Piercing And Pregnancy: नाक, कान या शरीर के अन्य हिस्से को छिदवाना या पियर्सिंग कराना एक फैशन बन चुका है। जेंडर कोई भी हो, आजकल हर किसी में पियर्सिंग को लेकर उत्साह देखने को मिलता है। लोग नाक-कान के अलावा आईब्रो के ऊपर, नाक के नीचे, ठोड़ी के नीचे, नाभि पर, ब्रेस्ट एरिया या जेनिटल पार्ट्स में भी पियर्सिंग कराते हैं। लेकिन जैसा कि आप जानते हैं कि हर चीज के फायदे और नुकसान दोनों होते हैं। जहां एक तरह पियर्सिंग, शरीर की शोभा बढ़ाती है, वहीं दूसरी तरफ इससे होने वाले इन्फेक्शन को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। खासकर ऐसी स्थिति में जब आप गर्भवती हों। प्रेग्नेंसी में पियर्सिंग कराना कितना सुरक्षित है, यह समझने के लिए हमने लखनऊ के झलकारीबाई अस्पताल की गाइनोकॉलोजिस्ट डॉ दीपा शर्मा से बात की।
क्या प्रेग्नेंसी में पियर्सिंग कराना सुरक्षित है?- Piercing During Pregnancy is Safe or Not
डॉ दीपा शर्मा ने बताया कि प्रेग्नेंसी में पियर्सिंग कराने से बचना चाहिए। प्रेग्नेंसी के दौरान इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है। ऐसे में गर्भवती महिला या गर्भस्थ शिशु को इन्फेक्शन की आशंका हो सकती है। प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में इन्फेक्शन का खतरा ज्यादा होता है इसलिए इस दौरान पियर्सिंग से बचना चाहिए। पियर्सिंग एक सुरक्षित प्रक्रिया है, लेकिन इसके बावजूद भी डॉक्टर्स पियर्सिंग कराने की सलाह नहीं देते। पियर्सिंग के कारण इन्फेक्शन, ब्लड स्ट्रीम में भी जा सकता है इसलिए इससे बचना चाहिए।
प्रेग्नेंसी में पियर्सिंग कराने के नुकसान- Side Effects of Piercing During Pregnancy
- पियर्सिंग वाले क्षेत्र में इन्फेक्शन या खुजली होना।
- जिन महिलाओं को मेटल से एलर्जी होती है, उन्हें पियर्सिंग से नुकसान हो सकता है।
- गर्भस्थ शिशु के शरीर में इन्फेक्शन होना।
- इन्फेक्शन के कारण शिशु के ब्लड स्ट्रीम में भी इन्फेक्शन हो सकता है।
- कुछ रेयर केस में, पियर्सिंग नीडल से एचआईवी भी हो सकता है।
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प्रेग्नेंसी के 3 महीने बाद कराएं पियर्सिंग
अगर आप पियर्सिंग कराना चाहती हैं, तो प्रेग्नेंसी के 3 महीने बाद करवा सकती हैं। इसी तरह आपको प्रेग्नेंसी में टैटू कराने से भी बचना चाहिए। टैटू की इंक ब्लड स्ट्रीम तक जाती है, जिससे इन्फेक्शन हो सकता है इसलिए डॉक्टर प्रेग्नेंसी में टैटू या पियर्सिंग कराने की सलाह नहीं देते। प्रेग्नेंसी में आपको इस बात का भी ख्याल रखना है, कि जो पियर्सिंग पहले से है, उसमें इन्फेक्शन न हो। रोज कान या नाक के छेद को साबुन और पानी से साफ करें और प्रेग्नेंसी में ज्वैलरी पहनने से बचें।
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