How To Fix Othello Syndrome: भरोसा किसी भी रिश्ते की ढाल की तरह होता है जो उसे संभाले रखता है। इसी तरह रिलेशनशिप स्ट्रांग बनाए रखने के लिए एक-दूसरे पर भरोसा होना बहुत जरूरी है। जब कोई व्यक्ति प्यार में होता है, तो वो अपने पार्टनर पर सबसे ज्यादा भरोसा करता है। कई बार अपने पार्टनर को खोने के डर से इनसिक्योर भी होने लगता है। हर रिश्ते में थोड़ी बहुत इनसिक्योरिटी होना नॉर्मल है। लेकिन अगर यह किसी व्यक्ति की आदत बन जाए, तो यह रिश्ता खत्म होने की वजह भी हो सकता है। अगर पार्टनर आप पर बार-बार शक करता है या आपको लेकर हमेशा इनसिक्योर रहता है, तो यह ओथेलो सिंड्रोम का संकेत भी हो सकता है। हालांकि, अतीत से जुड़े कुछ अनुभव या किसी अपने को खोने का डर इसकी वजह हो सकता है। लेकिन यह एक मानसिक स्थिति है जिसे कंट्रोल करना जरूरी है। इस बारे में ज्यादा जानने के लिए हमने बात कि मनस्थली की फाउंडर-डायरेक्टर और सीनियर साइकेट्रिस्ट और डॉ. ज्योति कपूर से।
पहले समझें क्या है ओथेलो सिंड्रोम? What is Othello Syndrome
ओथेलो सिंड्रोम एक साइकोलॉजिकल स्थिति है जिसमें किसी इंसान में जलन की भावना रहती है। ऐसे में व्यक्ति मन में धारणा बना लेता है कि उसका पार्टनर भरोसेमंद नहीं है। इस स्थिति से ग्रसित व्यक्ति बिना किसी सबूत के अपने पार्टनर को धोखेबाज मान बैठता है। यह स्थिति किसी मेंटल डिसऑर्डर, अतीत के किसी अनुभव या इनसिक्योर होने की वजह से हो सकती है।
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ओथेलो सिंड्रोम के क्या संकेत होते हैं? Symptoms of Othello Syndrome
ओथेलो सिंड्रोम से ग्रसित व्यक्ति में आपको ये संकेत नजर आ सकते हैं-
- ऐसे में व्यक्ति अपने पार्टनर के करीब आने वाले हर व्यक्ति से जलने लगता है। इस कारण वो कई बार अपने पार्टनर पर शक भी करता है।
- बिना किसी सबूत और वजह के मन में सोच लेता है कि उसका पार्टनर भरोसेमंद नहीं है।
- ऐसे में व्यक्ति अपने पार्टनर पर नजरे रखता है और उसको स्टॉक करता है।
- पार्टनर के इनसिक्योर बिहेवियर की वजह से अक्सर लड़ाईयां होती हैं।
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ओथेलो सिंड्रोम से डील कैसे करें? How To Deal With Othello Syndrome
ओथेलो सिंड्रोम की स्थिति से आसानी से बाहर आया जा सकता है। अगर आप या आपका पार्टनर इस स्थिति से ग्रसित हैं, तो ये टिप्स आपके लिए फायदेमंद हो सकती हैं-
खुलकर बात करें
ऐसे में अपनी परेशानी पर खुलकर बात करना जरूरी है। आप क्यों उनके लिए इनसिक्योर महसूस करते हैं या आप क्यों उन पर शक करते हैं। अगर आपका पार्टनर आपसे अपनी फीलिंग शेयर कर रहा है, तो उन्हें समझने की कोशिश करें। उन्हें बिना जज किये उनकी भावनाओं को समझें।
डील करने में मदद करें
अगर आपका पार्टनर इस स्थिति से ग्रसित है, तो उन्हें संभालने की कोशिश करें। उन्हें स्थिति समझने और इसकी जड़ को समझने में मदद करें। अगर उनके लिए अपने इमोशंस कंट्रोल करना मुश्किल होता है, तो इस स्थिति में किसी साइकेट्रिस्ट से संपर्क करना जरूरी होगा।
बाउंड्री बनाकर रखें
अपने रिलेशनशिप में हमेशा बाउंड्री बनाकर रखें। अपने पार्टनर को बताएं कि क्या चीजें आप बर्दाश्त नहीं कर पाएंगे। इसके साथ ही, अपने रिश्ते में भरोसा और सिक्योर फीलिंग हमेशा बनाए रखें।
अगर आप पार्टनर के बिहेवियर को लेकर कंफ्यूज हैं, तो किसी करीबी से बात करें। इसके बावजूद अगर आपको मदद नहीं मिलती है, तो किसी साइकेट्रिस्ट से संपर्क करें।