What is IOP in Eye: आंखों की सेहत ठीक रखना एक इंसान के लिए जीवनभर का काम है। खानपान में गड़बड़ी, खराब जीवनशैली और स्वास्थ्य से जुड़ी स्थितियों की वजह से आंखों की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। आंखों में दबाव, जिसे इंट्राओक्युलर प्रेशर (IOP) भी कहते हैं, आंखों की बीमारियों का एक प्रमुख कारण है। जानकारी की कमी के कारण लोग इस पर उतना ध्यान भी नहीं देते हैं। आंखों का प्रेशर असंतुलित होने पर आपको कई गंभीर स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं, आंखों का इंट्राओकुलर प्रेशर (IOP) के बारे में।
क्या होता है आंखों का इंट्राओकुलर प्रेशर?
आंखों का इंट्राओकुलर प्रेशर (IOP) या आंखों का दबाव एक स्थिति है। सीतापुर आंख अस्पताल के वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ धर्मेंद्र सिंह कहते हैं, "आंख के अंदर एक तरल पदार्थ होता है जिसे ‘Aqueous Humor’ कहते हैं। यह तरल पदार्थ लगातार बनता है और आंख से बाहर निकलता भी रहता है। जब इस तरल पदार्थ की मात्रा बढ़ जाती है या यह सामान्य गति से बाहर नहीं निकल पाता है, तो आंख के अंदर दबाव बढ़ जाता है। इसे ही आंखों का दबाव या IOP कहते हैं।"
इंट्राओकुलर प्रेशर हाई होने के कारण
आंखों का दबाव कई कारणों से बढ़ सकता है, इसके कुछ प्रमुख कारण ये हैं-
- उम्र बढ़ना: उम्र के साथ आंख के अंदर तरल पदार्थ के निकलने में कमी आ सकती है।
- आनुवंशिक कारण: परिवार में अगर ग्लूकोमा का इतिहास है तो जोखिम बढ़ जाता है।
- दवाएं: कुछ दवाएं आंखों के दबाव को बढ़ा सकती हैं।
- चोट या बीमारी: आंखों में चोट लगने या कुछ बीमारियों के कारण भी दबाव बढ़ सकता है।
- डायबिटीज और उच्च रक्तचाप: ये स्थितियां आंखों की रक्त वाहिकाओं को प्रभावित कर सकती हैं और दबाव बढ़ा सकती हैं।
उच्च आंखों के दबाव के लक्षण
आंखों में दबाव या प्रेशर हाई होने पर कोई विशेष लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। इसकी पहचान करने के लिए नियमित रूप से आंखों की जांच करानी जरूरी है। कुछ मामलों में आंखों का प्रेशर हाई होने पर ये लक्षण दिखाई दे सकते हैं-
- धुंधली या कमजोर नजर
- सिरदर्द
- मतली
- आंखों में दर्द
- इंद्रधनुष का रंग दिखाई देना
आंखों का प्रेशर बढ़ने के खतरे
अगर आंखों के दबाव का सही समय पर इलाज नहीं किया जाता है, तो इससे ग्लूकोमा हो सकता है। ग्लूकोमा आंख से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है। इस बीमारी का इलाज न होने पर धीरे-धीरे आंखों की रोशनी और नजर खत्म हो जाती है।
इंट्राओकुलर प्रेशर को कंट्रोल कैसे करें?
इंट्राओकुलर प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए आपको इन चीजों का ध्यान रखना चाहिए-
- नियमित आंखों की जांच: नियमित आंखों की जांच से उच्च आंखों के दबाव का समय पर पता चल सकता है।
- दवाएं: डॉक्टर आंखों में डालने वाली दवाएं, गोली या अन्य दवाएं लिख सकते हैं।
- लेजर उपचार: कुछ मामलों में लेजर उपचार की मदद से दबाव को कम किया जा सकता है।
- सर्जरी: गंभीर मामलों में सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।
- स्वस्थ जीवनशैली: स्वस्थ रहने के लिए संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, तनाव प्रबंधन और पर्याप्त नींद लें।
आंखों को हेल्दी रखने के लिए डाइट और लाइफस्टाइल का ध्यान रखना चाहिए। इसके अलावा स्मोकिंग करने, बहुत ज्यादा देर तक कंप्यूटर स्क्रीन के सामने बैठने से बचें। संतुलित आहार लें जिसमें विटामिन ए, सी और ई शामिल हों। इसके अलावा समय-समय पर आंखों की जांच जरूर कराएं।
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