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पिचू थेरेपी क्‍या है? जानें इसकी व‍िध‍ि, फायदे और सावधान‍ियां

Pichu Therapy: रूई पर तेल डालकर दर्द का इलाज करने की आयुर्वेद‍िक प्रक्र‍िया को हम प‍िचू थेरेपी के नाम से जानते हैं।  
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पिचू थेरेपी क्‍या है? जानें इसकी व‍िध‍ि, फायदे और सावधान‍ियां

Ayurvedic Pichu Therapy in Hindi: आयुर्वेद चिकित्सा में ज्‍यादातर बीमार‍ियों का इलाज हमें आसानी से म‍िल जाता है। शरीर में होने वाले दर्द को दूर करने के ल‍िए कई आयुर्वेद‍िक थेरेपी हैं ज‍िसमें से एक है पि‍चू थेरेपी (Pichu Therapy)। प‍िचू थेरेपी की जर‍िए वात दोष को संतुलि‍त क‍िया जाता है। आयुर्वेद‍िक एक्‍सपर्ट इस थेरेपी को वात दोष के संतुलन के ल‍िए फायदेमंद होने के कारण, मानस‍िक समस्‍याओं के इलाज में प्रभावी मानते हैं। प‍िचू थेरेपी के कई प्रकार हैं जैसे- गर्दन दर्द के ल‍िए क‍ी गई प‍िचू थेरेपी को ग्रीवा प‍िच कहते हैं। नाभ‍ि के ल‍िए नबी प‍िचू, स‍िर के ल‍िए श‍िरो प‍िचू और कमर के ल‍िए काटी प‍िचू थेरेपी की जाती है। ओनलीमायहेल्थ के 'आरोग्य विद आयुर्वेद' सीरीज में आज हम आपको पिचू थेरेपी की विधि, फायदे और सावधानियों के बारे में बताने जा रहे हैं। इस थेरेपी के बारे में अधिक जानकारी लेने के लिए हमने रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल, सिरसा के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेया शर्मा से बातचीत की।

क्‍या है प‍िचू थेरेपी?- What is Pichu Therapy in Hindi 

प‍िचू थेरेपी, शरीर के व‍िभ‍िन्‍न ह‍िस्‍सों में होने वाले दर्द को दूर करने का एक आयुर्वेद‍िक उपचार है। गर्म औषधीय तेल को रूई में भ‍िगोकर दर्द वाले ह‍िस्‍से में लगाकर उपचार क‍िया जाता है। इसे हम प‍िचू थेरेपी के नाम से जानते हैं। कुछ मरीज प‍िचू थेरेपी की मदद से अस्‍थाई बीमारी जैसे- स‍िर दर्द या मांसपेश‍ियों में होने वाले दर्द का इलाज कराते हैं। इसके ल‍िए एक ही बार थेरेपी लेना काफी होता है। कुछ मरीजों के शरीर में स्‍थायी क्षत‍ि होती है ज‍िसके वजह से उन्‍हें लंबा उपचार लेने की जरूरत पड़ती है, जैसे- गठ‍िया रोग और माइग्रेन। ऐसे मरीजों को हफ्ते में 2 से 3 बार या और अध‍िक बार थेरेपी लेने की जरूरत होती है। इस थेरेपी की अवध‍ि मरीज की कंडीशन पर न‍िर्भर करती है। यह थेरेपी 30 से 40 म‍िनट और 1 या 2 घंटे की भी हो सकती है। 

पिचू थेरेपी की प्रक्रिया- Process Of Pichu Therapy 

pichu therapy process

  • पहले थेरेप‍ी एक्‍सपर्ट आपके शरीर में दर्द या समस्‍या का पता लगाते हैं।    
  • इस थेरेपी को लेने के ल‍िए मरीज को ल‍िटा द‍िया जाता है। 
  • इसके बाद आयुर्वेद‍िक जड़ी-बू‍ट‍ियों वाले तेल से प्रभाव‍ित ह‍िस्‍से की माल‍िश की जाती है।
  • यह तेल हल्‍का गर्म होता है। 
  • तेल को रूई में भ‍िगोकर त्‍वचा पर लगाया जाता है।  
  • जैसे-जैसे तेल त्‍वचा में पहुंचता है, रोगी को आराम का अनुभव होता है।
  • तेल में भीगे कॉटन पैड या रूई को प्रभाव‍ित अंग पर कुछ म‍िनटों के ल‍िए रख द‍िया जाता है।

प‍िचू थेरेपी के दौरान बरतें ये सावधान‍ियां- Pichu Therapy Precautions  

  • प‍िचू थेरेपी के बाद पर्याप्‍त आराम करना चाह‍िए और पोषक तत्‍वों से भरपूर डाइट लेना चाह‍िए। 
  • प‍िचू थेरेपी को ब‍िना क‍िसी गैप के एक लय में करवाना चाह‍िए। इससे शरीर को क‍िसी तरह का काई नुकसान नहीं पहुंचता।
  • यह थरेपी करवाने के बाद प्रभाव‍ित अंग में ठंडी हवा न लगने दें। प्रभाव‍ित अंग को ढककर रखें। 
  • सरकारी और गैर-सरकारी दोनों तरह के आयुर्वेद‍िक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्रों पर प‍िचू थेरेपी दी जाती है। इसकी कीमत 100 से 200 के बीच होती है। थेरेपी लेने से पहले कुल कीमत के बारे में पता कर लें। 

पिचू थेरेपी के फायदे- Pichu Therapy Benefits  

pichu therapy benefits

  • प‍िचू थेरेपी की मदद से हड्डियों और जोड़ों में दर्द को दूर करने में मदद म‍िलती हे। 
  • ज‍िन लोगों को माइग्रेन या स‍िर दर्द की समस्‍या होती है, उनके ल‍िए पि‍चू थेरेपी फायदेमंद मानी जाती है।
  • अन‍िद्रा की समस्‍या को दूर करने के ल‍िए प‍िचू थेरेपी करवा सकते हैं। 
  • गर्दन में दर्द या स्‍पॉन्‍डलाइट‍िस के मरीजों को होने वाले दर्द को कम करने के ल‍िए प‍िचू थेरेपी की मदद ले सकते हैं।
  • आंखों का तनाव कम करने के ल‍िए इस थेरेपी का प्रयोग क‍िया जाता है।
  • कुछ एक्‍सपर्ट्स ऐसा मानते हैं क‍ि इस थेरेपी की मदद से अपच, ईट‍िंग ड‍िसआर्डर की समस्‍या दूर होती है।  
  • प‍िचू थेरेपी की मदद से माइंड र‍िलैक्‍स होता है और एकाग्रता व मेमोरी पॉवर बढ़ाने में मदद म‍िलती है।
  • हेयर केयर की समस्‍याएं जैसे- दो मुंहे बालों की समस्‍या, सफेद बालों की समस्‍या, स्‍कैल्‍प इन्‍फेक्‍शन, बाल झड़ने की समस्‍या आद‍ि को दूर करने के ल‍िए प‍िचू थेरेपी की मदद ले सकते हैं। 

इसे भी पढ़ें- कटि बस्ती थेरेपी क्या है? जानें इसकी विधि, फायदे, सावधानियां और नुकसान     

प‍िचू थेरेपी के नुकसान- Pichu Therapy Side Effects  

प‍िचू थेरेपी लेने वाले मरीजों में इसके नुकसान कम देखे गए हैं। साइड इफेक्‍ट्स की बात करें, तो आपको नसों में दबाव, सांस लेने में तकलीफ, पीठ दर्द की समस्‍या महसूस हो सकती है। प‍िचू थेरेपी को डॉक्‍टर की सलाह के बगैर नहीं लेना चाह‍िए। 

उम्‍मीद करते हैं आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। आयुर्वेद इलाज से जुड़ी अन्‍य जानकारी के ल‍िए ओनलीमायहेल्‍थ के आयुर्वेद सेक्‍शन को देखना न भूलें।     

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