क्या है स्क्लेरोडर्मा, जानें किन लोगों को होता है इसका खतरा और क्या है बचाव के तरीके

अगर आप भी अपनी त्वचा को पतला या मोटा होता देख रहे हैं तो जान लें ये स्थिति हो सकती है स्क्लेरोडर्मा का संकेत, जानें क्या है इसके बचाव के तरीके। 
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क्या है स्क्लेरोडर्मा, जानें किन लोगों को होता है इसका खतरा और क्या है बचाव के तरीके


स्क्लेरोडर्मा एक प्रकार की ऑटोइम्यून बीमारी है जिसके कारण आपकी त्वचा को काफी नुकसान का सामना करना पड़ता है। स्क्लेरोडर्मा के सामने आए मामलों में ये पता चला है कि ज्यादातर ये समस्या 30 से 50 साल की उम्र वाली महिलाओं को प्रभावित करती है और त्वचा को लंबे समय तक के लिए नुकसान पहुंचाती है। इतना ही नहीं स्क्लेरोडर्मा आपके आंतरिक अंगों को भी नुकसान पहुंचा सकता है। इसके लक्षण आपको कई बार पहले और कुछ लोगों को बाद में नजर आ सकते हैं। एक्सपर्ट की मानें तो इसको पूरी तरीके से ठीक नहीं किया जा सकता है लेकिन हां इसको इलाज के जरिए कुछ हद तक रोका जा सकता है। इसके लिए जरूरी है कि लोगों को इसके बारे में सही जानकारी पता हो और इसके लक्षणों के बारे में जानकारी हो। त्वचा संबंधित इस विकार से बचाव के लिए जरूरी है कि आप समय पर इससे बचाव करें और त्वचा को स्वस्थ बनाए रखें। इसके लिए हमने बात की अभीव्रित एस्थेटिक्स क्लिनिक में मौजूद त्वचा विशेषज्ञ डॉक्टर जतिन मित्तल से। 

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क्या है स्क्लेरोडर्मा (What Is Scleroderma In Hindi)

स्क्लेरोडर्मा एक पुरानी बीमारी है जिसके कारण आपकी त्वचा को भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है। ये आपकी त्वचा के ऊतकों को सख्त करना शुरू कर देता है। एक्सपर्ट जतिन मित्तल बताते हैं कि स्क्लेरोडर्मा पुरुषों की तुलना में महिलाओँ को ज्यादा प्रभावित करने का काम करता है। हालांकि एक्सपर्ट बताते हैं कि स्क्लेरोडर्मा का कोई भी इलाज मौजूद नहीं लेकिन कुछ दवाओं या उपचार की मदद से इसके लक्षणों को आसानी से कम किया जा सकता है। इसके अलावा स्क्लेरोडर्मा कई प्रकार के होते हैं जो सभी आपकी त्वचा को अलग-अलग प्रकार से प्रभावित करने का काम करती है। इतना ही नहीं ये स्थिति आपकी रक्त वाहिकाओं, आंतरिक अंगों और पाचन तंत्र को भी परेशान कर सकती है। लेकिन एक्सपर्ट की सलाह है कि इससे बचाव के लिए जरूरी है कि आप इसके लक्षणों के बारे में अच्छे से जान लें। 

स्क्लेरोडर्मा के लक्षण (Symptoms)

  • त्वचा बहुत ज्यादा पतली होना या मोटी होना। 
  • त्वचा पर लाल चकत्ते।
  • त्वचा पर लंबे समय तक के लिए रुखापन आना। 
  • जलन और दर्द का अनुभव होना। 
  • कई मामलों में स्क्लेरोडर्मा आपके पाचन तंत्र को भी परेशान कर सकता है। 
  • आप हार्टबर्न या पेट दर्द जैसी समस्या का भी सामना कर सकते हैं। 
  • त्वचा के रंग में अचानक बदलाव होना। 

किन लोगों को होता है इसका खतरा

एक्सपर्ट के मुताबिक, ऑटोइम्यून बीमारियों एक जेनेटिक बीमारी है जो परिवार द्वारा एक से दूसरे व्यक्ति तक आसानी से पहुंच सकती है। इस दौरान आपकी त्वचा में कोलेजन का उत्पादन तेजी से होने लगता है जिसके कारण त्वचा को असामान्य स्थिति का सामना करना पड़ता है। 

उम्र

स्क्लेरोडर्मा का खतरा सबसे ज्यादा बढ़ती उम्र के दौरान होता है जब आप 30 से 50 की उम्र में होते हैं, इस दौरान आप स्क्लेरोडर्मा का शिकार आसानी से हो सकते हैं। एक्सपर्ट बताते हैं कि सामने आए मामलों में देखा गया कि पीड़ित 30 से 50 साल के लोगों थे। 

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लिंग

इस तरह की ऑटोइम्यून बीमारियों में लिंग का बहुत बड़ा कारण होता है जो आपके लिए एक महत्वपूर्ण बात है। जी हां, एक्सपर्ट की मानें तो स्क्लेरोडर्मा का शिकार पुरुषों से ज्यादा महिलाएं होती है जिन्हें इसका खतरा ज्यादा होता है। 

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डायबिटीज

डायबिटीज एक ऐसी स्वास्थ्य स्थिति है जिसके कारण आप कई गंभीर स्थितियों का शिकार हो सकते हैं। डायबिटीज के दौरान आप कई दूसरे बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं, ऐसे ही स्क्लेरोडर्मा का खतरा भी उन लोगों में ज्यादा होता है जो लोग पहले से डायबिटीज का शिकार हैं। 

कार्बिडोपा और ब्लोमाइसिन दवाएं

कार्बिडोपा और ब्लोमाइसिन दवाएं आपको स्क्लेरोडर्मा का शिकार आसानी से बना सकती है, जिसके कारण आपकी त्वचा को भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। 

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स्क्लेरोडर्मा से बचाव के लिए घरेलु उपाय 

विटामिन डी

विटामिन डी आपके शरीर के लिए बहुत फायदेमंद और जरूरी होता है, विटामिन डी की पूर्ति आपको ऑटोइम्यून जैसे रोगों से बचाने में मददगार होता है। इतना ही नहीं एक्सपर्ट के मुताबिक, जब आप अपने शरीर में विटामिन डी की कमी को दूर करते हैं तो आप इससे स्क्लेरोडर्मा के लक्षणों को भी कम करने का काम कर सकते हैं। इसके लिए आप अपनी डाइट में ऐसी चीजों को शामिल करें जो आपको विटामिन डी की कमी को दूर करने के लिए काम करते हैं। 

एसेंशियल ऑयल

एसेंशियल ऑयल आपकी त्वचा और आपकी सेहत दोनों के लिए अच्छे होते हैं, ये आपको कई गंभीर स्थितियों से बचाने के साथ कई घरेलू उपचार के लिए मददगार होते हैं। पुदीना का तेल और लेवेंडर ऑयल ऐसे हैं जो आसानी से आपको स्क्लेरोडर्मा की समस्या से दूर रख सकते हैं। ये आपकी त्वचा को लंबे समय तक पर्याप्त पोषण देने के साथ आपकी त्वचा को स्वस्थ रखने का काम करते हैं। इसके लिए आप इन ऑयल में कुछ मात्रा में नारियल का तेल मिलाएं और अपनी त्वचा पर नियमित रूप से लगाएं। 

गोटू कोला

आपको बता दें कि गोटू कोला एक औषधीय जड़ी बूटी है जो कई तरह की समस्याओं को कम करने के साथ आपको लाभ पहुंचाती है। ऐसे ही ये आपके ऊतकों को स्थिर करने और आपके रक्त वाहिकाओं के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है। इसके साथ ही इसका नियमित रूप से इस्तेमाल आपकी त्वचा पर आने वाली सूजन और तनाव को भी कम कनरे का काम करता है। इसके लिए आप गोटू कोला को गुनगुने पानी के साथ मिलाएं या उबाल लें और इसका सेवन कर लें। 

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हल्दी 

हल्दी हमारे स्वास्थ्य के लिए कितनी फायदेमंद है ये तो आप सभी जानते हैं, ये आपको कई प्रकार की समस्याओं से दूर करने के साथ लंबे समय तक स्वस्थ रखने का काम करती है। हल्दी ऐसे ही स्क्लेरोडर्मा की समस्या को कम करने में भी लाभकारी होती है, इसकी मदद से आप स्क्लेरोडर्मा के लक्षणों को कम कर त्वचा को स्वस्थ बनाए रख सकते हैं। आप चाहे तो त्वचा पर हल्दी का लेप या फिर रोजाना हल्दी वाला दूध भी पी सकते हैं। 

प्याज

प्याज कई घरेलू उपाय के रूप में हमारी मदद करती है और हमे कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती है। आपको बता दें कि प्याज थियोसल्फ्रेट्स और सीपीन जैसे यौगिकों से भरपूर होते हैं जो विरोधी भड़काऊ गतिविधियों को प्रदर्शित करते हैं। यह आपकी त्वचा में आने वाली सूजन को कम करने में असरदार होती है। इसके लिए आप नियमित रूप से प्याज को काटें और कटे हुए प्याज को अपने प्रभावित हिस्से पर लगाएं। इसके बाद आप इसे करीब 20 मिनट तक लगे रहने दें और फिर इसे गुनगुने पानी के साथ धो लें। 

(इस लेख में दी गई जानकारी अभीव्रित एस्थेटिक्स क्लिनिक में मौजूद त्वचा विशेषज्ञ डॉक्टर जतिन मित्तल से बातचीत पर आधारित है)।

 

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