एलर्जिक राइनाइटिस, धूल, मिट्टी और हवा में घूम रहे पेड़-पौधों के पराग की वजह से होने वाली बीमारी है। इस बीमारी में नाक की झिल्लियों में सूजन की समस्या हो जाती है। इसकी वजह व्यक्ति को लगातार छींक आती है, नाक में जलन महसूस होती है और फिर नाक से लगातार पानी आने लगता है। ऐसे में व्यक्ति परेशान हो जाता और फिर तरह-तरह घरेलू उपचारों की मदद लेता है। जबकि यह घरेलू उपाय भले ही आपको कुछ देर के लिए आराम महसूस करवाए लेकिन, लंबे समय में यह कारगर नहीं है। ऐसी स्थिति में बीमारी बढ़ सकती है और आप कई समस्याओं का शिकार हो सकते हैं। इसी बारे में जानने के लिए हमने Dr. Ravinder Singh Chauhan, Director, Delhi Center for ENT & Allergic Diseases से बात की।
एलर्जिक राइनाइटिस का इलाज न होने पर क्या होता है-What happens if allergic rhinitis is not treated in Hindi
एलर्जिक राइनाइटिस का इलाज न होने पर नाक के उस हिस्से की दिक्कत बढ़ती जाती है और झिल्लियों को होने वाला नुकसान बढ़ जाता है। Dr. Ravinder Singh बताते हैं कि एलर्जिक राइनाइटिस का इलाज न करवाने पर आप समय के साथ कुछ बीमारियों का शिकार हो सकते हैं। जैसे कि
नाक के अंदर पॉलीप्स बन जाना-Nasal polyps
नाक के पॉलीप्स राइनाइटिस से जुड़े हो सकते हैं। इसकी एक बड़ी वजह है नाक में लंबे समय तक होने वाली सूजन और जलन। इसकी वजह से नाक से लगातार पानी गिरता है और यही आपके नाक के पैसेज से लेकर ब्रेन तक को प्रभावित कर सकता है। यह दिक्कत समय के साथ गंभीर रूप ले सकती हैं। इसलिए एलर्जिक राइनाइटिस की बीमारी को नजरअंदाज करने की कोशिश न करें।
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ब्रोंकाइटिस-Bronchitis
एलर्जिक राइनाइटिस की वजह से व्यक्ति को ब्रोंकाइटिस की समस्या हो सकती है। दरअसल, जब आप लंबे समय तक किसी एलर्जी के संपर्क में रहते हैं तो यह ब्रोंकाइटिस की दिक्कत को ट्रिगर कर सकती है। इसकी वजह से आपके फेफड़ों में सूजन की समस्या हो सकती है और यह दिक्कत समय के साथ और बढ़ सकती है। इतना ही नहीं आपको इसकी वजह से लंबे समय में तमाम प्रकार की गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जिसे नजरअंदाज करना मुश्किल है।
अस्थमा-Asthma
एलर्जिक राइनाइटिस की वजह से आपको अस्थमा की समस्या बार-बार परेशान कर सकती है। दरअसल, इस समस्या में हिस्टामाइन, एलर्जी प्रतिक्रियाओं का कारण बनते हैं जो आंखों, नाक, गले, त्वचा और फेफड़ों को प्रभावित कर सकते हैं। जब वायुमार्ग प्रभावित होते हैं तो यह अस्थमा के लक्षण जैसे खांसी, घरघराहट या सांस लेने में परेशानी ला सकता है। शरीर इस प्रतिक्रिया को याद रखता है और लंबे समय में यह अस्थमा को ट्रिगर कर सकता है।
खर्राटे-Snoring
एलर्जिक राइनाइटिस लंबे समय तक रहने पर खर्राटे की समस्या हो सकती है। एलर्जिक राइनाइटिस नींद के दौरान खर्राटों और सांस लेने की समस्याओं में योगदान दे सकता है, जैसे कि स्लीप एपनिया। ऐसा इसलिए है क्योंकि जब आप एलर्जिक राइनाइटिस से पीड़ित होते हैं, तो आपके नाक के मार्ग सूज जाते हैं और नाक बंद हो जाता है। खर्राटे की दिक्कत
एलर्जिक कंजंक्टिवाइटिस-Allergic conjunctivitis
एलर्जिक कंजंक्टिवाइटिस आंख के सफेद भाग को ढकने वाली झिल्ली की सूजन है जो लोगों को बहुत परेशान करती है। यह समस्या अक्सर एलर्जिक राइनाइटिस से जुड़ा होता है और इसके लक्षणों में आम तौर पर आंखों का लाल होना, आंसू आना और खुजली शामिल होती है। जब आपको एलर्जिक राइनाइटिस होता है, तो साइनस में सूजन आ जाती है, और बलगम और बैक्टीरिया का जमाव संक्रमण पैदा कर सकता है। यह बैक्टीरिया कंजंक्टिवा तक फैल सकते हैं, जिससे एलर्जिक कंजंक्टिवाइटिस हो सकता है।
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राइनाइटिस आपके दैनिक जीवन को कैसे प्रभावित करता है-How does rhinitis affect your daily life?
राइनाइटिस के लक्षण नींद के पैटर्न को बाधित कर सकते हैं, जिससे थकान कम होती है। इससे आपके प्रोडक्टिविटी में कमी आती है। कंजेशन, छींकने और खुजली जैसे लक्षण काम या स्कूल में ध्यान और ऑफिस के काम काज को प्रभावित कर सकते हैं। पुराने लक्षण निराशा, चिंता और जीवन की गुणवत्ता में कमी ला सकते हैं।
लक्षणों को ट्रिगर करने वाले एलर्जी की पहचान करें और उनसे बचें। लक्षणों को प्रबंधित करने के लिए एंटीहिस्टामाइन या नोज कॉर्टिकोस्टेरॉइड जैसी निर्धारित दवाओं का उपयोग करें। विशिष्ट एलर्जी के प्रति सहनशीलता बनाने के लिए इम्यूनोथेरेपी पर विचार करें। राइनाइटिस के प्रभाव को समझकर और प्रभावी प्रबंधन रणनीतियों को लागू करके, व्यक्ति लक्षणों को कम कर सकते हैं और अपने जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं। हालांकि, सबसे ज्यादा जरूरी है कि आप डॉक्टर को दिखाएं और शुरुआत में ही लक्षणों की पहचान कर सही इलाज लें।
FAQ
क्या एलर्जिक राइनाइटिस को आयुर्वेद से ठीक किया जा सकता है?
एलर्जिक राइनाइटिस के लक्षणों को कम करने में ऑयुर्वेदिक उपचार मददगार हो सकते हैं। जैसे कि हर्बल सूप, हल्दी और पिपली का पानी और नमक का भाप लेने से मदद मिल सकती है। इसके अलावा लैमनग्रास और लहसुन जैसी कई जड़ी बूटियां है जो कि इस समस्या को कम करने में मदद कर सकते हैं।क्या अश्वगंधा एलर्जिक राइनाइटिस में मदद कर सकता है?
एलर्जिक राइनाइटिस में अश्वगंधा का इस्तेमाल फायदेमंद है। अश्वगंधा बहती नाक, नाक की खुजली और लगातार आने वाली छींक को कम करने में मददगार साबित हो सकता है। इसमें एंटी एलर्जिक, एंटी बैक्टीरियल और एंटी माइक्रोबियल गुण है। इसको उबालकर पीना, शरीर की इम्यूनिटी बढ़ा सकता है और एलर्जिक राइनाइटिस के लक्षणों को कम कर सकता है।क्या दही एलर्जिक राइनाइटिस के लिए अच्छा है?
दही प्रोबायोटिक फूड है जो एलर्जिक राइनाइटिस के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। साथ ही ये विटामिन सी से भरपूर है जो कि शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने के साथ इस प्रकार के एलर्जिक बीमारी को कम करने में मददगार है सकता है।
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Current Version
Oct 06, 2025 18:40 IST
Published By : Pallavi Kumari