कंपार्टमेंट सिंड्रोम बहुत ही अलग प्रकार की स्थिति है जिसके कारण आपके शरीर की मांसपेशियों के अंदर समस्या पैदा होने लगती है या सूजन होने लगती है। ज्यादातर मामलों में यह सिंड्रोम तब पैदा होता है जब चोट आपकी मांसपेशियों को लगती है और यह रक्त के प्रवाह को बाधित करने लगता है। इस स्थिति को समय पर ध्यान देना जरूरी है जिसके मदद से आप किसी भी गंभीर स्थिति से खुद को बचा सकते हैं। आपको बता दें कि अगर आप इस प्रकार की सूजन पर ध्यान नहीं देते हैं तो इसके कारण आपकी मांसपेशियों में रक्त जमने लगता है। इस स्थिति में सही प्रकार से इलाज नहीं मिलने पर ऊतक को धीरे-धीरे क्षति होने लगती है और इसके कारण उनकी मृत्यु भी हो सकती है। इसलिए जरूरी है कि आप इस प्रकार की समस्या को जानें और खुद को स्वस्थ रखने की कोशिश करें। लेकिन अब आपका सवाल होगा कि इसके लक्षणों को कैसे पहचानें और क्या इसके लिए इलाज है। तो हम आपको बता दें कि अब आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। क्योंकि हमने इस विषय पर बात की डॉक्टर राखी आयुर्विज्ञान, सफदरजंग एंक्लेव, नई दिल्ली की डॉक्टर राखी मेहरा से। जिन्होंने बताया कि क्या है कंपार्टमेंट सिंड्रोम के लक्षण, कारण और घरेलू इलाज।
क्या है कंपार्टमेंट सिंड्रोम (What Is Compartment Syndrome In Hindi)
कंपार्टमेंट सिंड्रोम की स्थिति वो स्थिति होती है जब किसी चोट के बाद आपकी मांसपेशियों में रक्त जमान होने लग जाए और आपकी ऊतकों मं सही तरीके से रक्त का संचार नहीं होता है। इस दौरान कई लोगों के ऊतकों में रक्त का संचार पूरे तरीके से बाधित भी हो सकता है जो एक गंभीर स्थिति पैदा कर सकता है। कंपार्टमेंट सिंड्रोम का खतरा आपके पूरे शरीर में हो सकता है ये आपके पैर और हाथ किसी भी जगह को परेशान कर सकता है। इस दौरान आपको बहुत ज्यादा सूजन और दर्द का अनुभव हो सकता है जिसके बाद आपको इलाज की जरूरत पड़ सकती है।
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कम्पार्टमेंट सिंड्रोम के कारण (Causes of compartment syndrome)
एक्सपर्ट राखी मेहरा बताती हैं कि कम्पार्टमेंट सिंड्रोम तब विकसित हो सकता है जब किसी मांसपेशियों में रक्तस्राव या सूजन हो। यह स्खिति आपकी मांसपेशियों के अंदर पैदा होती है और इसके कारण धीरे-धीरे आपका रक्त प्रवाह बाधित होने लगता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब आपको कोई चोट लगती है तो भऊारी दबाव के कारण मांसपेशियों और नसों को वे पोषक तत्व और ऑक्सीजन नहीं मिलते हैं जिनकी उन्हें बहुत जरूरत होती है। ऐसी स्थिति में जरूरी होता है कि आप कोई ऐसा कदम उठाएं जो आपकी मांसपेशियों और नसों में पर्याप्त मात्रा में पोषण के साथ ऑक्सीजन को पहुंचा सके। इसके अलावा जब आप किसी चोट, फ्रैक्चर, मांस फटना, बहुत ज्यादा तेज पट्टी बांधने के कारण भी आप कंपार्टमेंट सिंड्रोम का शिकार हो सकते हैं।
कंपार्टमेंट सिंड्रोम के लक्षण (Symptoms)
- प्रभावित हिस्से में तेज दर्द और सूजन महसूस होना।
- कई तरह की दवाएं लेने के बाद भी सूजन और दर्द कम न होना।
- खून के थक्के पैदा होना।
- पैर, हाथ जैसे हिस्सों पर गांठ महसूस होना।
- लंबे समय तक सूजन दिखाई देना।
- बार-बार प्रभावित हिस्सा सुन्न पड़ जाना।
- मांसपेशियों में उभार नजर आने लगना।

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इलाज (Treatment)
कंपार्टमेंट सिंड्रोम के दौरान इलाज डॉक्टर द्वारा बताए गए तरीकों से किया जाता है। डॉक्टर आपके प्रभावित हिस्से की स्थिति को देखते हुए इसकी सर्जरी का फैसला ले सकता है। जिसकी मदद से आपकी मांसपेशियों में जमा खून या गांठ को बहाल किया जाए और आपकी मांसपेशियों को पर्याप्त पोषण के साथ ऑक्सीजन मिल सके। सर्जरी कंपार्टमेंट सिंड्रोम के इलाज के लिए एक बेहतर विकल्प है जो आपके पैर या हाथ को जल्द रिकवर होने में मदद कर सकता है। आपको बता दें कि कंपार्टमेंट सिंड्रोम के दौरान जो सर्जरी की जाती है उस दौरान मांसपेशियों को कवर करने वाली फास्किया झिल्ली को काटा जाता है जिसे फास्कियोटॉमी भी कहा जाता है। इसके बाद डॉक्टर आपकी मांसपेशियों में जमी सूजन और जमे खून को बहाल करने के लिए अपने तरीके से इलाज कर सकता है।
इसके अलावा एक्सपर्ट राखी मेहरा बताती हैं कि जब कोई व्यक्ति कंपार्टमेंट सिंड्रोम का शिकार होता है तो जरूरी नहीं कि उसको सर्जरी का ही विकल्प दिया जाए। बल्कि इसके अलावा कुछ और भी विकल्प मौजूद है जो आसानी से इस सिंड्रोम को दूर कर सकते हैं और आपको जल्द स्वस्थ कर सकते हैं। जी हां, कंपार्टमेंट सिंड्रोम से निजात दिलाने के लिए कई प्रकार की थेरेपी और दवाएं मौजूद है जो मरीज के लिए फायदेमंद हो सकती है। आपको बता दें कि इस दौरान डॉक्टर आपकी स्थिति को देख कर ये फैसला लेगा कि आपको थेरेपी की जरूरत है या फिर सर्जरी की। अगर आप थेरेपी की मदद से ही स्वस्थ हो सकते हैं तो वो आपको कुछ शारीरिक गतिविधियों या थेरेपी देगा जिसकी मदद से सूजन और मांसपेशियों में जमे खून को बहाल किया जा सके। इसके साथ ही कई ऐसी दवाएं मौजूद है जो आपके दर्द और सूजन को कम करने के लिए इस्तेमाल की जाती है।
घरेलू उपचार
शारीरिक गतिविधियां या एक्सरसाइज
ये तो आप सभी जानते हैं कि शारीरिक गतिविधियां या एक्सरसाइज आपके स्वास्थ्य के लिए कितनी फायदेमंद होती है। ये न सिर्फ आपके शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखती है बल्कि ये आपको मानसिक रूप से भी स्वस्थ रखने का काम करती है। ऐसे ही जब आप कंपार्टमेंट सिंड्रोम का शिकार होते हैं या फिर इससे अपना बचाव करना चाहते हैं तो जरूरी है कि आप रोजाना नियमित रूप से एक्सरसाइज या शारीरिक गतिविधियां करते रहें। इसकी मदद से आप अपने शरीर में रक्त के संचार को बढ़ा सकते हैं और सूजन में कमी ला सकते हैं।
हेल्दी डाइट
डाइट भी आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी और असरदार होती है जो आपको लंबे समय तक स्वस्थ और बीमारियों से दूर रखने का काम करती है। वहीं, जब आप अपनी मांसपेशियों में सूजन या दर्द महसूस करते हैं तो जरूरी है कि आप अपनी डाइट में उन चीजों को शामिल करें जो आपके शरीर में सूजन को कम करते हैं और पर्याप्त पोषण देने का काम करते हैं।
हल्दी
हल्दी भी आपके शरीर से सूजन और दर्द को दूर करने के लिए काफी असरदार मानी जाती है। ये आपको कई प्रकार की शारीरिक समस्याओं से दूर रख सकती है। हल्दी में ऐसे गुण पाए जाते हैं जो आसानी से शरीर से सूजन और दर्द को कम कर सकते हैं। ऐसे ही कंपार्टमेंट सिंड्रोम की स्थिति से बाहर निकालने के लिए आप भी हल्दी का इस्तेमाल कर सकते हैं। आप हल्दी का लेप अपने प्रभावित हिस्से पर लगा सकते हैं जिसकी मदद से आप सूजन और दर्द को कम कर सकते हैं।
(इस लेख में दी गई जानकारी डॉक्टर राखी आयुर्विज्ञान, सफदरजंग एंक्लेव, नई दिल्ली की डॉक्टर राखी मेहरा से बातचीत पर आधारित है)।
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