
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारतीय कफ सिरप को दूषित और असुरक्षित बताया है। दरअसल, सोमवार को डब्लूएचओ ने कफ सिरप (पैरासिटामोल और क्लोरफेनिरामाइन) को लेकर एक एलर्ट जारी किया है। डब्लूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक सामान्य सर्दी-जुकाम को ठीक करने के लिए बनाए गए इस कफ सिरप को पीना सेहत के लिए गंभीर रूप से खतरे का सबब बन सकता है। यही नहीं इसको पीने से मौत तक हो सकती है।
10 जुलाई को लिया गया था सैंपल
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा 10 जुलाई को इराक में इस कफ सिरप का सैंपल लिया गया था। इसके बाद इसकी जांच करने के लिए इसे प्रयोगशाला में भेजा गया, जहां यह टेस्टिंग में फेल हो गई। इसके दूषित और असुरक्षित होने के पीछे इसमें पाए जाने वाले डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल की मात्रा को अधिक बताया जा रहा है। माना जा रहा है इसकी ज्यादा मात्रा सेहत के लिए गंभीर रूप से हानिकारक हो सकती है।
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इंग्रीडिएंट्स का ज्यादा किया गया इस्तेमाल
डब्लूएचओ के मुताबिक यह कफ सिरप महाराष्ट्र की कंपनी फोरर्ट्स (इंडिया) लेबोरेटरीज प्राइवेट लिमिटेड की ओर से डैबीलाइफ फार्मा प्राइवेट लिमिटेड के लिए किया गया था। ऐसे में इस सिरप को बनाने के लिए एथिलीन ग्लाइकॉल और डायथिलीन ग्लाइकॉल दोनों को मिलाए जाने की तय सीमा केवल 0.10 प्रतिशत ही है, जबकि कंपनी द्वारा इसमें 0.25 प्रतिशत डायथिलीन ग्लाइकॉल और 2.1 प्रतिशत एथिलीन ग्लाइकॉल मिलाया गया है। फिलहाल सिरप बनाने वाली कंपनियों की तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

पिछले साल कुछ लोगों की हुई थी मौत
डब्लूएचओ ने कंपनी द्वारा इस सिरप को सुरक्षित बनाए जाने के तरीकों पर कोई गारंटी नहीं दी है। कंपनी ने टेस्टिंग फेल होने के बावजूद भी गारंटी नहीं दी थी। पिछले साल गाम्बिया और उज्बेकिस्तान में भारत में बने कफ सिरप पीने की वजह से कई बच्चों की मौत हो गई थी। हालांकि, इसके बाद सिरप बनाने वाली कंपनी के खिलाफ केस दर्ज कर ड्रग लाइसेंस रद गया है।
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