Doctor Verified

Hypophosphatemia: खून में फॉस्फेट की कमी को कहते हैं हाइपोफोस्फेटेमिया, डॉक्‍टर से जानें इससे बचने के उपाय

Hypophosphatemia in Hindi: खून में फॉस्फेट लेवल की कमी को हाइपोफोस्फेटेमिया कहते हैं। जानें यह समस्‍या कैसे हो जाती है और इससे कैसे बच सकते हैं।
  • SHARE
  • FOLLOW
Hypophosphatemia: खून में फॉस्फेट की कमी को कहते हैं हाइपोफोस्फेटेमिया, डॉक्‍टर से जानें इससे बचने के उपाय

Hypophosphatemia In Hindi: कई ऐसी बीमार‍ियां और बॉडी कंडीशन्‍स हैं, जो बहुत रेयर हैं लेक‍िन ये बीमार‍ियां क‍िसी को भी हो सकती हैं। इसी तरह की एक कंडीशन है ज‍िसे हाइपोफोस्फेटेमिया (Hypophosphatemia) कहा जाता है। इस बीमारी के लक्षण ज्‍यादा गंभीर नहीं होते लेक‍िन अगर आप इसे नजरअंदाज करेंगे, तो शरीर में अन्‍य समस्‍याएं होने लगेंगी।हाइपोफोस्फेटेमिया की समस्‍या तब होती है, जब शरीर में फॉस्‍फेट का स्‍तर कम होता है। इस समस्‍या का इलाज करने के ल‍िए डॉक्‍टर फॉस्‍फेट लेवल को बढ़ाने की दवाएं देते हैं और गंभीर स्‍थ‍ित‍ि में आईवी की मदद से फॉस्फेट रिप्लेसमेंट थेरेपी भी दी जाती है। जब शरीर में हाइपोफोस्फेटेमिया की समस्‍या होती है, तो मांसपेश‍ियों में जकड़न, हड्डी और जोड़ों में दर्द, च‍िड़चिड़ापन महसूस होने जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं। इस लेख में जानेंगे हाइपोफोस्फेटेमिया के कारण और इससे बचने के उपाय। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में हॉस्‍प‍िटल मैनेजमेंट के एचओडी डॉ राजेश हर्षवर्धन से बात की। 

Hypophosphatemia in hindi

खून में फॉस्‍फेट का सामान्‍य स्‍तर- Normal Phosphate Range in Blood 

हमारी हड्डि‍यों को स्‍वस्‍थ रखने के ल‍िए उनमें फॉस्‍फेट पाया जाता है। खून में सामान्‍य तौर पर 2.5 से 4.5 mg/dL फॉस्‍फेट पाया जाता है। खून में फॉस्‍फेट की कमी के कारण व्‍यक्‍त‍ि को हार्ट फेल‍ियर की समस्‍या, सांस संबंधि‍त व‍िकार या कोमा जैसी स्‍थि‍त‍ि का सामना करना पड़ सकता है। अगर आपको डायब‍िटीज, हाइपरटेंश्‍सन, हार्ट की बीमारी, क‍िडनी की बीमारी आद‍ि समस्‍याएं हैं, तो हाइपोफोस्फेटेमिया होने की आशंका ज्‍यादा रहती है।

इसे भी पढ़ें- शरीर में फॉस्फोरस की कमी पूरी करने के लिए खाएं ये 10 फूड्स

हाइपोफोस्फेटेमिया क्‍यों होता है?- Causes Of Hypophosphatemia

हाइपोफोस्फेटेमिया होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं-

  • क‍िडनी के फॉस्‍फेट को एब्‍सॉर्ब न कर पाने की स्‍थ‍ित‍ि में यह समस्‍या हो सकती है। 
  • शरीर के इलेक्‍ट्रोलाइट एब्‍सॉर्ब न करने के कारण हाइपोफॉस्फेटेमिया हो सकता है।
  • व‍िटाम‍िन-डी की कमी के कारण भी यह समस्‍या हो सकती है।
  • हाइपोथायरायडिज्म के कारण भी यह स्‍थ‍ित‍ि सामने आ सकती है। 
  • कुपोषण के कारण शरीर को जरूरी पोषक तत्‍व नहीं म‍िल पाते, इस वजह से हाइपोफॉस्फेटेमिया हो सकता है। 
  • हार्मोन्‍स के असंतुलन या लंबे समय तक डाइयूरेटिक दवाएं खाने के कारण भी यह समस्‍या हो सकती है। 

हाइपोफोस्फेटेमिया से बचने के उपाय- Hypophosphatemia Prevention Tips 

  • ऐसी चीजों का सेवन करें ज‍िसमें फॉस्‍फेट मौजूद हो जैसे दूध, दही, चीज, फ‍िश, नट्स, सीड्स, बीन्‍स और होल ग्रेन्‍स।  
  • फॉस्‍फेट की कमी के लक्षण नजर आने पर आपको डॉक्‍टर की सलाह पर ब्‍लड टेस्‍ट करवाते रहना चाह‍िए। 
  • व‍िटाम‍िन-डी की कमी के कारण फॉस्‍फोरस लेवल कम हो जाता है। डाइट और सुबह की रौशनी से व‍िटाम‍िन-डी की कमी दूर होती है।  
  • अगर आप लंबे समय से एंटासिड और ड्यूरेटिक्‍स का सेवन कर रहे हैं, तो इससे शरीर में फॉस्‍फोरस की कमी हो सकती है इसल‍िए डॉक्‍टर से दवाओं की जांच करवाएं।
  • फॉस्‍फोरस की कमी दूर करने के ल‍िए फॉस्‍फोरस सप्‍लीमेंट का सेवन कर सकते हैं। इससे पहले फॉस्‍फेट लेवल चेक करवाएं।
  • डायब‍िटीज और कुपोषण जैसी स्‍थ‍िति‍यों से बचकर भी आप खुद को हाइपोफोस्फेटेमिया से बचा सकते हैं।   

उम्‍मीद करते हैं आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। इस लेख को शेयर करना न भूलें।  

Read Next

इन लोगों में रहता है फेफड़ों से जुड़ी बीमारियां होने का अधिक जोखिम, जरूर बरतें सावधानी

Disclaimer