Tachophobia: फोबिया का मतलब होता है एक ऐसा डर जिससे आपकी मानसिक या शारीरिक सेहत प्रभावित हो। दुनिया में कई तरह के फोबिया मौजूद हैं, जिनमें से एक है टैकोफोबिया। इस फोबिया के कारण मानसिक और शारीरिक सेहत प्रभावित होती है। ऐसे लोगों को तेज स्पीड से डर लगता है और वे कार में या किसी तेज रफ्तार वाहन में बैठने से डरते हैं। अगर किसी व्यक्ति को एंग्जाइटी डिसऑर्डर है, तो परिवार के सदस्य को भी टैकोफोबिया हो सकता है। ऐसे लोग एक समय के बाद घर से बाहर निकलना भी बंद कर देते हैं। आगे जानिए टैकोफोबिया के कारण, लक्षण और इलाज। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के बोधिट्री इंडिया सेंटर की काउन्सलिंग साइकोलॉजिस्ट डॉ नेहा आनंद से बात की।
टैकोफोबिया क्या है?- What is Tachophobia
तेज रफ्तार से लगने वाले डर को टैकोफोबिया का नाम दिया गया है। ऐसे लोगों को तब डर लगता है जब वह किसी तेज रफ्तार वाहन में सवारी करते हैं। जैसे- कार या प्लेन। ऐसे लोगों को रेसिंग गेम देखने में भी डर महसूस होता है। ऐसे व्यक्ति कार में बैठने से भी डरते हैं। जिन लोगों को टैकोफोबिया होता है, उन्हें गाड़ी में बैठने से भी डर लगता है।
टैकोफोबिया के कारण- Causes of Tachophobia
- किसी हादसे का शिकार होना।
- किसी करीबी को हादसे में खो देना।
- नजरों के कमजोर होने से भी टैकोफोबिया हो सकता है।
टैकोफोबिया के लक्षण- Symptoms of Tachophobia
- तेज रफ्तार से डरना।
- रफ्तार में होने के दौरान तेज सांस लेना।
- कार में बैठकर चिंता और घबराहट महसूस करना।
- मतली या उल्टी की समस्या होना।
- कार में बैठकर पसीना आना या कांपना।
- कार में बैठने से चक्कर आना या दिल की धड़कन तेज होना।
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टैकोफोबिया का इलाज- Treatment of Tachophobia
टैकोफोबिया के इलाज के लिए साइकोलॉजिस्ट से संपर्क करें। 1 या 2 बार डर महसूस होना सामान्य है। लेकिन लंबे समय के लिए किसी चीज से डर लगने का अर्थ है कि वह एक मेडिकल कंडीशन बन चुका है। आपको इस स्थिति में डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। टैकोफोबिया के लिए डॉक्टर आपको सीबीटी थेरेपी (Cognitive-Behavioral Therapy) लेने की सलाह दे सकते हैं। इसके जरिए डॉक्टर व्यक्ति के अंदर छुपे डर के कारण को समझते हैं और उसका भ्रम दूर करते हैं। जिन मरीजों की स्थिति ज्यादा गंभीर होती है, उन्हें एंटीडिप्रेसेंट दवाएं भी दी जाती हैं।
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