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भारत में रक्तदान के लिए क्या नियम हैं? जानें ब्लड डोनेशन से जुड़ी सभी जरूरी शर्तें

Blood Donation Rules in India: ब्लड डोनेशन करने से पहले इससे जुड़े नियमों का पता होना जरूरी है।
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भारत में रक्तदान के लिए क्या नियम हैं? जानें ब्लड डोनेशन से जुड़ी सभी जरूरी शर्तें


Blood Donation Rules in India: किसी भी जरूरतमंद को खून देना दुनिया का सबसे महान काम माना जाता है। शायद इसलिए ब्लड डोनेशन को आम भाषा में महादान कहा जाता है। भारत में हर साल लाखों को बीमारी से रिकवर होने, किसी हादसे का शिकार होने के बाद ठीक होने और बच्चे के जन्म के समय महिलाओं को ब्लड की जरूरत होती है। ऐसे में ब्लड डोनेशन करने से न केवल दूसरों की मदद होती है, बल्कि यह ब्लड डोनर को भी कई प्रकार से फायदा पहुंचाता है। ब्लड डोनेट करना बेशक एक अच्छा काम है, लेकिन भारत में ब्लड डोनेशन के लिए कुछ सीमाएं, नियम और शर्ते बनाई गई हैं। ब्लड डोनेशन के नियम भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी और अन्य स्वास्थ्य संगठनों द्वारा निर्धारित किए गए हैं।

ब्लड डोनेट करते वक्त हमें इन नियमों की जानकारी होना जरूरी (Blood Donation Rules in India) है। आज इस लेख में भारत में ब्लड डोनेशन नियम क्या हैं इस बारे में चर्चा करेंगे। इस विषय पर अधिक जानकारी दे रहे हैं मुंबई के माहिम स्थित फोर्टिस एसोसिएट एस.एल. रहेजा अस्पताल के ब्लड बैंक के एचओडी डॉ. एल्विस एलेक्स (Dr. Elvis Alex, HOD - Blood Bank, S.L. Raheja Hospital, A Fortis Associate - Mahim)।

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भारत में ब्लड डोनेशन के नियम क्या हैं? - Blood Donation Rules in India

डॉ. एल्विस एलेक्स के अनुसार, भारत में ब्लड डोनेशन की उम्र 18 से 65 वर्ष के बीच निर्धारित की गई है। यह नियम महिला और पुरुष दोनों पर लागू होता है। ब्लड डोनेशन के समय पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए शरीर का वजन कम से कम 45 किलोग्राम होना जरूरी है। आइए आगे जानते हैं भारत में ब्लड डोनेशन से जुड़े नियमों के बारे में...

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1. बीमारी से ग्रस्त न हो

ब्लड डोनर को हमेशा स्वस्थ होना चाहिए और किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित नहीं होना चाहिए। यदि किसी ब्लड डोनर को हैपेटाइटिस बी, हैपेटाइटिस सी, एड्स (HIV) या अन्य संक्रामक रोग हैं, तो वह ब्लड डोनेशन के लिए पात्र नहीं माना जाता है। इसके अलावा संक्रामक बीमारियों से जूझने वाले लोगों को भी ब्लड डोनेशन की अनुमति नहीं दी जाती है। अगर किसी व्यक्ति को डायबिटीज है, तो ऐसे में ब्लड डोनेशन से पहले डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।

2. हीमोग्लोबिन का स्तर

ब्लड डोनेशन से पहले हीमोग्लोबिन का स्तर पुरुषों के लिए 12.5 ग्राम/डीएल और महिलाओं के लिए 12.0 ग्राम/डीएल से कम नहीं होना चाहिए। ब्लड डोनेशन से पहले डॉक्टर से हीमोग्लोबिन की जांच जरूर करवाएं, ताकि भविष्य में किसी प्रकार की समस्या न हो।

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3. ब्लड डोनेशन की समयसीमा

नियम के अनुसार, एक स्वस्थ पुरुष रक्तदाता हर 3 महीने में एक बार ब्लड डोनेट कर सकते हैं। वहीं, महिला रक्तदाता हर 4 महीने में एक बार ही ब्लड डोनेट कर सकती हैं। प्लेटलेट्स डोनेशन (अफेरेसिस) हर 15 दिन में एक बार किया जा सकता है।

4. दवाएं

कोई व्यक्ति अगर किसी संक्रामक बीमारी से जूझ रहा है और हाल ही में कोई एंटीबायोटिक या स्टेरॉयड दवा ली है, तो वह कुछ दिनों तक ब्लड डोनेशन के लिए पात्र नहीं माना जाता है। ठीक इसी तरह किसी भी प्रकार का वैक्सीनेशन करवाने के बाद भी ब्लड डोनेशन के लिए इंतजार करना पड़ता है। डॉक्टर का कहना है कि यदि किसी व्यक्ति को हाल ही में कोरोना वायरस से बचाव के लिए वैक्सीनेशन करवाया है, तो वह 14 दिन के बाद ही ब्लड डोनेट कर सकता है।

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5. सर्जरी

किसी व्यक्ति की हाल ही में सर्जरी या बड़ा ऑपरेशन हुआ है, तो उसे 6 महीने तक ब्लड डोनेशन की इजाजत नहीं दी जाती है। सर्जरी के बाद शरीर के पूरी तरह से रिकवर होने पर ही ब्लड डोनेशन की इजाजत दी जाती है।

ब्लड डोनेशन से मिलने वाले सेहत को फायदे - Health benefits of blood donation

ब्लड डोनेशन करने से शरीर को कई प्रकार के फायदे मिलते हैं। आइए डॉ. एल्विस एलेक्स से आगे जानते हैं इसके बारे में...

हर 3 महीने पर ब्लड डोनेशन करने से ब्लड प्रेशर को मैनेज करने में मदद मिलती है। जिससे हार्ट अटैक और हार्ट स्ट्रोक का खतरा कम होता है।

नियमित तौर पर ब्लड डोनेट करने से शरीर में नया रक्त बनने की प्रक्रिया तेज होती है।

डॉक्टर का कहना है कि ब्लड डोनेशन एक महान काम है। किसी व्यक्ति के एक यूनिट रक्तदान से तीन लोगों की जान बचाई जा सकती है।

निष्कर्ष

ब्लड डोनेशन एक मानवीय और आवश्यक कार्य है, जो जरूरतमंद लोगों की जान बचाने में मदद करता है। भारत में ब्लड डोनेशन लेकर कई नियम और शर्तें हैं, जिनका पालन करना आवश्यक है। अगर आप ब्लड डोनेशन के इच्छुक हैं, तो इन नियमों का पालन जरूर करें।

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