What is Epstein Pearls in Babies in Hindi: शुरूआती समय में शिशुओं की देखभाल करना बेहद जरूरी होता है। शिशुओं की इम्यूनिटी आमतौर पर कमजोर होती है, जिससे वे बार-बार और जल्दी बीमार पड़ते हैं। शिशु आमतौर पर अपनी समस्या किसी से नहीं बता सकते हैं। इसलिए माता-पिता को उनकी हर शारीरिक गतिविधियों का ध्यान रखना चाहिए। कई बार शिशु के मुंह के अंदर मसूड़ों में सफेद रंग के स्पॉट हो जाते हैं। आम भाषा में इन्हें Epstein pearls कहा जाता है। अगर आपके शिशु के मसूड़े में भी ऐसा निशान है तो यह इस समस्या का संकेत हो सकता है। आइये बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. इमरान पटेल से जानते हैं यह समस्या खतरनाक होती है या नहीं?
मसूड़ों का सफेद स्पॉट खतरनाक होता है या नहीं?
डॉ. इमरान के मुताबिक मसूड़ों में सफेद रंग के स्पॉट होना एक आम समस्या है। कई बार यह सिस्ट के रूप में भी निकल सकते हैं। यह एक फीजियोलॉजिकल कंडीशन है, जो पैलेट्स और मसूड़ों में देखी जाती है। यह एक बहुत ही कम नुकसानदायक स्थिति होती है, जो कुछ हफ्तों या महीनों में बिना किसी इलाज के ठीक हो जाती है। कुछ लोग इसे नए दांत निकलना मान लेते हैं, जबकि ऐसा बिलकुल नहीं होता है। यह मसूड़ों से जुड़ी एक समस्या है, जिससे शिशु को कोई नुकसान नहीं होता है।
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क्या होता है मसूड़ों का सफेद स्पॉट (Epstein pearls)?
मसूड़ों में सफेद दाग आमतौर पर यह छोटे बच्चों और नवजात शिशुओं में देखे जाते हैं। यह दाने कई बार सफेद और पीले रंग के भी हो सकते हैं। दरअसल, यह केराटिन नामक प्रोटीन से मिलकर बना होता है। आमतौर पर यह भ्रूण के ओरल टिशु में कई बार समस्या आने की वजह से भी हो सकता है। जैसे-जैसे शिशु के मुंह का आकार बढ़ता है, वैसे इन टिशु में केराटिन भी बढ़ने लगता है। आमतौर पर इन स्पॉट का आकार एक से 3 मिलिमीटर तक का होता है। ऐसी स्थिति होने पर आपको डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।