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Phototherapy: फोटो थेरेपी क्या है? जानें पीलिया रोगियों के लिए कैसे है यह फायदेमंद?

What Is Phototherapy And How Is It Useful In Jaundice In Hindi: फोटोथेरपी की मदद से जॉन्डिस की रिकवरी में मदद मिलती है, कैसे? डॉक्टर से जानें।
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Phototherapy: फोटो थेरेपी क्या है? जानें पीलिया रोगियों के लिए कैसे है यह फायदेमंद?


What Is Phototherapy And How Is It Useful In Jaundice In Hindi: फोटोथेरेपी खास किस्म की थेरेपी होती है, जो कि लाइट की मदद से की जाती है। लेकिन, इसमें सूरज की रोशनी का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। आमतौर पर फोटोथेरेपी का उपयोग नवजात शिशु के पीलिया का इलाज करनरे के लिए किया जाता है। कई बार देखने में आता है कि नवजात शिशु को जन्म लेने के तुरंत बाद पीलिया यानी जॉन्डिस हो जाता है। चूंकि, इतने नवजात शिशु की इम्यूनिटी बहुत कमजोर होती है और अगर सही ट्रीटमेंट न दिया जाए, तो उनकी जान भी जा सकती है। इस तरह के जोखिम को कम करने के लिए डॉक्टर्स फोटोथेरेपी का उपयोग (Phototherapy Kya Hai In Hindi) करते हैं। सवाल है कि यह फोटोथेरेपी जॉन्डिस से रिकवरी में किस तरह मदद कर सकता है? आइए, जानते हैं नवी मुंबई स्थित अपोलो अस्पताल के Lead consultant Pediatric Critical Care Specialist डॉ. नारजोहन मेश्राम से।

फोटोथेरेपी क्या है और जॉन्डिस में यह कैसे उपयोगी है?- What Is Phototherapy And How Is It Useful In Jaundice In Hindi

What Is Phototherapy And How Is It Useful In Jaundice In Hindi

कुछ देर पहले ही हमने यह स्पष्ट किया है कि फोटोथेरेपी एक तरह की थेरेपी (Phototherapy Se Kya Hota Hai) होती है, जो जॉन्डिस से रिकवरी में मदद करता है। इस प्रक्रिया का उपयोग नवजात शिशु में किया जाता है। एनसीबीआई की मानें, तो फोटोथेरेपी नवजात शिशु में हाइपरबिलिरुबिनमिया के उपचार के लिए विजिल लाइट का उपयोग करता है। यह ट्रीटमेंट दूसरी तकनीकों की तुलना में अधिक उपयोग की जाती है और बच्चों के लिए सुरक्षित भी मानी जाती है। इस प्रक्रिया की मदद से बिलीरुबिन को पानी में घुलनशील आइसोमर्स में परिवर्तित करके सीरम बिलीरुबिन स्तर कम होता है। इस तरह लिवर में किसी तरह की परेशानी क्रिएट किए बिना ही जॉन्डिस से रिकवरी संभव हो पाती है। हालांकि, एक नवजात शिशु को कितनी देर तक फोटोथेरेपी दी जानी है, यह कई बातों पर निर्भर करता है। जैसे बच्चा कितनी तेजी से रिवकरी कर रहा है, बच्चे का स्वास्थ्य कितना खराब है और लिवर कितना प्रभावित हुआ है। इसे आप सरल भाषा में यूं समझ सकते हैं कि फोटोथेरेपी का उद्देश्य बच्चे के रक्त से बिलीरुबिन को निकालना है।

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क्या फोटोथेरेपी शिशुओं के लिए सुरक्षित है?- Is Phototherapy Safe For Newborns In Hindi

फोटोथेरेपी को लंबे समय से नवजात शिशुओं में जॉन्डिस के ट्रीटमेंट के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। हालांकि, कई अन्य स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं में भी फोटोथेरेपी को यूज किया जा सकता है, जैसे सारोसिस, एक्जिमा, इचिंग, विटिलिगो आदि। जहां तक इस बात का सवाल है कि क्या फोटोथेरेपी बच्चों के लिए सुरक्षित है? इस संबंध में एक्पसर्ट का कहना है कि हां, यह बिल्कुल सुरक्षित उपचार होता है। पीलिया के साथ पैदा होने वाले शिशुओं के शरीर में बहुत अधिक बिलीरुबिन होता है, जिससे उनकी त्वचा और आंखें पीली दिखाई देती हैं। ब्लू यूवी लाइट थेरेपी शिशुओं को बिलीरुबिन से छुटकारा पाने में मदद करती है ताकि यह उनके लिए हानिकारक न हो। इसके अलावा, फोटोथेरेपी की मदद से बच्चे जल्दी रिकवरी भी कर सकते हैं।

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फोटोथेरेपी के साइड इफेक्ट्स- Side Effects Of Phototherapy In Hindi

यूं तो नवजात शिशु में जॉन्डिस होने पर फोटोथेरेपी करना सुरक्षित होता है। इसके बावजूद, इसके कुछ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, जैसे-

  • स्किन में रेडनेस छा सकती है। हालांकि, 24 घंटे के अंदर रेडनेस दूर भी हो जाती है।
  • कई बार फोटोथेरेपी लेने के कारण नवजात शिशु को सनबर्न की तरह स्किन में ब्लस्टर्स हो सकते हैं। ट्रीटमेंट की मदद से ये दूर भी हो जाते हैं।
  • कई बार फोटोथेरेपी की वजह से स्किन में ड्राईनेस हो जाती है।
  • फोटोथेरेपी नवजात शिशु पर ही नहीं, हर उम्रवर्ग पर अप्लाई की जा सकती है। यह मरीज की हेल्थ कंडीशन पर निर्भर करता है। कई बार जब वयस्क फोटोथेरेपी लेते हैं, तो इससे सिर घूमना या चक्कर आने जैसी समस्या हो सकती है।

All Image Credit: Freepik

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