सिद्धू की पत्नी डॉ. नवजोत कौर की हुई सर्जरी, मेटास्टेसिस से हैं पीड़ित, जानें क्या होती है यह दुर्लभ बीमारी?

सिद्धू की पत्नी डॉ. नवजेत कौर ने हाल ही में अपना ब्रेस्ट कैंसर का ऑपरेशन कराया है। आइये जानते हैं मेटास्टेसिस ब्रेस्ट कैंसर के बारे में सबकुछ।
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सिद्धू की पत्नी डॉ. नवजोत कौर की हुई सर्जरी, मेटास्टेसिस से हैं पीड़ित, जानें क्या होती है यह दुर्लभ बीमारी?


पूर्व क्रिकेटर और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने सोशल मीडिया पर एक बड़ा अपडेट शेयर किया है। सिद्धू की पत्नी डॉ. नवजेत कौर ने हाल ही में अपना ब्रेस्ट कैंसर का ऑपरेशन कराया है। उनकी पत्नी लंबे समय से कैंसर से जूझ रही हैं। सिद्धू ने ट्वीट कर जानकारी दी कि यह उनका दूसरा ऑपरेशन है। इससे पहले नवजोत कौर ने पिछले साल नवंबर में सोशल मीडिया पर कहा था कि वे अब कैंसर से ठीक हो चुकी हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो वे मेटास्टेसिस ब्रेस्ट कैंसर से जूझ रही हैं। आइये जानते हैं इसके बारे में। 

क्या है मेटास्टेसिस ब्रेस्ट कैंसर? 

मेटास्टेसिस एक प्रकार का दुर्लभ ब्रेस्ट कैंसर है, जो आमतौर पर कम महिलाओं को होता है। यह कैंसर का चौथा स्टेज है, जिसे ठीक करने में आमतौर पर सर्जरी करने की जरूरत पड़ती है। यह कैंसर लिम्फ नोड्स के साथ ही साथ शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैल सकते हैं, जिससे सेहत से जुड़ी कई अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं। इस बीमारी में आमतौर पर कैंसर सेल्स हड्डियों, फेफड़ों, लिवर और ब्रेन तक पहुंच सकती हैं। इसके लक्षण दिखने पर इसे नजरअंदाज करना खतरनाक साबित हो सकता है। 

मेटास्टेसिस ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण 

  • मेटास्टेसिस ब्रेस्ट कैंसर होने पर शरीर में कई लक्षण देखने को मिल सकते हैं। 
  • ऐसे में हड्डियों में दर्द होने के साथ ही फ्रैक्चर होने का खतरा भी बढ़ जाता है। 
  • ऐसे में हड्डियों में सूजन आने के अलावां हड्डियां कमजोर भी हो सकती हैं। 
  • ऐसे में व्यवहार में बदलाव होने के साथ-साथ कई बार उल्टी भी आ सकती है। 
  • मेटास्टेसिस होने पर छाती में दर्द होने के साथ-साथ छाती में इंफेक्शन भी हो सकता है। 
  • ऐसे में पीलिया होने के साथ-साथ भूख की कमी और पेट में दर्द हो सकता है।  

मेटास्टेसिस का इलाज 

  • लाइफस्टाइल में बदलाव करने के साथ ही खानपान अच्छा रखने से भी मेटास्टेसिस से बचा जा सकता है। 
  • इसके लिए कीमोथेरेपी और हार्मोन थेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है। 
  • इसके लिए डॉक्टर इम्यूनोथेरेपी और टार्गेटेड थेरेपी देते हैं। 
  • कई बार सर्जरी करके प्रभावित हिस्से को भी निकाला जाता है। 

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