चैत्र माह में हमें अपने खानपान का विशेष ख्याल रखना चाहिए। यह हिंदू कैलेंडर (Hindu Panchang First Month) का पहला महीना है, जिसमें कई तरह के मौसमी बदलाव देखे जाते हैं। साथ ही खानपान में भी काफी बदलाव होते हैं। बदलते मौसम में खानपान का विशेष ख्याल रखना चाहिए। आयुर्वेद में भी चैत्र माह में सतर्क होने के लिए कहा जाता है। आयुर्वेद में चैत्र माह में काफी ज्यादा सतर्क रहने के लिए कहा गया है। खानपान से लेकर हर एक चीज का विशेष ध्यान देना चाहिए। आइ जानते हैं चैत्र माह में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं?
गुड़ से बनाएं दूरी
गुड़ को काफी गर्म माना जाता है। आयुर्वेद के अनुसार, बदलते मौसम यानि चैत्र माह में गुड़ से दूरी बनानी चाहिए। क्योंकि गुड़ की तासीर गर्म होती है। इससे आपको कई तरह की परेशानियों हो सकती है। खासतौर पर नकसीर होने की संभावना काफी ज्यादा बढ़ जाती है।
बासी खाना न खाएं
आयुर्वेद के अनुसार, चैत्र माह में हमें बासी खाना बिल्कुल भी नहीं खाना चाहिए। कई बार हमने देखा है कि सर्दियों के सीजन में बचा हुआ खाना हम अगरे दिन खाते हैं, लेकिन चैत्र माह में बासी खाने से बचना चाहिए। इससे आपको अपच, बदहजमी, उल्टी और दस्त जैसी परेशानी हो सकती है।
इसे भी पढ़ें - Milk and Jaggery Combination: दूध और गुड़ के सवन से वजन होता है कम, जानें फायदे और नुकसान
ज्यादा गर्म और सादा दूध न पिएं
आयुर्वेद के अनुसार, चैत्र माह में अधिक गर्म और सादा दूध पीने से बचना चाहिए। क्योंकि इस माह में अधिक गर्म और सादा दूध पीने से आपको पेट से संबंधी परेशानी हो सकती है। अगर आप चैत्र माह में दूध पीते हैं, तो इसे ठंडा होने दें और इसमें थोड़ी मिश्री या फिर चीनी मिलाकर ही पिएं।
अधिक से अधिक पानी पिएं
चैत्र माह में गर्मी काफी ज्यादा बढ़ जाती है। इसलिए डिहाइड्रेशन की शिकायत होने की संभवाना रहती है। इस मौसम में रात और दिन के तापमान में काफी अंतराल होता है। ऐसे में शरीर के तापमान को नॉर्मल करने के लिए अधिक से अधिक पानी पिएं।
इसे भी पढ़ें - Ramdan 2021 : रोजा खोलते और शुरू करते वक्त खाएं खजूर से बनी ये मिठाई, दिनभर रहेंगे एनर्जेटिक
भीगे चने का करें सेवन
आयुर्वेद के अनुसार, चैत्र माह में भीगे चनों का सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है। इसके सेवन से हमारे शरीर का ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। साथ ही इससे ब्लड शुगर भी नियंत्रित होता है। भीगे चनों के सेवन से कैंसर से बचाव किया जा सकता है। इतना ही नहीं अगर आप नियमित रूप से भीगे चने खाते हैं, तो इससे आंखों की रोशनी अच्छी होती है।
नीम की पत्तियों का करें सेवन
चैत्र महीने में नीम का सेवन करना चाहिए। वैज्ञानिकों और आयुर्वेदाचार्यों का कहना है कि चैत्र महीने में कई रोग कीटाणु और वायरस पैदा होता हैं। नीम को रोगाणुनाशक माना जाता है। ऐसे में इस माह में नीम का सेवन स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छा हो सकता है। इतना ही नहीं नीम के सेवन से रोग-प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है।
चैत्र माह में रखें इन बातों का खास ध्यान
- अन्न का सेवन कम करें और साग-सब्जियों का सेवन अधिक से अधिक करें।
- सोने से पहले अपने मुंह और हाथ-पैर को अच्छे से धोएं।
- हमेशा पतले और सूती कपड़े पहनें।
- बढ़ती गर्मी में चेहरे पर ज्यादा मेकअप न करें।
- बासी भोजन न खाएं और न किसी और को खाने दें।
Read more articles on Home-Remedies in Hindi
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version