रूमेटिक फीवर के लक्षण क्या हैं? रूमेटिक फीवर होने पर बुखार, गले में खराश, सूजन, जोड़ों में दर्द, उल्टी, सांस फूलना, सीने में दर्द, त्वचा में रैशेज आदि लक्षण नजर आ सकते हैं। स्ट्रेप्टोकोकस नाम के बैक्टीरिया के कारण रूमेटिक फीवर होता है। इम्यूनिटी पर बुरा प्रभाव डालने वाला ये बुखार बड़ों के साथ-साथ बच्चों को भी अपनी चपेट में ले लेता है। इस बुखार से बचने के लिए प्रदूषण या गंदगी से दूर रहना चाहिए। अगर कोई व्यक्ति रूमेटिक फीवर की चपेट में आ जाता है तो उसे एंटीबायोटिक दवाओं का कोर्स करने के लिए दिया जाता है। इस लेख में हम रूमेटिक फीवर के लक्षण, कारण, उससे जुड़े खतरे और इलाज पर चर्चा करेंगे। इस विषय पर ज्यादा जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
(image source:verywellmind)
रूमेटिक फीवर क्या होता है? (What is Rheumatic Fever)
गले का संक्रमण जिसे हम स्कारलेट इंफेक्शन भी कहते हैं उसके बाद रूमेटिक फीवर हो सकता है। ये बुखार स्ट्रेप्टोकोकस (streptococcus) बैक्टीरिया के कारण होता है। इस बैक्टीरिया का बुरा असर त्वचा और शरीर दोनों पर पड़ता है। जब किसी व्यक्ति को रूमेटिक फीवर होता है तब शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का संतुलन बिगड़ जाता है और शरीर में हेल्दी टिशूज खराब होने लगते हैं। आपको इस बुखार को हल्के में नहीं लेना चाहिए, ये समय के साथ गंभीर रूप ले सकता है। रूमेटिक फीवर के कारण स्ट्रोक या हार्ट फेलियर की समस्या भी हो सकती है। रूमेटिक फीवर वयस्कों के साथ-साथ बच्चों को भी हो सकता है। ये फीवर 5 से 15 साल के बच्चों को ज्यादा पाया जाता है। रूमेटिक फीवर आमतौर पर कुछ हफ्ते से लेकर महीने भर तक मरीज के शरीर में रह सकता है इसलिए आपको ऐसे मरीजों का खास खयाल रखने की जरूरत होती है।
रूमेटिक फीवर के लक्षण (Symptoms of Rheumatic Fever)
(image source:api.time.com)
रूमेटिक फीवर के लक्षण हर मरीज में अलग हो सकते हैं पर इस फीवर के कुछ कॉमन लक्षण हैं जो ज्यादातर मरीजों में देखने को मिलते हैं, अगर आपको ये लक्षण नजर आते हैं तो तुरंत डॉक्टर के पास जाकर इलाज करवाएं-
- रूमेटिक फीवर आने पर बुखार आता है।
- अगर आपके ज्वॉइंट्स में दर्द हो रहा है तो ये भी रूमेटिक फीवर का लक्षण हो सकता है।
- गले में खराश होना भी रूमेटिक फीवर का ही लक्षण है।
- अगर आपको जी मिचलाने या उल्टी की शिकायत है तो आपको रूमेटिक फीवर हो सकता है।
- रूमेटिक फीवर होने पर छाती में दर्द या सांस फूलने की समस्या हो सकती है।
- रूमेटिक फीवर का असर दिल पर भी होता है इसलिए आपको दिल की असामान्य ध्वनि या सीने में दर्द जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं।
- अगर आपको थकान महसूस हो रही है तो ये भी रूमेटिक फीवर का लक्षण है।
- स्किन से जुड़े लक्षणों की बात करें तो त्वचा के नीचे गांठ बनना, रैशेज होना, त्वचा लाल होना भी रूमेटिक फीवर का लक्षण है।
इसे भी पढ़ें- बुखार के दौरान होने वाली इन 5 समस्याओं को दूर करता है मुलेठी का काढ़ा, जानें प्रयोग का तरीका
रूमेटिक फीवर का कारण क्या है? (Causes of Rheumatic Fever)
(image source:static.nyt)
- रूमेटिक फीवर स्ट्रेप्टोकोकस नाम के बैक्टीरिया के शरीर में फैलने से होता है।
- जो लोग शराब और स्मोकिंग ज्यादा करते हैं उन्हें गले का संक्रमण होने का खतरा ज्यादा होता है और इस संक्रमण से आगे चलकर रूमेटिक फीवर हो सकता है।
- जो लोग पूरे दिन प्रदूषण वाली जगह पर काम करते हैं उन्हें भी रूमेटिक फीवर हो सकता है।
- अगर आपकी इम्यूनिटी मजबूत नहीं है तो आप रूमेटिक फीवर का शिकार बन सकते हैं।
- अनुवांशिक कारण के चलते भी ये फीवर मरीज को हो जाता है।
- जो लोग अपने घरों में सफाई नहीं रखते, उनके घर के लोगों को रूमेटिक फीवर होने का डर ज्यादा रहता है।
रूमेटिक फीवर से शरीर को क्या हानि होती है?
(image source:femina)
जिन मरीजों को रूमेटिक फीवर होता है उनकी हार्ट की मसल्स और वॉल्व डैमेज हो जाते हैं जिससे हार्ट फेलियर का खतरा बढ़ जाता है। वॉल्व डैमेज होने के कारण ब्लड लीक हो सकता है। हालांकि ये जरूरी नहीं है कि रूमेटिक फीवर होने वाले हर मरीज को हार्ट डिसीज हो लेकिन हार्ट डिसीज का खतरा वयस्कों में ज्यादा होता है। रूमेटिक फीवर से पीड़ित व्यक्ति को स्ट्रोक भी आ सकता है। रूमेटिक फीवर गले में संक्रमण के कारण होता है, गंभीर स्थिति में गले की बीमारियां कैंसर का रूप भी ले सकता है इसलिए लक्षणों पर गौर करें। कुछ केस में रूमेटिक फीवर के लक्षण महीनों तक रह सकते हैं। अगर बच्चे को रूमेटिक फीवर हुआ है और बुखार के साथ नाक से पानी गिर रहा है तो ये स्थिति चिंताजनक मानी जाती है इस स्थिति में डॉक्टर के पास तुरंत जाएं।
रूमेटिक फीवर से कैसे बचें? (Tips to prevent Rheumatic Fever)
- रूमेटिक फीवर से बचने के लिए अपने आसपास सफाई बनाए रखें।
- हेल्दी डाइट लें, फाइबर युक्त चीजों का सेवन करें जैसे ताजे फल और सब्जियां।
- टॉयलेट का इस्तेमाल करने से पहले और बाद में साबुन और पानी का इस्तेमाल करें।
- अपने घर की चीजें जैसे मोबाइल, टीवी का रिमोट, चाबी आदि चीजों को डिसइंफेक्टेंट से साफ करते रहें।
- रोजाना 30 से 40 मिनट योगा और वॉक जरूर करें, इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी।
इसे भी पढ़ें- वायरल बुखार और इंफेक्शन दूर करने के 7 घरेलू नुस्खे, जानें डॉक्टर से
रूमेटिक फीवर का इलाज (Treatment of Rheumatic Fever)
(image source:cloudfront)
अगर मरीज को स्ट्रेप इंफेक्शन है और उसका इलाज न किया जाए तो रूमेटिक फीवर होने की संभावना बढ़ जाती है। आप मरीज को खुद से एंटीबायोटिक दवा देने की गलती न करें, इससे स्थिति बिगड़ सकती है। स्ट्रेप बैक्टीरिया को शरीर से निकालने के लिए डॉक्टर एंटीबायोटिक का कोर्स करने की सलाह देते हैं। आपको इस बात का ध्यान रखना है कि रूमेटिक फीवर को ठीक करने के लिए दवा का कोर्स पूरा करना जरूरी है, इलाज को बीच में छोड़ने की गलती न करें। कुछ केस में डॉक्टर मरीज को स्टेरॉयड भी देते हैं पर ये मरीज की कंडीशन पर निर्भर करता है। आपको मरीज के तापमान का चार्ट बनाना चाहिए। हर दो घंटे बाद में आपको मरीज का तापमान लेकर चार्ट में लिखते रहना चाहिए। रूमेटिक हार्ट डिसीज का कारण बनता है इसलिए इसका इलाज जल्द से जल्द करवाएं।
अगर बच्चे को रूमेटिक फीवर हुआ है तो तय समय पर दवा दें, गंभीर स्थिति में बच्चों को महीनों तक दवा देनी पड़ सकती है।
(main image source:amoryurgentcare)
Read more on Other Diseases in Hindi