Doctor Verified

नवजात शिशु को दूध पिलाने की ड्रीम फीडिंग तकनीक क्या है? जानें इसे कैसे करवाएं

Dream Feeding Technique- रात को सोते समय अगर बच्चा भूख लगने के कारण बार-बार उठ जाते हैं तो आप उसे ड्रीम फीड करवा सकते हैं, आइए जानते हैं कैसे?
  • SHARE
  • FOLLOW
नवजात शिशु को दूध पिलाने की ड्रीम फीडिंग तकनीक क्या है? जानें इसे कैसे करवाएं


Dream Feeding Technique- माता-पिता बनने के बाद हर दिन न्यू पेरेंट्स के लिए नए चैलेंज से भरा होता है। ऐसे में नवजात शिशुओं की देखभाल करना बहुत ही मुश्किल काम होता है, जिसके दौरान माता-पिता अक्सर अपनी ओर ध्यान देना भी भूल जाते हैं। न्यू बोर्न बेबी के साथ सबसे मुश्किल काम रात भर जागना है, क्योंकि बच्चे अक्सर भूख लगने के कारण रात में बार-बार जागते हैं, और फिर दोबारा उन्हें सुला पाना मुश्किल हो जाता है। नींद पूरी न होने के कारण बच्चे अक्सर चिड़चिड़े भी हो जाते हैं, जिस वजह से वे रातभर रोते हैं और ठीक तरह से सो नहीं पाते हैं। बच्चों की इस समस्या को कम करने और पेरेंट्स अपनी नींद पूरी करने के लिए ड्रीम फीडिंग तकनीक को ट्राई कर सकते हैं। तो आइए किरण मल्टी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के कंसल्टेंट पीडियाट्रिशियन और न्यूबोर्न स्पेशलिस्ट डॉ. पवन मंडाविया से जानते हैं क्या है ड्रीम फीडिंग तकनीक? 

ड्रीम फीडिंग तकनीक क्या है? - What is Dream Feeding Technique in Hindi?

ड्रीम फीडिंग शिशुओं के साथ की जाने वाली एक ऐसी तकनीक है जिसमें आप उनके सोने के दौरान ही उन्हें दूध पिलाते हैं। इस तकनीक का उपयोग आप खुद के सोने से पहले करते हैं। इस तकनीक में यहीं कोशिश की जाती है कि बच्चे को उठाए बिना उनका पेट भरा जा सके, ताकि रात को बार-बार वे भूख के कारण न उठे। इस तकनीक में रात को करीब 10 से 11 बजे के बीच अपने सोते हुए शिशु को बैड से उठाकर कम लाइट में दूध पिलाना है और फिर उन्हें सुला देना है। 

शिशु को कैसे करवाएं ड्रीम फीडिंग? - How To Get Your Baby Dream Feeding in Hindi?

  • शिशु को ड्रीम फीडिंग करवाने के लिए ऐसा समय चुनें जब वे गहरी नींद में हो जैसे रात 10 से 12 बजे के बीच का समय। लेकिन ध्यान देना जरूरी है कि उस समय उनका पेट भरा हुआ न हो। 
  • अब अपने शिशु को बैड से आराम से उठाएं और अपनी गोद में सुलाएं, कोशिश करें कि बच्चा पूरी तरह से उठने न पाए। 
  • इसके बाद आप बच्चे को ब्रेस्ट फीड या बोतल से दूध पिलाएं। 
  • शिशु को उठाने के दौरान आप कमरे की लाइट को कम ही रखें, अगर संभव हो तो फोन के टोर्च की लाइट का भी यूज कर सकते हैं। 
  • शिशु को नींद में रखते हुए उन्हें धीरे-धीरे डकार दिलाने की कोशिश करें। 
  • दूध पिलाने के बाद, शिशु को वापस उनके स्थान पर सुला दें। 

शिशुओं को ड्रीम फीडिंग कराने के फायदे? - Benefits Of Dream Feeding Babies in Hindi?

  • सोते समय बच्चे को दूध पिलाने से उन्हें रात में देर तक सोने में मदद मिलती है, क्योंकि यह ड्रीम फीडिंग तकनीक उन्हें पूरी तरह से जगाए बिना पेट भरने में मदद कर सकता है। 
  • रात को भूख लगने के कारण नींद न पूरी होने की समस्या दूर हो सकती है। 
  • शिशुओं को ड्रीम फीडिंग करवाने से पेरेंट्स की नींद भी बार-बार खुलने से बच जाती है, जिससे उन्हें भी आराम मिल सकता है। 
 
 
 
View this post on Instagram

A post shared by Dr Pawan Mandaviya (@drpawan_clinic)

6 महीने तक के शिशुओं को आप ड्रीम फीडिंग तकनीक का उपयोग कर सकते हैं, इसके बाद बच्चे की खुराक बढ़ जाती है और उनके नींद का शेड्यूल भी ठीक हो जाता है।

Image Credit- Freepik

Read Next

गर्मी में बच्चों को बाजार की कोल्ड ड्रिंक पिलाने के बजाय घर पर बनाकर दें ये ऑरेंज मोइतो, जानें इसके फायदे

Disclaimer