गेहूं की रोटी किसे नहीं खानी चाहिए? एक्सपर्ट से जानें

गेहूं की रोटी पोषक तत्वों से भरपूर होती है, जो सेहत के लिए बेहद फायदेमंद मानी जाती है। लेकिन, कुछ लोगों को गेहूं की रोटी खाने से परहेज करना चाहिए। आइए जानते हैं क्यों
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गेहूं की रोटी किसे नहीं खानी चाहिए? एक्सपर्ट से जानें


Gehu ki roti kise nahi khani chahiye: भारत के अधिकतर घरों के भोजन में गेहूं की रोटी एक अहम हिस्सा है। ज्यादातर लोग अपने रोजाना के खाने में गेहूं की रोटी, शामिल करते हैं। गेहूं की रोटी में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फाइबर, विटामिन बी, विटामिन ई, आयरन, मैग्नीशियम, जिंक और कैल्शियम जैसे पोषक तत्वों मौजूद होते हैं, जो शरीर को एनर्जी देने और पाचन में सुधार करने में मदद करते हैं। लेकिन, क्या कभी आपने सोचा है पोषक तत्वों से भरपूर गेहूं की रोटी हर किसी के लिए फायदेमंद नहीं होती है। कुछ लोगों के लिए इस रोटी का सेवन सेहत पर नकारात्मक असर डाल सकता है। आज के इस लेख में हम दिल्ली की क्लिनिकल डाइटिशियन और न्यूट्रिशनिस्ट रक्षिता मेहरा से जानने की कोशिश करते हैं कि किन लोगों को गेहूं की रोटी नहीं खानी चाहिए?  

गेहूं की रोटी किसे नहीं खानी चाहिए? -  Who should not eat wheat roti in hindi

न्यूट्रिशनिस्ट रक्षिता मेहरा का कहना है कि भले ही गेहूं की रोटी सेहत के लिए फायदेमंद होती है, लेकिन कुछ लोगों को इसे खाने से सेहत पर बुरा असर भी पड़ सकता है। इसलिए इन लोगों को गेहूं की रोटी खाने से बचना चाहिए-

1. ग्लूटेन एलर्जी

गेहूं में ग्लूटेन नाम का प्रोटीन पाया जाता है, जो कुछ लोगों के गट के लिए हेल्दी नहीं माना जाता है, क्योंकि उन्हें इसे पचाने में मुश्किल होती है। इस स्थिति को सीलिएक डिजीज के नाम से जाना जाता है, जिसमें व्यक्ति अगर गलती से भी गेहूं या उससे बनी कोई चीज खा ले तो उसके आंतों में सूजन हो सकती है, जिससे दस्त, पेट दर्द, उल्टी, वजन कम होना और थकान की समस्या हो सकती है।

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2. ग्लूटेन सेंसिटिविटी होने पर

कुछ लोगों को सीलिएक डिजीज नहीं होता है, लेकिन फिर भी गेहूं या ग्लूटेन से उन्हें पेट से जुड़ी समस्याएं होने लगती है। साथ ही माइग्रेन और थकान जैसी दिक्कतें भी होती है, जिसे नॉन-सीलिएक ग्लूटेन सेंसिटिविटी के रूप में जाना जाता है। इसलिए इस समस्या से पीड़ित लोगों को गेहूं की रोटी खाने से बचना चाहिए।

3. डायबिटीज के मरीज

डायबिटीज के मरीजों को भी गेहूं से बनी रोटी खाने से परहेज करना चाहिए, क्योंकि गेहूं में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा ज्यादा होती है, जो शरीर में जाकर ग्लूकोज में बदल जाती है। गेहूं की रोटी खाने से ब्लड शुगर लेवल तेजी से बढ़ सकता है, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए हानिकारक है। इसलिए डायबिटीज के मरीजों को साबुत अनाज या मल्टीग्रेन आटे की रोटी खाने की सलाह दी जाती है, न कि गेहूं की।

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4. मोटापे से पीड़ित लोग

जिन लोगों का वजन ज्यादा होता है या फिर जो वजन कम करने की कोशिश कर रहे हो, उन लोगों को गेहूं की रोटी खाने से परहेज करना चाहिए या सीमित मात्रा में इसका सेवन करना चाहिए। गेहूं में ग्लूटेन और कार्बोहाइड्रेट दोनों की मात्रा ज्यादा होती है, जो वजन बढ़ने का कारण बनती है और वजन कम करने वालों के लिए भी समस्या का कारण बन सकती है।

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5. इरिटेबल बाउल सिंड्रोम से पीड़ित लोग

आंतों से जुड़ी समस्याएं जैसे इरिटेबल बाउल सिंड्रोम से पीड़ित मरीजों को भी गेहूं की रोटी के सेवन से परहेज करना चाहिए। गेहूं की रोटी खाने पीड़ित को बार-बार गैस, पेट दर्द, दस्त और कब्ज की समस्या हो सकती है। इतना ही नहीं, अगर आप इस समस्या से पीड़ित हैं तो गेहूं की रोटी खाने पर इसके लक्षण और गंभीर हो सकते हैं।

निष्कर्ष

गेहूं की रोटी पोषण से भरपूर होती है, लेकिन ये जरूरी नहीं कि यह सबके लिए फायदेमंद हो। इसलिए अगर आपको इनमें से किसी भी तरह की स्वास्थ्य समस्या है तो आप गेहूं की रोटी खाने से बचें और हमेशा अपनी डाइट डॉक्टर की सलाह पर ही तैयार करें।
Image Credit: Freepik 

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  • Sep 29, 2025 17:07 IST

    Published By : Katyayani Tiwari

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