What is Joint Preservation: इन दिनों लंबे समय तक बैठे रहने, गलत पोजीशन में खड़े होने, एक्सरसाइज करते समय एक गलत तरीका अपनाने से लोगों को कम उम्र में ही घुटने, जोड़े और कूल्हे से जुड़ी परेशानी होने लगी है। इसके कारण दर्द, करराहट और सूजन की समस्या भी होती है। इस तरह की समस्याएं एक बार हो जाए, तो लंबे समय तक परेशानी का कारण बनती है। इन परेशानियों से राहत दिलाने में ज्वाइंट प्रिजर्वेशन काफी मददगार साबित होता है। इस आर्टिकल में अपोलो हॉस्पिटल्स की संयुक्त प्रबंध निदेशक डॉ. संगीता रेड्डी (Dr. Sangita Reddy, Joint Managing Director of Apollo Hospitals) से जानेंगे जॉइंट प्रिजर्वेशन क्या होता है और इसकी जरूरत कब आपको पड़ सकती है।
जॉइंट प्रिजर्वेशन क्या है?- What is Joint Preservation
डॉ. संगीता रेड्डी के अनुसार, जॉइंट प्रिजर्वेशन (Joint Preservation) एक प्रकार की मेडिकल प्रकिया है। इसमें जोड़ों (जैसे कि घुटने, कूल्हे, कंधे आदि) की प्राकृतिक संरचना और कार्यक्षमता को प्राकृतिक तरीके से संरक्षित किया जाता है। जॉइंट प्रिजर्वेशन उन लोगों के लिए बहुत फायदेमंद होता है, जो आर्थराइटिस या जोड़ों की अन्य समस्याओं के कारण सर्जरी (जैसे कि जॉइंट रिप्लेसमेंट) से बचना चाहते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य मरीज के जोड़ों के दर्द और पैरों की गुणवत्ता को सुधारना होता है।
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जॉइंट प्रिजर्वेशन की जरूरत कब पड़ती है- When is Joint Preservation Required
किसी भी व्यक्ति को जॉइंट प्रिजर्वेशन की जरूरत निम्नलिखित परिस्थितियों में पड़ सकती है :
ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis): जब जोड़ों में कार्टिलेज का घिसाब ज्यादा होने लगता है और हड्डियां आपस में रगड़ने लगती हैं, तो जॉइंट प्रिजर्वेशन आपकी मदद कर सकता है।
जोड़ों में चोट (Joint Injury): एक्सीडेंट, खेलते या दौड़ते वक्त गलती से जोड़ों में लगने वाली चोट को सही तरीके से ठीक करने और दर्द से राहत दिलाने में भी यह मददगार होती है।
जन्मजात समस्याएं (Congenital Issues): जन्म से ही जोड़ों की संरचना में गड़बड़ी होने पर भी यह तकनीक काम आती है। जोड़ की मांसपेशियां या लिगामेंट्स कमजोर होने के कारण जोड़ों का स्थिर होना।
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जॉइंट प्रिजर्वेशन कितने प्रकार का होता है- How many types of joint preservation are there?
- फिजियोथेरेपी (Physiotherapy)
- इंजेक्शन थेरेपी (जैसे हयालूरोनिक एसिड और प्लेटलेट-रिच प्लाज्मा)
- पेन किलर मेडिसिन
- सर्जिकल उपचार (Surgical Treatments)
- आर्थ्रोस्कोपी (Arthroscopy)
- ऑस्टियो टॉमी (Osteotomy)
- कार्टिलेज रिपेयर (Cartilage Repair)
- लिगामेंट रीकंस्ट्रक्शन (Ligament Reconstruction)
जॉइंट प्रिजर्वेशन के फायदे क्या हैं- What are the benefits of joint preservation
डॉ. रेड्डी के अनुसार, जॉइंट प्रिजर्वेशन प्राकृतिक तरीके से जोड़ों को सुरक्षित रखने में मदद करता है। यह चोट के कारण होने वाले दर्द, गतिविधियों में सुधार लाता है। बुजुर्ग और युवाओं द्वारा जॉइंट प्रिजर्वेशन की प्रक्रिया अपनाने से जोड़ों के दर्द से जल्दी रिकवरी करने में मदद मिलती है।
निष्कर्ष
जॉइंट प्रिजर्वेशन एक प्रभावी तरीका है जो उन लोगों के लिए बहुत फायदेमंद होता है, जो जोड़ों के दर्द की समस्याओं का सामना कर रहे हैं। जॉइंट प्रिजर्वेशन न सिर्फ जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करता है, बल्कि उनकी कार्यक्षमता को भी सुधारने में मदद करता है। अगर आप जोड़ों में लगातार दर्द या अस्थिरता महसूस कर रहे हैं, तो डॉक्टर से जॉइंट प्रिजर्वेशन के बारे में बात करें।