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कमर, साइटिका और जोड़ों में दर्द होने पर पिएं पारिजात की चाय, जानें इसकी रेसिपी और फायदे

Parajita Tea Recipe And Benefits In Hindi: पारिजात की चाय पीने से आपको शरीर के दर्द को कम करने में बहुत मदद मिल सकती है, जानें इसे कैसे बनाएं और पिएं।
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कमर, साइटिका और जोड़ों में दर्द होने पर पिएं पारिजात की चाय, जानें इसकी रेसिपी और फायदे


Parajita Tea Recipe And Benefits In Hindi: चाय-कॉफी हम भारतीयों के पसंदीदा ड्रिंक्स में से एक है। ज्यादातर लोग अपने दिन की शुरुआत इनके बिना करना पसंद नहीं करते हैं। लेकिन इनका अधिक सेवन स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक भी हो सकता है। इसलिए बहुत से लोग इनके स्थान पर हर्बल चाय का सेवन करते हैं, जिनका सेवन स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित होता है और सेहत के लिए लाभकारी भी। आपको बता दें कि कुछ हर्बल चाय तो शरीर के दर्द से छुटकारा दिलाने में भी बहुत मददगार होती हैं। ऐसी ही एक हर्बल चाय पारिजात के पत्तों से बनी चाहिए। पारिजात के पत्ते में कई औषधीय गुण होते हैं। यह एंटी-इन्फ्लेमेटरी, एंटी आर्थराइटिक,  हेपेटो-प्रोटेक्टिव (लिवर को डिटॉक्स करने वाले) गुण मौजूद होते हैं। आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. चैतली राठौर (BAMS Ayurveda) की मानें तो पारिजात गठिया दर्द, कटिस्नायुशूल, क्रोनिक पीठ दर्द और अन्य जोड़ों के दर्द के लिए सबसे अच्छी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों में से एक है। डेस्क जॉब वाले लोग या कंप्यूटर पर काम करने वालों को अक्सर बैठने की स्थिति के कारण रुक-रुक कर पीठ दर्द की समस्या का सामना करते हैं। ऐसी स्थिति में पारिजात के पत्तों की चाय पीने उन्हें दर्द से जल्द राहत मिल सकती है। डॉ. चैतली ने एक इंस्टाग्राम पोस्ट में इस चाय की आसान रेसिपी शेयर की है। इस लेख में हम आपको इसके बारे में विस्तार से बता रहे हैं...

 Parajita tea recipe and benefits to relieve back sciatica and joint pain in hindi

दर्द से राहत के लिए पारिजात चाय कैसे बनाएं रेसिपी- How To Make Parijat Tea Recipe In Hindi

  • 3-4 पारिजात की पत्तियां लें
  • पत्तों को धो लें
  • इसे 1 गिलास पानी में डालकर आधा होने तक उबालें
  • इसे छान लें और इसका सेवन करें।
  • यह पीने में बहुत स्वादिष्ट होती है और आप नियमित इसका सेवन कर सकते हैं।

दर्द से राहत के लिए पारिजात की चाय कैसे पिएं- How To Drink Parijat Tea To Relieve Pain In Hindi

आप अपने दर्द के अनुसार 1-2 गिलास दिन में इस चाय का सेवन कर सकते हैं।

सुनिश्चित करें कि यह दर्द निवारक नहीं है, यह धीरे-धीरे लेकिन प्रभावी ढंग से काम करती है, यह चाय आपके आयुर्वेद उपचार में मदद करेगी। वात-रोग (वात विकार जैसे गठिया, कटिस्नायुशूल, पीठ दर्द और अन्य जोड़ों के दर्द) के लिए आयुर्वेदिक सबसे अच्छी चिकित्सा है। अन्य विशेषताएं जो आपके जोड़ों के दर्द को ठीक करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं, वे हैं उचित निदान, व्यायाम, उचित मुद्रा, चाल और आयुर्वेदिक चिकित्सा के साथ कुछ आहार परिवर्तन (यदि आवश्यक हो)।

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All Image Source: Freepik

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