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घुटने के दर्द में राहत दिलाती हैं पारिजात (हरसिंगार) की पत्तियां, जानिए सही उपयोग और फायदे

घुटने का दर्द आज एक आम समस्या बन चुकी है, जो न केवल बुजुर्गों को बल्कि युवाओं को भी प्रभावित कर रही है। यहां जानिए, घुटने के दर्द के लिए पारिजात के पत्तों का उपयोग कैसे करें?
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घुटने के दर्द में राहत दिलाती हैं पारिजात (हरसिंगार) की पत्तियां, जानिए सही उपयोग और फायदे


बढ़ती उम्र, गलत लाइफस्टाइल, मोटापा और पोषण की कमी जैसे कारणों से आजकल युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक में घुटनों के दर्द की समस्या आम हो गई है। ये दर्द धीरे-धीरे इतना बढ़ जाता है कि व्यक्ति को चलने, उठने-बैठने या सीढ़ियां चढ़ने-उतरने में भी कठिनाई होने लगती है। इसका मुख्य कारण बढ़ती उम्र, शरीर में कैल्शियम की कमी, गलत खानपान, अधिक वजन या लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठे रहना हो सकता है। बाजार में घुटनों के दर्द को दूर करने के लिए कई तरह की दवाएं और सप्लीमेंट्स मौजूद हैं। हालांकि, इन दवाओं के नियमित सेवन से अस्थायी राहत तो मिलती है, लेकिन इनके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। खासकर पाचन तंत्र पर इनका प्रभाव पड़ सकता है और लंबे समय तक इनका उपयोग किडनी या लिवर पर असर डाल सकता है। ऐसे में लोग अब नेचुरल और आयुर्वेदिक विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं। इस लेख में रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से जानिए, घुटने के दर्द के लिए पारिजात के पत्तों का उपयोग कैसे करें?

घुटने के दर्द के लिए पारिजात के पत्तों का उपयोग कैसे करें? - How To Use Parijat Leaves For Knee Pain

पारिजात को हरसिंगार के नाम से भी जाना जाता है, यह एक औषधीय पौधा है, जिसकी पत्तियां, फूल और छाल तक औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। इसके फूल सफेद और खुशबूदार होते हैं। पारिजात के पत्तों में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो घुटनों के दर्द, साइटिका और सूजन जैसी समस्याओं में राहत देने में मदद करते हैं। आयुर्वेदिक डॉ. श्रेय शर्मा बताते हैं कि पारिजात के पत्तों को मंद आंच पर पकाकर उसका काढ़ा (What is the best herbal remedy for knee pain) तैयार किया जाए, तो यह घुटनों के पुराने दर्द, सूजन और यहां तक कि साइटिका जैसी समस्याओं में भी उपयोगी साबित (ghutno ke dard mein kya karen) हो सकता है। यह काढ़ा शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करता है, जिससे मांसपेशियों में जमे टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं और दर्द में आराम मिलता है।

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What is the best herbal remedy for knee pain

पारिजात का काढ़ा कैसे बनाया जाता है? - How To Make Parijat Kadha

काढ़ा बनाने के लिए आपको पारिजात की 5–7 ताजी हरी पत्तियां और 2 कप पानी की जरूरत होगी।

  • सबसे पहले पारिजात की पत्तियों को साफ पानी से धो लें।
  • अब एक पैन में 2 कप पानी लें और उसमें ये पत्तियां डाल दें।
  • इस पानी को धीमी आंच पर पकने दें जब तक यह एक कप न रह जाए।
  • अब इसे छान लें और गुनगुना रहने पर सेवन करें।
  • चाहें तो हल्का स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें थोड़ा शहद मिला सकते हैं।

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सावधानियां

प्रेग्नेंट महिलाएं और स्तनपान कराने वाली महिलाएं इस काढ़े का सेवन डॉक्टर की सलाह से ही करें। ज्यादा मात्रा में इसका सेवन न करें, दिन में एक कप पर्याप्त है और किसी भी गंभीर रोग में इसका प्रयोग शुरू करने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श लें।

निष्कर्ष

प्राकृतिक और आयुर्वेदिक उपचारों की खूबी यही है कि ये शरीर पर बिना किसी साइड इफेक्ट के अंदर से काम करते हैं। पारिजात का काढ़ा भी ऐसा ही एक औषधीय उपाय है, जो खासकर घुटनों के दर्द और साइटिका जैसी समस्याओं में बेहद प्रभावशाली सिद्ध हो सकता है। यदि आप बार-बार दवा खाने से बचना चाहते हैं और अपने जोड़ों को प्राकृतिक रूप से स्वस्थ बनाना चाहते हैं, तो पारिजात के पत्तों से बना काढ़ा आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।

All Images Credit- Freepik

FAQ

  • घुटने में दर्द क्यों होता है?

    घुटने में दर्द होने के कई कारण हो सकते हैं। सबसे आम कारणों में बढ़ती उम्र, गठिया, ज्यादा वजन, चोट लगना, मांसपेशियों या लिगामेंट में खिंचाव और ज्यादा शारीरिक मेहनत शामिल हैं। कैल्शियम और विटामिन D की कमी से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं, जिससे घुटनों में दर्द बढ़ सकता है। लंबे समय तक गलत मुद्रा में बैठना या चलना भी इस समस्या को बढ़ा सकता है। इसके अलावा वात दोष का असंतुलन आयुर्वेद में घुटनों के दर्द का एक प्रमुख कारण माना जाता है। सही उपचार और दिनचर्या से इस दर्द से राहत पाई जा सकती है।
  • क्या पारिजात और हरसिंगार एक ही हैं? 

    पारिजात और हरसिंगार एक ही पौधे के दो नाम हैं। यह एक सुगंधित फूलों वाला पौधा है, जिसे धार्मिक और औषधीय दृष्टि से बहुत महत्व दिया जाता है। इसके सफेद फूलों में केसरिया रंग की डंडी होती है और ये सुबह के समय जमीन पर झड़ते हैं। पारिजात या हरसिंगार के पत्तों, फूलों और छाल का उपयोग आयुर्वेद में बुखार, दर्द, गठिया और कई अन्य रोगों के उपचार में किया जाता है।
  • पारिजात के पत्ते उबालकर पीने से क्या होता है?

    पारिजात के पत्तों को उबालकर पीने से शरीर को कई आयुर्वेदिक लाभ मिलते हैं। इनमें एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल और पेन रिलीवर गुण पाए जाते हैं, जो विशेष रूप से जोड़ों के दर्द, घुटनों की सूजन और साइटिका में राहत देते हैं। यह काढ़ा शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करता है और वात दोष को संतुलित करता है, जिससे मांसपेशियों और हड्डियों में जमा हुआ टॉक्सिन बाहर निकलता है।

 

 

 

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