Difference Between Allergic And NonAllergic Asthma: अस्थमा फेफड़ों से संबंधित एक रोग है। इसमें व्यक्ति को सांस लेने में परेशानी होती है। कई बार तो अस्थमा की वजह से व्यक्ति को जान का जोखिम भी हो सकता है। इसीलिए डॉक्टर अस्थमा रोगी को अपने साथ पंप लेने की सलाह देते हैं। अस्थमा का अटैक व्यक्ति को किसी भी समय आ सकता है। यह फेफड़ों की एक गंभीर समस्या है, जो वायुमार्ग (रेस्पिरेटरी सिस्टम) को प्रभावित करती है। इसमें व्यक्ति के वायुमार्ग में सूजन हो सकती है, जिसकी वजह से सांस लेने में परेशानी हो सकती है। अस्थमा को एलर्जिक और नॉन एलर्जिक दो भागो में बांटा जाता है। इसे आप आंतरिक और बाह्य अस्थमा से भी पहचान सकते हैं। हालांकि, अस्थमा के इन दोनों ही प्रकार के कुछ सामान संकेत हो सकते हैं, जैसे सांस लेते समय घरघराहट की आवाज, खांसी, सीने में जकड़न आदि। आगे जानते हैं कि एलर्जिक और नॉन एलर्जिक अस्थमा के बीच क्या अंतर हो सकते हैं।
एलर्जिक और नॉन एलर्जिक अस्थमा में क्या अंतर होता है? - Difference Between Allergic And NonAllergic Asthma In Hindi
आंतरिक या बाह्य अस्थमा, जिसे एलर्जिक या नॉन-एलर्जिक अस्थमा के रूप में भी जाना जाता है। धर्मशिला अस्पताल के ,पल्मोनोलॉजी और स्लीप मेडिसिन के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. नवनीत सूद के अनुसार फेफड़ों की इस समस्या के कारण बनने वाले ट्रिगर्स अलग-अलग हो सकते हैं। अस्थमा के ट्रिगर्स के बीच का अंतर अलग-अलग व्यक्तियों में अलग-अलग हो सकते है। अस्थमा के ट्रिगर्स को पहचानकर डॉक्टर उनका इलाज करते हैंं। एलर्जिक और नॉन एलर्जिक अस्थमा के ट्रिगर्स ही इन दोनों के बीच के अंतर को बताते हैं। इनके बारे में आगे विस्तार से बताया गया है।
एलर्जिक अस्थमा के ट्रिगर - Triggers Of Allergic Asthma In Hindi
एलर्जिक अस्थमा के ट्रिगर प्वाइंट्स अन्य प्रकार की अपेक्षा अलग हो सकते हैं। एलर्जिक अस्थमा के मामले में, फेफड़ों को प्रभावित करने के कई कारण हो सकते हैं। एलर्जिक अस्थमा को ट्रिगर करने वाले एलर्जी कारकों के बारे में आगे बताया गया है।
- पराग के कण (फूल से निकलने वाले कण)
- मोल्ड एलर्जी (mold allergy-एक तरह की एलर्जी)
- धूल के कण
- पालतू पशुओं की रूसी
इसके अलावा, अन्य ट्रिगर भी हो सकते हैं जैसे कैमिकल, तेज तीखी गंध या कोई अन्य गंध जो इसका कारण बन सकती अस्थमा के दौरे को रोकने के लिए एलर्जी से बहुत सावधान रहने की जरूरत होती है।
नॉन-एलर्जिक अस्थमा के ट्रिगर - Triggers Of Non-Allergic Asthma In Hindi
नॉन-एलर्जिक या आंतरिक अस्थमा के मामले में, पर्यावरणीय कारकों की प्रमुख भूमिका नहीं होती है। इसका मुख्य कारक कुछ महत्वपूर्ण समस्याएं हैं। इन समस्याओं के बारे में आगे बताया गया है।
- तनाव
- ठंडा लगना
- नमी
- प्रदूषण
- धूम्रपान
- श्वसन संक्रमण जैसे सर्दी, फ्लू और साइनस संक्रमण
- व्यायाम आदि।
यह केवल इन कारकों तक ही सीमित नहीं है बल्कि इसके कई कारण भी नॉन-एलर्जिक अस्थमा को ट्रिगर कर सकते हैं। नॉन-एलर्जिक अस्थमा किसी अज्ञात कारण से भी हो सकती है।
किस तरह की अस्थमा के मामले अधिक देखने को मिलते हैं?
अधिकांश लोग एलर्जिक अस्थमा के शिकार होते हैं और यह फेफड़ों की बीमारी के सबसे आम रूपों में से एक है। लगभग 60-90% लोगों को किसी न किसी प्रकार का एलर्जिक अस्थमा हो सकता है। जबकि, नॉन-एलर्जिक अस्थमा अधिकतम 10-40% लोगों को हो सकता है। इस प्रकार का अस्थमा पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक होता है। नॉन-एलर्जिक अस्थमा आमतौर पर एलर्जिक अस्थमा की तुलना में अधिक उम्र के लोगों में हो सकता है।
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अस्थमा में व्यक्ति के फेफड़े प्रभावित हो सकते हैं। इस समस्सया में रोगी को सांस लेने में परेशानी हो सकती है। ऐसे में आपको नियमित रूप से जांच करानी चाहिए। साथ ही, किसी तरह के लक्षण महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से इलाज कराना चाहिए।