बढ़ती उम्र, बढ़ता वजन, गलत जीवनशैली और आर्थराइटिस जैसी बीमारियों के कारण आजकल घुटनों के दर्द की समस्या आम हो गई है। 40 की उम्र पार करते ही लोग अक्सर घुटनों में अकड़न, चलने में दिक्कत और सीढ़ियां चढ़ने में परेशानी महसूस करने लगते हैं। समय के साथ जब घुटनों का दर्द हद से ज्यादा बढ़ जाता है, तब इससे राहत पाने के लिए लोग विभिन्न प्रकार की दवाओं का सहारा लेते हैं। दवाएं भी जब काम करना बंद कर देते हैं, तो ऐसे समय में घुटनों की सेहत को बरकरार रखने में ज्वाइंट प्रिजर्वेशन (Joint Preservation) या ज्वाइंट रिप्लेसमेंट (Joint Replacement) जैसे दो विकल्प सामने आते हैं। लेकिन सवाल ये है कि ज्वाइंट प्रिजर्वेशन और ज्वाइंट रिप्लेसमेंट में से घुटनों की सेहत के लिए क्या बेहतर है।
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ज्वाइंट प्रिजर्वेशन क्या है?
अपोलो हॉस्पिटल्स की संयुक्त प्रबंध निदेशक डॉ. संगीता रेड्डी (Dr. Sangita Reddy, Joint Managing Director of Apollo Hospitals) का कहना है कि ज्वाइंट प्रिजर्वेशन यानी जोड़ की रक्षा करना। ज्वाइंट प्रिजर्वेशन के जरिए घुटनों की मौजूद संरचना को बनाए रखते हुए दर्द और सूजन को कम किया जाता है। इसमें घुटने के जॉइंट को हटाने की बजाय उसे बचाने और मजबूत करने के लिए काम किया जाता है।
ज्वाइंट प्रिजर्वेशन किसके लिए सही है?
डॉ. संगीता रेड्डी के अनुसार ज्वाइंट प्रिजर्वेशन कुछ खास उम्र के लोगों को ही घुटनों की सेहत को बरकरार रखा जा सकता है। ये हर किसी व्यक्ति के लिए सही नहीं होता है। आइए जानते हैं ज्वाइंट प्रिजर्वेशन किसके सही है।
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- 20-55 वर्ष की आयु वाले लोग
- जिनकी हड्डी में अत्यधिक घिसावट नहीं हुई हो
- खेल चोटों या माइल्ड आर्थराइटिस वाले लोग
ज्वाइंट रिप्लेसमेंट क्या है?
डॉक्टर के अनुसार, ज्वाइंट रिप्लेसमेंट उस स्थिति को कहा जाता है, जिसमें घुटना प्रत्यारोपण (Knee Replacement) किया जाता है। ज्वाइंट रिप्लेसमेंट एक सर्जिकल प्रक्रिया है जिसमें घुटने की क्षतिग्रस्त सतहों को हटाकर उनकी जगह नकली और मेडिकल विधि तैयार किए गए प्लांट को लगाया जाता है।
ज्वाइंट रिप्लेसमेंट किसके लिए सही है?
ज्वाइंट रिप्लेसमेंट कुछ खास लोगों के लिए सही मानी जाती है। ज्वाइंट रिप्लेसमेंट उन लोगों के लिए बेहतर मानी जाती है, जो बढ़ती उम्र के कारण घुटनों की समस्या से परेशान है। आइए जानते हैं किन लोगों को ज्वाइंट रिप्लेसमेंट की सलाह दी जाती है।- 60 साल से ज्यादा उम्र के लोग को, जिन्हें घुटनों में अक्सर दर्द रहता है।
- जिन लोगों के जॉइंट में गंभीर डैमेज हो चुका है
- जिन्हें चलने-फिरने में अत्यधिक तकलीफ होती है
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ज्वाइंट प्रिजेर्वेशन vs ज्वाइंट रिप्लेसमेंट क्या है ज्यादा बेहतर
डॉक्टर कहते हैं, "अगर किसी व्यक्ति का कार्टिलेज सिर्फ आंशिक रूप से डैमेज हुआ है और वह अभी युवा है, तो प्रिजर्वेशन तकनीकें जैसे ऑस्टियोटॉमी या पीआरपी ज्यादा प्रभावी हो सकती हैं। इससे व्यक्ति अपने प्राकृतिक घुटने के साथ ही जीवन जी सकता है। लेकिन व्यक्ति की ज्यादा उम्र, मोटापा और घुटने पूरी तरह से घिसे हुए हों तो ज्वाइंट रिप्लेसमेंट की एक मात्र विकल्प बचता है।" हेल्थ एक्सपर्ट की मानें, तो बढ़ती उम्र के लोगों को घुटनों के दर्द से राहत दिलाने के लिए ज्वाइंट रिप्लेसमेंट की सलाह दी जाती है। वहीं, कम उम्र में घुटनों की सेहत को बनाए रखने के लिए ज्वाइंट प्रिजेर्वेशन की सलाह होती है।
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निष्कर्ष
डॉक्टर कहते हैं कि घुटनों की सेहत उम्र भर बनी रहे, इसके लिए बचपन से ही जागरूक रहना जरूरी है। लेकिन यदि कभी तकलीफ हो भी जाए, तो आज चिकित्सा विज्ञान के पास अनेक प्रभावशाली विकल्प मौजूद हैं। चाहे ज्वाइंट प्रिजर्वेशन हो या रिप्लेसमेंट- दोनों का अपना स्थान है। सही समय पर सही निर्णय लेना से ही घुटनों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सकता है।
FAQ
घुटने की रिप्लेसमेंट सर्जरी कितनी सफल है?
घुटने की रिप्लेसमेंट सर्जरी 90-95% मामलों में सफल मानी जाती है। इससे दर्द में राहत मिलती है और रोगी सामान्य रूप से चल-फिर सकता है।जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी कितनी गंभीर है?
जॉइंट रिप्लेसमेंट एक सुरक्षित और सामान्य सर्जरी है, लेकिन उम्र, स्वास्थ्य स्थिति और सर्जन के अनुभव पर इसका जोखिम निर्भर करता है। सही देखभाल से यह सफलतापूर्वक पूरी होती है।हिप रिप्लेसमेंट में कितना खर्च आता है?
भारत में हिप रिप्लेसमेंट का खर्च 1.5 लाख से 4 लाख रुपये तक होता है। यह अस्पताल, शहर और इम्प्लांट की गुणवत्ता पर निर्भर करता है।फिंगर जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी में कितना समय लगता है?
फिंगर जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी लगभग 1-2 घंटे में पूरी हो जाती है, लेकिन रिकवरी और फिजियोथेरेपी में 6-8 सप्ताह का समय लग सकता है।