What Is Taseer Of Harsingar In Hindi: हरसिंगार जिसे हम परिजात या रात की रानी के नाम से भी जानते हैं। इसके फूल सफेद रंग होते हैं। हरसिंगार की पत्तियों और फलों का इस्तेमाल स्वास्थ्य लाभों के लिए सदियों से किया जा रहा है। इसका न सिर्फ सेवन किया जाता है, बल्कि तरह-तरह के लेप या पाउडर बनाकर भी उपयोग में लाया जाता है। लेकिन, इसका हरसिंगार का सेवन करने से पहले इसकी तासीर के बारे में जान लेना बेहतर होता है। आयुर्वेद की मानें, तो किसी भी खाद्य पदार्थ की तासीर जानकर यह जाना जा सकता है कि उसका सेवन करना कितना लाभकारी है। तो आइए, जानते हैं कि हरसिंगार की तासीर कैसी होती है और इसके क्या-क्या फायदे-नुकसान हो सकते हैं। इस संबंध में Divya Gandhi's Diet & Nutrition Clinic की डाइटिशियन और न्यूट्रिशनिस्ट दिव्या गांधी से बात की।
हरसिंगार की तासीर कैसी होती है?
इससे पहले कि हम यह जानें कि हरसिंगार की तासीर कैसी होती है? आपको समझा दें कि आखिर तासीर होती क्या चीज है? पारंपरिक चिकित्सा, विशेषकर युनानी और आयुर्वेदे के अनुसार किसी भी पदार्थ का अपना प्राकृतिक तापमान होता है। हरसिंगार की बात करें, तो इसकी तासीर ठंडी होती है। इसका इस्तेमाल तरह-तरह के लाभ के लिए किया जा सकता है। आगे जानते हैं कि इसका सेवन करने से किस तरह के स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं।
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हरसिंगार के लाभ- Possible Benefits Of Harsingar In Hindi
आर्थराइटिस में कारगर
हरसिंगार के पत्ते ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसी समस्याओं को कम करने के लिए प्रभावी तरीके से काम करता है। इसे हर्बल उपचार के रूप में लंबे समय से इस्तेमाल किया जा रहा हे। आपको बता दें कि ऑस्टियोआर्थराइटिस को संधिवात के रूप में जाना जाता है और यह वात दोष के बढ़ने के कारण होता है। यह समस्या दर्द, सूजन और जॉइंट प्रॉब्लम की वजह बनता है। वहीं, आप हरसिंगार के पत्तों से बने पाउडर का उपयोग इस समस्या से निवारण के लिए कर सकते हैं।
एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण से भरपूर
हरसिंगार एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्वों से भरपूर है। इसका मतलब है कि इसका सेवन करने से बीमार होने के जोखिम को कम किया जा सकता है। यही नहीं, यह शरीर में सूजन को कम करने में भी मदद करता है।
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एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टी का बेहतरीन स्रोत
एक्सपर्ट्स की मानें, तो हरसिंगार ऑक्सीडेंट्स का अच्छा स्रोत है। यह ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से लड़ता है। इसका मतलब है कि यह एजिंग प्रक्रिया को धीमी करने में मदद कर सकता है। वहीं, यह कोशिकाओं को नुकसान होने से भी बचाता है।
सांस से जुड़ी समस्या में कारगर
इन दिनों हमने देखा है कि चौतरफा खूब प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। खासकर, दशहरे के बाद से दिल्ली और एनसीआर का हवा काफी दूषित हो गई है। ऐसे में आप हरसिंगार का उपयोग कर सकते हैं। विशेषज्ञों का दावा है कि इसमें अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी सांस से जुड़ी समस्याओं से लड़ा जा सकता है। खासकर, जिन्हें लंग्स से जुड़ी समस्या है, उन्हें इसका इस्तेमाल करना चाहिए।
स्किन प्रॉब्लम करे दूर
हरसिंगार का पेस्ट बनाकर इसे स्किन प्रॉब्लम पर अप्लाई किया जा सकता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि यह एक्जिमा और सोरायसिस जैसी स्किन प्रॉब्लम्स के इलाज के लिए भी कारगर है। हालांकि, इसका किस तरह इस्तेमाल करना है, इस संबंध में एक्सपर्ट की सलाह लेना आवश्यक है।
हरसिंगार के नुकसान- Side Effects Of Harsingar In Hindi
- अगर किसी को हरसिंगार से एलर्जी है, तो उन्हें इसका सेवन या उपयोग नहीं करना चाहिए। जिन लोगों को इससे एलर्जी है, उनकी बॉडी पर चकत्ते हो सकत हैं या फिर एलर्जिक रिएक्शन नजर आ सकता है।
- कुछ लोगों को हरसिंगार का सेवन करने से पाचन संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं। विशेषकर, अगर आप ज्यादा मात्रा में इसका सेवन करते हैं। हरसिंगार के अतिरिक्त सेवन से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल असुविधा या दस्त हो सकते हैं।
एक्सपर्ट की सलाह
वैसे तो हरसिंगार के कई संभावित लाभ हैं, लेकिन इसका उपयोग करने से पहले एक्सपर्ट की सलाह लेना नहीं भूलना चाहिए। खासकर उन लोगों के लिए एक्सपर्ट की राय ज्यादा महत्वपूर्ण है, जो किसी तरह की दवा ले रहे हैं या किसी तरह की मेडिकल कंडीशन से पीड़ित हैं।
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