Non allergic rhinitis: एलर्जिक राइनाइटिस के बारे में तो आपने सुना ही होगा? ये एक ऐसी समस्या है जिसमें फूलों से निकलने वाले पराग, घर के परदों और डोरमेट से निकलने वाले धूल से एलर्जी होती है। इस स्थिति में लगातार नाक से छींक आती है और सांस लेने में दिक्कत होती है, कई बार तो बुखार भी हो जाता है लेकिन आज हम नॉन एलर्जिक राइनाइटिस की बात करेंगे और जानेंगे कि ये क्या है? दरअसल, आमतौर पर लोग नॉन एलर्जिक राइनाइटिस और एलर्जिक राइनाइटिस के लक्षणों को एक समझकर इन दोनों के बीच कंफ्यूज हो जाते हैं। इसलिए आज हम डॉ. नईम अहमद सिद्दीकी, सीनियर कंसलटेंट- ईएनटी, हेड एंड नेक सर्जरी, अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल, चिराग एन्क्लेव, दिल्ली से इन दोनों के बीच के अंतर को समझेंगे और जानेंगे कि नॉन एलर्जिक राइनाइटिस, एलर्जिक राइनाइटिस से कैसे अलग है?
नॉन एलर्जिक राइनाइटिस क्या है-What is non allergic rhinitis in hindi
डॉ. नईम अहमद सिद्दीकी बताते हैं कि नॉन-एलर्जिक राइनाइटिस नाक से जुड़ी एक आम समस्या है, जिसमें व्यक्ति को नाक बंद होना, लगातार बहना, छींक आना या नाक में जलन जैसी दिक्कतें होती हैं, लेकिन इसका कारण एलर्जी नहीं होता। यानी इसमें परागकण, धूल, पालतू जानवर या मौसम से जुड़ी एलर्जी जिम्मेदार नहीं होती। नॉन एलर्जिक राइनाइटिस के कारण कुछ अलग होते हैं भले ही आपको इसके लक्षण अलग महसूस हों।
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नॉन एलर्जिक राइनाइटिस का कारण-Causes of non allergic rhinitis
डॉ. नईम अहमद सिद्दीकी बताते हैं कि नॉन एलर्जिक राइनाइटिस एक ऐसी समस्या है जो अक्सर धुएं, प्रदूषण, तेज खुशबू, परफ्यूम, मौसम में अचानक बदलाव, मसालेदार खाना, कुछ दवाइयां या हार्मोनल बदलाव की वजह से हो सकती है। इसे आप ऐसे समझें कि अगर आपको तेज खुशबू और मसालेदार खाना खाने के बाद लगातार छींक आने लगे, नाक से पानी बहने लगे या फिर बुखार जैसा कुछ महसूस हो तो ये नॉन एलर्जिक राइनाइटिस है।
नॉन एलर्जिक राइनाइटिस के लक्षण-Symptoms of allergic rhinitis in hindi
नॉन एलर्जिक राइनाइटिस के लक्षणों में आपका नेसल कंजेशन की समस्या हो सकती है, आंख, नाक और गले में खुजली हो सकती है। इसके अलावा आपको कफ, सिर दर्द और थकान की समस्या हो सकती है। इतना ही नहीं कुछ लोगों में ये स्किन एलर्जी और कान बंद जैसे लक्षणों के साथ महसूस हो सकते हैं।
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बचाव के उपाय क्या हैं?
चूंकि इसका कारण एलर्जी नहीं है, इसलिए इसमें एलर्जी टेस्ट आमतौर पर नेगेटिव आते हैं। यह बीमारी लंबे समय तक परेशान कर सकती है और कभी-कभी बार-बार दोहराती भी है। इलाज के लिए सबसे जरूरी है कि ट्रिगर करने वाली चीजों से बचा जाए, जैसे प्रदूषण, धूल या तेज गंध।
जरूरत पड़ने पर डॉक्टर नाक में डाले जाने वाले स्प्रे या अन्य दवाइयां लिख सकते हैं, जिससे लक्षणों पर काबू पाया जा सके। आसान भाषा में कहें तो नॉन-एलर्जिक राइनाइटिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें एलर्जी न होते हुए भी नाक बार-बार बंद या बहती रहती है और यह जीवन की क्वालिटी को प्रभावित कर सकती है, लेकिन यह जानलेवा नहीं होती और सही देखभाल से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
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Sep 24, 2025 15:42 IST
Published By : Pallavi Kumari