When Do Babies Start Shedding Tears: घर में बच्चे के आने से पूरा माहौल बदल जाता है। घर के सभी सदस्य बच्चे के साथ समय बिताना पसंद करते हैं। बच्चे के हंसने से पूरा घर उसके साथ हंसता हैं। वहीं, जब बच्चा किसी बात पर रोता है, तो घर के सभी सदस्य चिंतित हो जाते हैं। हालांकि, नवजात शिशु बेहद छोटा होता है और वह अपनी परेशानियों को बता नहीं पाता है। ऐसे में बच्चा रोकर ही अपने परेशानी का संकेत देता है। कुछ अभिभावको ने इस बात को नोटिस किया होगा कि नवजात शिशु के रोते समय आंसू नहीं निकलते हैं। कभी आपने इस बात विचार नहीं किया है तो आज इस लेख में हम आपको बताएंगे कि शिशु के आंसू कब बनाना शुरू होते हैं।
क्या नवजात शिशु का बिना आंसुओं के रोना एक सामान्य बात है?
डॉक्टर्स की मानें तो नवजात शिशुओं का आंसुओं के बिना रोना एक सामान्य प्रक्रिया है। अपोलो अस्पताल की पीडियाट्रिशियन सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर स्मिता मलहौत्रा के अनुसार कुछ शिशुओं की आंखों में आंसू नलिकाएं पूरी तरह से बनी नहीं होती है। इसलिए वह आंसु बनाने में सक्षम नहीं होती है। आंखों के पास आंसूओं की एक नलिका होती है, जो रोते समय आंखों से आंसू बनाकर बाहर निकालती है। इस नलिका को टियर डक्ट (Tear Duct - अश्रु ग्रंथियां) कहते हैं। यह एक निश्चित शारीरिक क्रिया है, कुछ बच्चों की आंखों में इन नलिकाओं के बनने में समय लगता है। जब आंसू नलिकाएं बनकर पूरी हो जाती हैं, तो बच्चे के रोने पर आंसू निकलने लगते हैं। इस दौरान अभिभावकों व घर के सदस्यों को घबराना नहीं चाहिए।
बच्चे आंसुओं के साथ कब रोना शुरू करते हैं? - When Do Babies Start Crying With Tears In Hindi
जब नवजात शिशु आंसुओं के बिना रोता है, तो इस बात से कई बार अभिभावक घबरा जाते हैं। कुछ तो इसे किसी तरह का विकार समझकर डॉक्टर के पास ले जाते हैं। लेकिन, यह किसी तरह की चिंता का कारण नहीं होता है, अधिकतर शिशुओं के रोते समय आंसू नहीं निकलते हैं। दरअसल, हर बच्चे की ग्रोथ अलग-अलग होती है और आंसू का बहना टियर डक्ट (आंसुओं की नलिका) के बनने पर निर्भर करता है। लगभग 2 सप्ताह का होने पर नवजात शिशु की अश्रु ग्रंथियां (lacrimal glands) आंसुओं का उत्पादन करने लगती है। इसके साथ ही आंसुओं की नलिकाएं इन आंसुओं को बाहर करती हैं। कई बार यह बदलाव शिशु में देरी से नजर आ सकते हैं। कुछ शिशुओं को 1 से 3 माह होने पर आंसुओं आना शुरू होते हैं।
कई बार आंसुओं की नालिका में बाधा के चलते भी शिशुओं को आंसुओं नहीं आते हैं। यह समस्या का विषय हो सकता है। वहीं, सामान्य रूप से जन्म के करीब दो से तीन सप्ताह के बाद ही शिशु आंसुओं के साथ रोना शुरू कर देता है। अगर, शिशु लगातार आंखों की तरफ हाथ ले जा रहा है, तो यह किसी परेशानी की वजह हो सकता है। ऐसे में आप शिशु को डॉक्टर के पास अवश्य ले जाएं।
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When Do Babies Start Shedding Tears: इसके अलावा, शिशु की आंख में कंजक्टिवाइटिस, टियर डक्ट बंद होना, देखने में परेशानी, भेंगापन, मोतियाबिंद और ग्लूकोमा आदि कुछ जोखिम कारक के कारण भी बच्चों में आंसु न बनने की समस्या हो सकती है। ऐसे में आपको तुंरत डॉक्टर से मिलकर इलाज कराना चाहिए।