सोशल मीडिया और डेटिंग ऐप के इस जमाने में रिश्ते ज्यादा दिनों तक चल पाना काफी मुश्किल है। आज के समय में लोग अपने पार्टनर्स को फोन बदलने से भी ज्यादा तेजी से बदल रहे हैं। ऐसे में अपने रिश्ते को खोने का डर, हर वक्त पार्टनर पर शकहोना और रिश्ता टूटने का खौफ बने रहना आज के समय में काफी आम हो गया है। लेकिन क्या आपको पता है ये चीजें अनजाने में ही सही लेकिन आपके मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाल सकता है। पार्टनर के एक्स को लेकर सोचना और साथी को खोने का डर, रेबेका सिंड्रोम का कारण हो सकता है। आइए लाइटहाउस काउंसलिंग सेंटर की को-फाउंडर और काउंसलर डॉ. गीता श्रॉफ से जानते हैं रेबेका सिंड्रोम क्या होता है और इसके कारण क्या हैं?
रेबेका सिंड्रोम क्या होता है?
रेबेका सिंड्रोम, जिसे कभी-कभी रेट्रोएक्टिव जलन के रूप में भी जाना जाता है, एक डिसऑर्डर है जिसमें व्यक्ति अपने साथी के पिछले प्रेम या यौन संबंधों के बारे में सोचकर ज्यादा परेशान होता है या जलन महसूस करता है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति अक्सर अपने साथी के अतीत की बारीकियों पर ध्यान देते हैं, जिससे उनमें खुद को कम समझना, असुरक्षा, और कभी कभी बिना किसी कारण गुस्से की भावनाएं बढ़ने लगती है। इस समस्या के कारण पीड़ित के रिश्ते में दरार आ सकती है, क्योंकि व्यक्ति को वर्तमान कनेक्शन पर ध्यान देने में मुश्किल हो सकती है।
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रेबेका सिंड्रोम के लक्षण
- साथी के पिछले रिश्तों या पूर्व प्रेमियों के बारे में अक्सर ऑब्सेशन विचार आना।
- साथी के एक्स से खुद की लगातार तुलना करना, जिससे असुरक्षा की भावना पैदा होती है।
- पार्टनर से उसके अतीत के बारे में बहुत ज्यादा सवाल करना, भले ही इन सवालों के जवाब पहले ही दिए जा चुके हों।
- पार्टनर के एक्स को सोशल मीडिया पर स्टॉक करना।
- साथी के अतीत के बारे में सोचते समय चिंता और मूड स्विंग होना।
- साथी पर भरोसा करने में मुश्किल होना या डर के कारण पिछले रिश्ते का असर मौजूदा रिश्ते पर पड़ सकता है।
रेबेका सिंड्रोम के कारण
- असुरक्षा और आत्मसम्मान की कमी
- जलन की ज्यादा भावना होना
- अतीत में एक्स पार्टनर से मिला विश्वासघाट
- पार्टनर का अपने एक्स के पास वापस लौट जाने का डर
- रिश्तों में अनुभव की कमी
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Image Credit: Freepik