इन दिनों ऑफिस में घंटों बैठने, जिम में एक्सरसाइज करने और चोट लगने की वजह से शरीर में दर्द होना बहुत ही आम बात हो गई है। हाल-फिलहाल की ही बात है मेरे पापा की कमर में बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था। पिछले दिनों मेरे ऑफिस के एक सीनियर ने भी घुटनों में दर्द होने की बात कही। दोनों ही प्रॉब्लम में एक कॉमन बात यह थी कि सबको लग रहा था कि यह दर्द लाइफस्टाइल की वजह से हो रहा था। जो कि सही है। इस तरह के दर्द से राहत पाने के लिए लोग तरह के पेन किलर्स और थेरेपी का सहारा लेते हैं। लेकिन दर्द के लिए बार-बार दवाओं का सहारा लेना भी गलत है। मेरे जानकारों की तरह ही अगर आप घुटने, कमर और शरीर के कई अंगों में दर्द से जूझ रहे हैं, तो इससे राहत पाने के लिए खास आयुर्वेदिक तेल (Ayurvedic Oil For back and Joint Pain) का इस्तेमाल कर सकते हैं। चलिए जानते हैं इसे कैसे बनाएं और कैसे इस्तेमाल करें।
आयुर्वेदिक तेल बनाने के लिए सामग्री- Ingredients for making Ayurvedic oil
आयुर्वेद डॉक्टर रोबिन शर्मा ने इस आयुर्वेदिक तेल की रेसिपी शेयर की है। डॉ. रोबिन शर्मा का कहना है, "सर्वाइकल, साइटिका, जोड़ों में दर्द, कमर में दर्द, घुटनों में दर्द या फिर उठते-बैठते समय जोड़ों से कट-कट की आवाज आना और मोच का दर्द से राहत दिलाने में यह तेल इस्तेमाल किया जा सकता है।"
- जावित्री- 50 ग्राम
- सोंठ पाउडर- 50 ग्राम
- अरंडी का तेल-100 ग्राम
- तिल का तेल-100 ग्राम
आयुर्वेदिक तेल बनाने का तरीका- Method of making Ayurvedic oil
- सबसे पहले एक बड़ी कहाड़ी को अच्छे से गर्म होने के लिए छोड़ दें।
- इसके बाद कहाड़ी में 100 ग्राम आरंडी का तेल और 100 ग्राम तिल का तेल डालकर अच्छे से गर्म करें।
- तेल के गर्म होने के बाद जावित्री और सोंठ को कढ़ाई में डालकर पका लें।
- जावित्री और सोंठ जब तेल में पकाकर काले हो जाएं, तो इसे छानकर निकाल लें।
- आपका आयुर्वेदिक तेल तैयार हो चुका है। इसे ठंडा होने के बाद एक एयर टाइट कंटेनर में स्टोर करके रखें।
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आयुर्वेदिक तेल इस्तेमाल करने का तरीका- How to Use Ayurvedic Oil For back and Joint Pain
डॉ. रोबिन के अनुसार इस तेल का इस्तेमाल कभी भी और किसी भी प्रकार के दर्द में किया जा सकता है। उदाहरण क लिए अगर आपको घुटनों में दर्द महसूस हो रहा है, तो तेल का एक हिस्सा लेकर अच्छे से मालिश करें। मालिश करने के बाद तेल को ऐसे ही छोड़ दें। इससे आपको दर्द से जल्द ही आराम मिलेगा।
डॉ. रोबिन का कहना है कि जावित्री में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो शरीर में होने वाले दर्द और सूजन से राहत दिलाते हैं। इतना ही नहीं गठिया के दर्द से राहत पाने के लिए भी जावित्री का इस्तेमाल किया जाता है।
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इस तेल को बनाने के लिए सोंठ का इस्तेमाल होता है। सोंठ में विटामिन सी, फाइबर, आयरन, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होती है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो शरीर के दर्द से राहत दिलाते हैं।
नोट : डॉ. रोबिन का कहना है कि यह तेल शरीर के दर्द से राहत दिलाता है। जिन लोगों को अक्सर ही कमर, घुटने और पीठ में दर्द रहता है उन्हें यह तेल फायदेमंद है, लेकिन आपको डॉक्टर से भी बात करने की जरूरत है। डॉक्टर मेडिकल टेस्ट के जरिए दर्द की असली वजह का पता लगाकर आपको इलाज बताएंगे।
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