ब्रेस्ट मिल्क न आने पर इस तरह करें मसाज, मिल सकता है फायदा

स्तनपान कराने वाली महिलाओं को कई तरह की समस्या हो सकती है जैसे स्तन में दर्द, दूध न बनना। इन समस्याओं को स्तन मसाज से दूर किया जा सकता है।
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ब्रेस्ट मिल्क न आने पर इस तरह करें मसाज, मिल सकता है फायदा

how to massage for breas milk in hindi : नई मांओं को स्वास्थ्य से जुड़ी कई तरह की समस्या का सामना करना पड़ता है। इसी में से एक है ब्रेस्ट फीडिंग से जुड़ी प्रॉब्लम। कई बार नई मांओं को दूध बहुत ज्यादा बनने लगता है तो कई मांओं को दूध बहुत कम बनता है और कई बार दूध स्तन में ही जम जाता है। इन वजहों से शिशु का पेट नहीं भरता और वह सारा दिन रोता रहता है। इससे उसका पूरी तरह विकास भी नहीं हो पाता है। ऐसे में जरूरी है कि नई मां इन समस्याओं से निपटने के लिए उपाय अपनाएं। कई महिलाएं इस तरह की प्रॉब्लम्स के लिए डॉक्टर द्वारा परामर्श की गई जरूरी दवाईयां लेती हैं, तो कुछ महिलाएं इसके लिए घरेलू उपाय, नुस्खे अपनाती हैं। इस तरह की परेशानी को दूर करने के लिए न्यू मॉम लेक्टेशन मसाज भी कर सकती हैं। लेक्टेशन मसाज में स्तन को अलग-अलग तरीके से मसाज किया जाता है और इस तरह की मालिश करने से ब्रेस्‍ट में दूध ज्‍यादा बनता और दूध की क्वालिटी भी बेहतर होती है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि लेक्टेशन मसाज कैसे करें और इसके अन्य क्या फायदे हैं।

how to do breast massage for breast milk

ब्रेस्ट मसाज करने का तरीका

  • सबसे पहले एक शांत जगह पर या सोफे पर बैठ जाएं। 
  • अपने दोनों हाथों की हथेलियों को आपस में रगड़ें ताकि हथेलियां गर्म हा जाएं। 
  • गर्म हथेलियों से सर्कुलर मोशन में ब्रेस्ट की मसाज करें। 
  • मसाज हल्के हाथों से करें।
  • शुरुआत में मसाज कुछ देर के लिए करें। 
  • जब दूध निकलने लगे तो मसाज करना बंद कर दें।
  • जब दूध आने की फ्रिक्वेंसी बढ़ जाए तो मसाज करना कम कर दें।
  • मसाज करने का सही समय दूध पिलाने से पहले और नहाने के दौरान है।
  • जब भी मसाज करें तो 30-40 मिनट तक करें।

ब्रेस्ट मसाज के अन्य फायदे

एक रिसर्च से यह बात सामने आई है कि ब्रेस्ट मसाज करने से ब्रेस्ट मिल्क प्रोडक्शन बढ़ने के अलावा कई अन्य फायदे भी होते हैं।

स्तन दर्द का कम होना : अगर किसी महिला को ब्रेस्ट इंफेक्शन, ब्रेस्ट फीडिंग के दौरान दर्द होता है, तो वे रेग्युलर मालिश करके इस तरह की तकलीफ को कम कर सकती हैं। इससे महिला को काफी आराम भी मिलता है। 

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निप्पल की नलियां खुलती हैं : स्तनों में दुग्ध नलिकाएं बहुत पतली होती हैं। कई बार इन पतली नलिकाओं से दूध नहीं निकल पाता है, जिससे स्तन में गांठ बन जाता है और दर्द होने लगता है। लैक्टेशन मसाज की मदद से दूध आसानी से निप्पल से निकल जाता है और महिला को दर्द से भी राहत मिल जाती हैं।

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स्‍ट्रेच मार्क्‍स कम होते हैं : अगर आपके स्तन में स्‍ट्रेच मार्क्‍स हैं, तो स्तनों की मसाज करें। रोजाना सही तरीके से तीस सेकंड तक मसाज करने से कोलाजन का उत्पादन होता है साथ ही दूध का फ्लो बढ़ता है।

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