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डायब‍िटीज के कारण कोमा में जा सकता है मरीज, डॉक्‍टर से जानें डायब‍िट‍िक कोमा के लक्षण, कारण और इलाज

डायबिटिक कोमा एक जानलेवा स्थिति है, जो ब्लड शुगर के ज्‍यादा बढ़ने या घटने से होती है और तुरंत इलाज की जरूरत होती है।
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डायब‍िटीज के कारण कोमा में जा सकता है मरीज, डॉक्‍टर से जानें डायब‍िट‍िक कोमा के लक्षण, कारण और इलाज


डायबिटिक कोमा डायबिटीज से जुड़ी एक गंभीर और जानलेवा स्थिति है। यह तब होती है जब मरीज के ब्लड शुगर का लेवल बहुत ज्‍यादा बढ़ जाता है या बहुत कम हो जाता है। यह स्थिति तब और भी खतरनाक हो जाती है जब डायबिटीज का इलाज सही तरीके से नहीं किया जाता है या मरीज अपने ब्लड शुगर लेवल को मॉनिटर नहीं करता है। डायबिटिक कोमा में मरीज बेहोश हो सकता है और इलाज न मिलने पर उसकी जान भी जा सकती है। डायबिटिक कोमा को रोकने के लिए लक्षणों की सही पहचान, समय पर इलाज और ब्लड शुगर को मैनेज करना जरूरी है। इसके अलावा, मरीजों को नियमित रूप से डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए और इमरजेंसी वाली स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए। इस लेख में हम डायबिटिक कोमा के लक्षण, कारण और इलाज के बारे में विस्तार से जानेंगे। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के केयर इंस्‍टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फ‍िजिश‍ियन डॉ सीमा यादव से बात की।

डायबिटिक कोमा के लक्षण- Diabetic Coma Symptoms

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डायबिटिक कोमा के लक्षण मरीज की ब्लड शुगर लेवल की स्थिति पर निर्भर करते हैं-

हाई ब्लड शुगर लेवल की स्‍थ‍ित‍ि में-

  • बहुत प्‍यास लगती है।
  • बार-बार पेशाब आता है।
  • मुंह सूख जाता है।
  • थकान और कमजोरी की समस्‍या होती है।
  • उलझन होती है या चक्कर आते हैं।

लो ब्‍लड शुगर लेवल की स्‍थ‍ित‍ि में-

  • भूख कम लगती है।
  • कंपकंपी या झटके महसूस होते हैं।
  • चिड़चिड़ापन होता है।
  • द‍िल की धड़कन तेज हो जाती है।
  • पसीना आता है।
  • बेहोशी या भ्रम की स्‍थ‍िति‍ होती है।

डायबिटिक कीटोएसिडोसिस की स्‍थ‍ित‍ि में-

इसे भी पढ़ें- डायबिटीज रोगियों को क्यों पड़ती है इंसुलिन की जरूरत? डॉक्‍टर से जानें

डायबिटिक कोमा के कारण- Causes of Diabetic Coma

  • जब मरीज इंसुलिन की पर्याप्त मात्रा नहीं लेता है या डायबिटीज कंट्रोल में नहीं रहती है, तो शुगर लेवल खतरनाक रूप से बढ़ सकता है।
  • जरूरत से ज्यादा इंसुलिन लेने या भोजन न करने की स्‍थ‍ित‍ि में ब्‍लड शुगर लेवल लो हो जाता है।
  • इंसुलिन की कमी के कारण शरीर फैट को तोड़ने लगता है, जिससे खतरनाक केटोन्स बनते हैं।

डायबिटिक कोमा का इलाज- Treatment of Diabetic Coma

डायबिटिक कोमा का इलाज मरीज की स्थिति पर निर्भर करता है-

  • हाई ब्‍लड शुगर लेवल की स्‍थि‍त‍ि में इंसुलिन इंजेक्शन के जरिए ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल किया जाता है।
  • डिहाइड्रेशन के लिए इंट्रावेनस फ्लूइड्स दिए जाते हैं।
  • लो ब्‍लड शुगर लेवल की स्‍थ‍िति‍ में मरीज को शुगर लेवल कंट्रोल करने के ल‍िए इंजेक्‍शन द‍िए जाते हैं।
  • डायबिटिक कोमा की स्‍थ‍ित‍ि में कुछ मरीजों को इंसुल‍िन थैरेपी और इलेक्ट्रोलाइट्स दिए जाते हैं।
  • इंफेक्‍शन होने पर एंटीबायोटिक्स दिए जा सकते हैं।

डायबिटिक कोमा से बचने के उपाय- Diabetic Coma Prevention Tips

  • ब्लड शुगर लेवल को नियमित रूप से मॉनिटर क‍िया जाता है।
  • इंसुलिन की मात्रा और समय का पालन क‍रना चाह‍िए।
  • स्वस्थ आहार और एक्सरसाइज को दिनचर्या में शामिल करें।
  • डिहाइड्रेशन से बचने के लिए पर्याप्त पानी पिएं।
  • लक्षणों को पहचानकर तुरंत इलाज लें।

डायबिटिक कोमा को समय रहते पहचानकर और सही इलाज से इस स्थिति को कंट्रोल क‍िया जा सकता है।

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