कैंसर एक जानलेवा बीमारी है। इसके कई प्रकार में से एक है कॉर्डोमा (Chordoma)। कॉर्डोमा एक दुर्लभ प्रकार का कैंसर है, जो खोपड़ी (स्कल) और रीढ़ की हड्डी में विकसित होता है। यह कैंसर धीरे-धीरे बढ़ता है और अक्सर देर से पहचान में आता है, जिससे इसे समय पर पहचानना मुश्किल हो सकता है। यह नोटोकोर्ड (भ्रूण के विकास के दौरान बनने वाली संरचना) से विकसित होता है और आमतौर पर 40 से 60 वर्ष की उम्र के बीच के लोगों में पाया जाता है, हालांकि यह किसी भी उम्र में हो सकता है। इसका आकार धीरे-धीरे बढ़ता है और क्योंकि इसके लक्षण अन्य सामान्य समस्याओं जैसे दर्द या कमजोरी से मेल खाते हैं, इसलिए इसका इलाज या डायग्नोसिस करना मुश्किल हो सकता है। यह बीमारी अक्सर देर से पहचान में आती है, जिसके कारण इलाज में समस्या हो सकती है। हालांकि यह बहुत दुर्लभ होता है, लेकिन इसके लक्षणों और इलाज के बारे में जागरूकता जरूरी है, ताकि समय पर इसका इलाज किया जा सके। इस लेख में हम कॉर्डोमा के लक्षण, कारण और इलाज पर चर्चा करेंगे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में हॉस्पिटल मैनेजमेंट के एचओडी डॉ राजेश हर्षवर्धन से बात की।
कॉर्डोमा के लक्षण- Chordoma Symptoms
कॉर्डोमा के लक्षण इस प्रकार हैं-
खोपड़ी में कॉर्डोमा- Chordoma in Skull
अगर कॉर्डोमा खोपड़ी में होता है, तो लक्षणों में सिरदर्द, गर्दन में दर्द, देखने में समस्या, सुनाई देने में दिक्कत और चेहरे में सुन्नता या कमजोरी शामिल हो सकती है।
रीढ़ में कॉर्डोमा- Chordoma in Spine
रीढ़ की हड्डी में कॉर्डोमा होने पर कमर या गर्दन में दर्द, पैरों में कमजोरी या सुन्नता, चलने में परेशानी और ब्लैडर व आंतों के कंट्रोल में दिक्कत हो सकती है।
इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें, क्योंकि ये गंभीर संकेत हो सकते हैं और इनके लिए उचित जांच की जरूरत होती है।
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कॉर्डोमा के कारण- Chordoma Causes
कॉर्डोमा का सही कारण अभी तक स्पष्ट नहीं है, लेकिन कुछ संभव कारण माने जाते हैं-
- भ्रूण के विकास के दौरान एक संरचना बनती है जिसे नोटोकोर्ड कहते हैं। यह आमतौर पर खत्म हो जाती है, लेकिन कभी-कभी इसका अवशेष शरीर में रह जाता है और समय के साथ कैंसर में बदल सकता है। यह कॉर्डोमा कैंसर का एक कारण बन सकता है।
- कुछ मामलों में, आनुवंशिक म्यूटेशन इसके जोखिम को बढ़ा सकते हैं।
- 40 से 60 वर्ष की उम्र के पुरुषों में इसका खतरा ज्यादा होता है।
कॉर्डोमा का इलाज क्या है?- Chordoma Treatment
- कॉर्डोमा का पता लगाने के लिए एमआरआई, सीटी स्कैन, बायोप्सी जैसे टेस्ट किए जाते हैं। डॉक्टर इन तकनीकों से कैंसर का पता लगाते हैं।
- इसके बाद ट्यूमर को निकालने के लिए सर्जरी सबसे सामान्य इलाज है। यह सर्जरी गंभीर हो सकती है, क्योंकि ट्यूमर अक्सर नाजुक और खास संरचनाओं के पास होता है।
- जब सर्जरी से ट्यूमर पूरी तरह नहीं हटाया जा सके, तो रेडियोथेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें ट्यूमर को सिकोड़ने या उसकी ग्रोथ को कंट्रोल करने के लिए रेडियो वेव्स का इस्तेमाल होता है।
- प्रोटॉन थैरेपी की मदद से भी कम नुकसान के साथ ट्यूमर का इलाज किया जाता है।
कॉर्डोमा एक धीमी गति से बढ़ने वाला कैंसर है, लेकिन समय पर इसका इलाज बेहद जरूरी है। शुरुआती लक्षणों पर ध्यान देना, नियमित स्वास्थ्य जांच कराना और डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।
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image credit: pacificneuroscienceinstitute.org