प्रेग्नेंसी के दौरान डायबिटीज (Gestational Diabetes in Hindi) एक ऐसी स्थिति है, जिसमें महिलाओं का ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है। सामान्य महिलाओं की तुलना में उन महिलाओं को अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता होती है, जिन्हें पहले से ही ड़ायबिटीज की परेशानी हो। इस तरह की समस्या से ग्रसित महिलाओं को अपना ब्लड शुगर लेवल पहले से ही मेंटेन करके रखना चाहिए।
नोएडा स्थित मदरहुड हॉस्पिटल की गायनाक्लोजिल्ट डॉक्टर मनीषा रंजन का कहना है कि गर्भावस्था के दौरान डायबिटीज या फिर ब्लड शुगर लेवल को दो वर्गों में विभाजित किया जाता है। पहले वर्ग में उन महिलाओं को शामिल किया जाता है, जो डाइट और एक्सरसाइज के माध्यम से ब्लड शुगर कंट्रोल कर सकती हैं। वहीं, दूसरे वर्ग में इंसुलिन या अन्य दवाएं लेने की आवश्यकता होती है। कुछ महिलाओं में डिलीवरी के बाद ब्लड शुगर सामान्य हो जाता है। लेकिन यह आपके बच्चे के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। साथ ही इससे टाइप 2 डायबिटीज होने का खतरा बना रहता है। ऐसे में प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लड शुगर को कंट्रोल करने की आवश्यकता होती है, ताकि आप और आपका बच्चा स्वस्थ रह सके। आइए विस्तार से जानते हैं प्रेग्नेंसी में ब्लड शुगर लेवल कितना (blood sugar during pregnancy) होना चाहिए।
प्रेगनेंसी में खाने के बाद नार्मल ब्लड शुगर कितना होना चाहिए ? ( Normal Blood Sugar Level for Pregnant women Hindi )
प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लड शुगर लेवल में उतार चढ़ाव देखने को मिल सकती हैं। आइए जानते हैं खाने से पहले और खाने के बाद ब्लड शुगर लेवल में कितना हो सकता है उतार- चढ़ाव -
- प्रेग्नेंसी में खाने से पहले ब्लड शुगर लेवल - 95 mg/dL या उससे कम
- प्रेग्नेंसी में खाने के एक घंटे बाद ब्लड शुगर लेवल - 140 मिलीग्राम/डीएल या उससे कम
- प्रेग्नेंसी में खाने से के दो घंटे बाद ब्लड शुगर लेवल - 120 मिलीग्राम/डीएल या उससे कम
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प्रेग्नेंसी में शुगर लेवल बढ़ने पर क्या करें ?
प्रेग्नेंसी में शुगर लेवल या फिर डायबिटीज की परेशानी होने पर आपको और आपके बच्चे को (high blood sugar during pregnancy effects on baby) नुकसान होने का खतरा बढ़ सकता है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। ताकि डायबिटीज में होने वाली परेशानी से बचा जा सके। डॉक्टर आपको ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करने के लिए कुछ निम्न सलाह दे सकते हैं। जैसे-
- नियमित रूप से दिन में 4 से 5 बार ब्लड शुगर की जांच करें।
- हेल्दी डाइट लें।
- रोजाना हल्के-फुल्के एक्सरसाइज जरूर करें।
- शरीर के वजन को नियंत्रित रखें।
- ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए अगर आपको कोई दवा या इंसुलिन लेने की सलाह दी गई है, तो इस स्थिति में समय पर दवा और इंसुलिन लें। ताकि किसी भी तरह की समस्या से बचा जा सके।
प्रेग्नेंसी में ब्लड शुगर बढ़ने का कारक ( Pregnancy High Blood Pressure Causes in Hindi )
प्रेग्नेंसी में ब्लड शुगर लेवल बढ़ने के कई कारक हो सकते हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में-
- शरीर का अधिक वजन होने पर प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है।
- परिवार के किसी सदस्य को डायबिटीज की परेशानी होना।
- पहली प्रेग्नेंसी में ब्लड शुगर या फिर डायबिटीज होना।
- पॉलीसिस्टिक अंडाशय सिंड्रोम (पीसीओएस) या इंसुलिन की समस्याओं से जुड़ी कोई अन्य स्वास्थ्य संबंधि स्थिति से जूझना।
- उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल, हृदय रोग, या अन्य चिकित्सीय जटिलताएं होना।
- महिला का पहले गर्भपात हो चुका है, तो इस स्थिति में अगली प्रेग्नेंसी में ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है।
- 25 से अधिक उम्र की महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है।
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प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लड शुगर लेवल हाई होने से मां और बच्चे दोनों को नुकसान हो सकता है। इसलिए इस दौरान ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने की कोशिश करें। वहीं, अगर आप पहले से ही किसी समस्या से जूझ रहे हैं, तो डॉक्टर से उचित सलाह जरूर लें।