Exposure therapy for Mental Health: जब किसी व्यक्ति को चिंता, डर या किसी तरह का फोबिया होता है, तो उसके लिए एक्स्पोजर थेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है। इसका मतलब होता है कि जब आप किसी बात से डरते हैं तो इस थेरेपी से धीरे-धीरे वह डर कम हो जाता है। हालांकि, किन लोगों के लिए एक्सपोजर थेरेपी इस्तेमाल की जाती है और यह कितने प्रकार की होती है। यह सब जानने के लिए हमने आर्टेमिस हॉस्पिटल की क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट कंसल्टेंट जैस्मीन अरोड़ा (Ms. Jasmine Arora, Consultant - Clinical Psychologist, Artemis Hospital) से विस्तार में बात की।
क्या है एक्सपोजर थेरेपी-What is exposure therapy?
एक्सपोजर थेरेपी एक मनोवैज्ञानिक चिकित्सा है। इसमें व्यक्ति को धीरे-धीरे उनके डर से सामना कराया जाता है, जिससे वह अपने डर पर काबू पा सके। इस थेरेपी का लक्ष्य किसी भी व्यक्ति की मेंटल हेल्थ को सुधारना है। हालांकि, शुरुआत में डर पर काबू कर पाना थोड़ा मुश्किल होगा, लेकिन समय के साथ डर लगना बंद हो जाता है। इस प्रक्रिया में व्यक्ति को उन चीजों के बारे में जानना होता है कि वह किन चीजों से डरता है।
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किन लोगों के लिए होती है एक्सपोजर थेरेपी-For whom is exposure therapy used?
एक्सपोजर थेरेपी सभी वर्ग के लोगों के लिए सुरक्षित मानी जाती है। इसमें बच्चे, टीनएजर्स, युवा और बुजुर्ग सभी अपने डर पर काबू पा सकते हैं। यह सभी लोगों के लिए फायदेमंद है।
फोबिया- जिन लोगों को किसी भी तरह का फोबिया है, जैसे मकड़ी, अंधेरा, ऊंचाई या पानी से डर होता है।
PTSD- पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर यानी PTSD एक ऐसी मानसिक स्वास्थ्य समस्या है जिसमें व्यक्ति बार-बार पुरानी दर्दनाक घटनाओं के बारे में सोचता रहता है। जो उसके जीवन में पहले कभी घट चुकी हैं।
OCD- ओसीडी OCD एक मानसिक स्वास्थ्य समस्या है, जिसमें व्यक्ति को यह विचार आते हैं कि वह बीमार है। उसको यह भी डर लग सकता है कि उसने कुछ गलत किया, जिस कारण वह कुछ भी करने से पहले कई बार सोचता है।
सोशल एंग्जायटी (social anxiety)- कुछ लोग होते हैं जिनको समाज में बात करने से नर्वस महसूस होता है। वह बातचीत करने, दोस्त बनाने या सामाजिक कार्यक्रम में भाग लेने से कतराते हैं।
इन सभी परेशानियों से निपटने के लिए एक्सपोजर थेरेपी काफी फायदेमंद है।
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एक्सपोजर थेरेपी कैसे काम करती है-How Exposure Therapy Works?
जब हम किसी चीज से डरते हैं, तो हमारा दिमाग हमको यही सिग्नल देता है कि इससे डरना ही अच्छा है। दरअसल, हमारा दिमाग सावधान रहने के लिए कहता है, लेकिन जब हम उस डर को एक्सपोज करते हैं, तो वह डर धीरे-धीरे खत्म हो जाता है। इसे कहते हैं डिसेन्सिटाइजेशन, यानी धीरे-धीरे डर खत्म होना।
एक्सपोजर थेरेपी कितने प्रकार की होती है-How many types of exposure therapy are there?
एक्सपोजर थेरेपी के मुख्य चार प्रकार होते हैं। एक-एक करके सभी पर नजर डालते हैं कि कौन सी थेरेपी कैसे काम करती है।
इन-विवो एक्सपोजर (in vivo exposure)
इन वीवो थेरेपी का मतलब है कि उस डर को सामने से फेस करना। जैसे, अगर आपको किसी चीज, किसी स्थिति या अन्य एक्टिविटी से डर लगता हो, तो उसका सामना करें। जैसे, आपको पानी से डर लगता है, तो उससे डरें नहीं, बल्कि तैरना सीखें, और फिर धीरे-धीरे जब आप पूरी तरह स्विमिंग सीख जाएंगे तो आपका पूरा डर निकल जाएगा। इसी तरह दूसरे उदाहरण से समझें: आपको ऊंचाई से डर लगता है, तो बिल्डिंग की सबसे ऊपर वाली मंजिल पर जाएं, उसके बाद नीचे देखें। शुरुआत में थोड़ा मुश्किल हो सकता है, लेकिन धीरे-धीरे आप अपने डर पर काबू पा सकते हैं।
इमेजिनल एक्सपोज़र (Imaginal exposure)
इमेजिनल एक्सपोजर थेरेपी में उन चीजों के बारे में गहराई से सोचते हैं जिन चीजों को सोचकर आपको डर लगता है, चिंता या घबराहट होती है। उदाहरण के तौर पर समझें तो, जैसे आपको इस बात का डर है कि उसने मुझे छोड़ दिया, तो मैं मर जाऊंगी। ऐसे में थेरेपिस्ट आपसे इस घटना के बारे में पूछेंगे, यानी कि आपको कल्पना करना होगा कि उसने आपको छोड़ दिया।
वर्चुअल रियलिटी एक्सपोज़र (Virtual reality (VR) exposure)
इस स्थिति में टेक्नोलॉजी के माध्यम से आप अपने डर का सामना करते हैं। कंप्यूटर या वीआर चश्मे की मदद से डर का अनुभव करवाया जाता है।
इंटरोसेप्टिव एक्सपोजर (Interoceptive exposure)
इसमें व्यक्ति को जब डर लगता है तो उसे क्या महसूस होता है, सांस फूलती है या चक्कर आते हैं? ऐसे में थेरेपिस्ट उस व्यक्ति को कुर्सी पर बिठाकर घुमाता है। वही चीजें करता है जिससे व्यक्ति का डर निकले।
इसी के साथ आपको यह भी बता दें कि यह थेरेपी धीरे-धीरे ही काम करती है। जैसे कि आपको उड़ने से डर लगता है, तो पहले आपको प्लेन का फोटो दिखाया जाएगा और वीडियो दिखाया जाएगा। फिर एयरपोर्ट पर ले जाया जाएगा। उसके बाद उड़ान के लिए ले जाया जा सकता है। हालांकि, यह सब काउंसलर पर निर्भर करता है।
निष्कर्ष
डर लगना गलत नहीं है। किसी व्यक्ति को किसी चीज से डर लगता है, लेकिन एक्सपोजर थेरेपी से वह अपने डर पर काबू पा सकता है। इसमें धीरे-धीरे व्यक्ति अपनी मेंटल हेल्थ में बड़ा सुधार कर सकता है। जरूरी है कि आप अगर इस स्थिति से जूझ रहे हैं तो किसी एक्सपर्ट की सलाह लें, जिसमें एक्सपोजर थेरेपी आपके बहुत काम आने वाली है।
FAQ
एक्सपोजर थेरेपी के क्या फायदे हैं?
एक्सपोजर थेरेपी से आप अपने डर पर काबू पा सकते हैं। यह थेरेपी आपकी मेंटल हेल्थ के सुधार के लिए काफी फायदेमंद है।एक्सपोजर थेरेपी के उद्देश्य क्या हैं?
एक्सपोजर थेरेपी का उद्देश्य बेवजह के डर को खत्म करना है।एक्सपोजर थेरेपी चिंता के लिए कैसे काम करती है?
ऐसे समझते हैं, आपको स्टेज पर बोलने से डर लगता है, आप लोगों के बीच में जाने से घबराते हैं, तो काउंसलर आपको छोटे ग्रुप में बोलने के लिए मोटीवेट करेगा, फिर धीरे-धीरे आपका स्टेज फियर खत्म हो जाएगा। हालांकि, यह भी हो सकता है कि पहले आपको खाली कमरे में बोलने के लिए कहे और आपको कल्पना करने के के लिए कहे कि मान लो कि यह कमरा लोगों से भरा हुआ है।